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आने वाले समय में ये होंगे स्वच्छ ऊर्जा के स्रोत, करना होगा इस्तेमाल
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय स्थित रज्जू भैया संस्थान के नवीकरण ऊर्जा केंद्र द्वारा एडवांस फंक्शनल मैटेरियल एवं आप्टो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज पर ई-संगोष्ठी आयोजित की गई।
जौनपुर: वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय स्थित रज्जू भैया संस्थान के नवीकरण ऊर्जा केंद्र द्वारा एडवांस फंक्शनल मैटेरियल एवं आप्टो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज पर ई-संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी के तीसरे दिन देश-विदेश के विभिन्न वैज्ञानिकों और प्रोफेसरों ने स्वच्छ ऊर्जा, नवीकरण ऊर्जा तथा सोलर ऊर्जा नैनोमेटेरियल तथा फंक्शनल मटेरियल पर महत्वपूर्ण व्याख्यान दिए।
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अधिकांश मांगें होंगी पूरी
एमआईटी, यूएसए के शोध वैज्ञानिक डॉ. महाड़ी तवाकोली ने उच्च क्षमता के पेरोस्काइट सोलर सेल की दिशा में हो रहे शोध कार्यों के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की तथा बताया कि आने वाले समय में सोलर सेल स्वच्छ ऊर्जा की अधिकांश मांग को पूरा करेंगे।
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बाईकैटलिस्ट नैनोवायर निभाएगा महत्वपूर्ण भूमिका
आईसर, कोलकाता के प्रो. स्यान भट्टाचार्य ने जिंक आयन बैटरी आधारित बैटरी के उपयोग से स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन पर विस्तृत रूप से चर्चा की। उन्होंने बताया की हाइड्रोजन ऊर्जा के उत्पादन में बाईकैटलिस्ट नैनोवायर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
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आईआईटी कानपुर के प्रो सुंदर कुमार अय्यर ने फ्लेक्सिबल ऑर्गेनिक सोलर सेल के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की साथ ही साथ उन्होंने नेशनल सेंटर फॉर फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक आईआईटी कानपुर में चल रहे शोध को भी लोगों के साथ साझा किया।
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इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो लोकेंद्र कुमार, दीन दयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी के डॉ. पंकज यादव तथा पोलैंड एकेडमी ऑफ साइंसेज के डॉ. डेनियल प्रोकोविच ने सोलर सेल के विकास तक विभिन्न आयामों पर विस्तृत रूप से चर्चा की तथा कहा कि आने वाले समय में सोलर सेल स्वच्छ ऊर्जा के प्रमुख स्रोत होंगे।
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आईओपी भुवनेश्वर के प्रो. टी सोम, शिव नादर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर शंकर शरण, जेएनयू दिल्ली के प्रो. केदार सिंह, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय विलासपुर के प्रो. पी के बाजपेई मटेरियल साइंस के विभिन्न आयामों के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की।
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48 विषय विशेषज्ञ हुए शामिल
संगोष्ठी के समापन समारोह में संयोजक डॉ. धीरेंद्र चौधरी ने बताया कि इस ऑनलाइन सम्मेलन में भारत समेत विश्व के 16 अन्य देशों के वैज्ञानिक व शोध छात्रों ने भाग लिया तथा 48 विषय विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण विषय पर अपने व्याख्यान दिए। आयोजन सचिव डॉ. सुजीत कुमार ने बताया कि सम्मेलन में कुल 128 प्रतिभागियों ने अपने शोध कार्य को ऑनलाइन प्रस्तुत भी किया। डॉ. काजल डे व डॉ. नितेश जायसवाल ने संगोष्ठी का संचालन किया। इस मौके पर रज्जू भैया संस्थान के निदेशक प्रो. देवराज सिंह तथा डॉ. प्रमोद यादव, डॉ. गिरिधर मिश्रा, डॉ. पुनीत धवन, डॉ. अजीत सिंह व अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।
रिपोर्ट: कपिल देव मौर्य