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विकास पर बड़ी कार्रवाई: 68 पुलिसकर्मी पर गिरी गाज, अब नए संभालेंगे कमान
उत्तर प्रदेश के कानपुर में बीते दिनों हुए एनकाउंटर में कार्रवाई का दौर जारी है। इस बीच मंगलवार रात को कानपुर के चौबेपुर थाने के सभी 68 पुलिसवालों को लाइनहाजिर कर दिया गया है।
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में बीते दिनों हुए एनकाउंटर में कार्रवाई का दौर जारी है। इस बीच मंगलवार रात को कानपुर के चौबेपुर थाने के सभी 68 पुलिसवालों को लाइनहाजिर कर दिया गया है। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने मुखबिरी के शक में थानेदार की भूमिका संदिग्ध पाए जाने के बाद मंगलवार रात बड़ी कार्रवाई करते हुए थाने पर तैनात सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। इन सभी पुलिसकर्मियों को पुलिस लाइन भेज दिया गया है। वहीं अब चौबेपुर थाने में नए 55 कांस्टेबल और हेडकांस्टेबल को तैनात किया गया है।
पूरे मामले में थाने की भूमिका संदिग्ध
बता दें कि इस पूरे मामले में पूरे थाने की भूमिका संदिग्ध रही है। मामले में विकास दुबे से सांठगांठ होने के शक में एसओ, दो दरोगा समेत चार पुलिसकर्मी को निलंबित किया जा चुका है। अभी सर्किल के कई और थानों के पुलिसकर्मियों की भूमिका पर भी शक किया जा रहा है।
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दोषी पर होगी सख्त से सख्त कार्रवाई
मामले में एसएसपी दिनेश कुमार ने कहा कि विकास दुबे से मुखबिरी के शक में चौबेपुर थाने के सभी पुलिस कर्मियों को हटाया गया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि मामले में अगर कोई पुलिसकर्मी दोषी पाया जाता है कि उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। गौरतलब है कि मामले में चौबेपुर थाना अध्यक्ष विनय तिवारी को को पहले ही निलंबित कर दिया गया था, उसके बाद थाने के दो दरोगा और एक आरक्षी को भी सस्पेंड किया गया है।
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विकास से मुखबिरी के शक में पुलिस कर रही पूछताछ
बता दें कि इस मामले में STF की टीम विकास दुबे से मुखबिरी के शक में चौबेपुर थाने के पुलिस कर्मियों से पूछताछ कर रही है। जिसके चलते चौबेपुर थाने में नए 55 कांस्टेबल और हेडकांस्टेबल को तैनात किया गया है। वहीं चौबेपुर थाने के सभी 68 पुलिसवालों को लाइन हाजिर कर दिया गया है। एसएसपी दिनेश कुमार ने इन सभी की यहां पर तैनाती की है। अब नए पुलिसकर्मियों से काम लिया जाएगा।
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शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा ने की थी कार्रवाई की मांग
वहीं शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा का कथित पत्र वायरल होने के बाद डीआईजी (एसटीएफ) अनंत देव तिवारी को हटा दिया गया। दरअसल, शहीद सीओ ने 14 मार्च को तत्कालीन एसएसपी अनंत देव तिवारी को एक पत्र लिखकर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी के बीच साठगांठ और गंभीर घटना की आशंका जताते हुए कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन तत्कालीन एसएसपी ने उनके इस पत्र पर ध्यान ना देते हुए कोई कार्रवाई नहीं की थी। वहीं इस पत्र सामने आने के बाद डीआईजी अनंत देव को हटा दिया गया है अब वो पीएसी मुरादाबाद सेक्टर के डीआईजी का कार्यभार संभालेंगे।
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विकास दुबे की तलाश में जोरो-शोरो पर जुटी पुलिस
वहीं दूसरी ओर पुलिस आठ पुलिसकर्मियों के हत्यारे विकास दुबे की तलाश में भी जोर-शोर से लगी हुई है। विकास को पकड़ने के लिए पुलिस ने दिल्ली से सटे हरियाणा के फरीदाबाद में छापेमारी की थी, लेकिन गैंगस्टर विकास वहां से भाग निकला। दरअसल, विकास दुबे के फरीदाबाद के एक गेस्ट हाउस में छिपे होने की सूचना मिली थी, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही वह फरार हो गया है। हालांकि पुलिस ने यहां विकास दुबे के तीन करीबी साथियों को हथियारों के साथ पकड़ा है।
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