इजरायल को चेतावनी: इन चार देशों ने दी धमकी, कहा- कब्जा छोड़ दें नहीं तो...

फ्रांस, जर्मनी, मिस्र और जॉर्डन ने मंगलवार को इजरायल को चेताया है कि वह फिलिस्तीन के स्वामित्व वाले इलाकों अपना कब्जा छोड़ दे।

Shreya
Published on: 8 July 2020 6:36 AM GMT
इजरायल को चेतावनी: इन चार देशों ने दी धमकी, कहा- कब्जा छोड़ दें नहीं तो...
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बर्लिन: फ्रांस, जर्मनी, मिस्र और जॉर्डन ने मंगलवार को इजरायल को चेताया है कि वह फिलिस्तीन के स्वामित्व वाले इलाकों अपना कब्जा छोड़ दे। इन सभी देशों ने इजरायल को परिणाम भुगतने की धमकी भी दी है। जर्मन विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि इन सभी देशों के विदेश मंत्रियों ने इजरायल और फिलिस्तीन के बीच बातचीत को फिर से शुरू करने के संबंध में चर्चा की। ये सभी देश अन्य कुछ यूरोपीय देशों के साथ इजरायल के वेस्ट बैंक के हिस्सों पर कब्जे की योजना के योजना का विरोध करते हैं। जिसे अमेरिकी प्रशासन एक शांति समझौते के रूप में प्रचारित कर रहा है।

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फिलिस्तीनी अथॉरिटी ने किया विरोध

फिलिस्तीनी अथॉरिटी ने इस कदम का विरोध किया है। वहीं संयुक्त राज्य अमेरिका ने अब तक इजरायल की इन योजनाओं को अपनी मंजूरी नहीं दी है। यूरोपीय और मध्य पूर्वी विदेश मंत्रियों ने अपने वीडियो सम्मेलन के बाद कहा कि 1967 में कब्जा किए गए फिलिस्तीनी क्षेत्रों को अपने देश में मिलाया जाना कानून अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन होगा और इसे शांति प्रक्रिया को कमजोर करने की कोशिश समझा जाएगा।

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सीमाओं में किसी भी तरह के बदलाव को मान्यता नहीं दी जाएगी

इस बयान में यह भी कहा गया है कि साल 1967 में बनी दोनों देशों की सीमाओं में किसी भी तरह के बदलाव को मान्यता नहीं दी जाएगी। इन सब के बाद इजरायल के साथ संबंधों में भी कुछ परिवर्तन आ सकता है। इस मसले पर इजरायल ने तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। लेकिन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय द्वारा एक अलग बयान जारी करते हुए यह भी कहा गया कि उन्होंने ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को सोमवार को ट्रम्प की "यथार्थवादी" शांति योजना के लिए प्रतिबद्ध होने के बारे में बताया था।

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ट्रम्प की शांति योजना के आधार पर बातचीत करने को तैयार

प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान में यह भी कहा गया कि इज़राइल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की शांति योजना के आधार पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं। ट्रंप प्रशासन की शांति योजना, जनवरी में सामने आई थी। जिसके तहत वेस्ट बैंक का करीब 30 प्रतिशत हिस्सा इजराइल के नियंत्रण स्थायी रूप से आ जाएगा। इजरायल को क्षेत्र के समायोजन के लिए लिए मंजूरी भी दे दी गई थी। लेकिन इस योजना का फिलिस्तीनियों ने पूरा विरोध किया। उनका कहना है कि यह पूरी तरह से इजरायल के हक में है।

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इजरायल करना चाहता है कि वेस्ट बैंक के हिस्से पर कब्जा

बता दें कि इजरायल की सरकार जॉर्डन घाटी सहित वेस्ट बैंक के 30 प्रतिशत से अधिक हिस्से को कब्जा करने की योजना बना रही है। इस क्षेत्र में कई इजरायली बस्तियों पर संप्रभुता लगाने की भी योजना है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा इन क्षेत्रों पर एक जुलाई तक विस्तारवादी नीति को लागू करने की घोषणा भी की गई थी। इसके बाद से ही दोनों पक्षों में तनाव बढ़ गया।

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