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चीन पर टूटा अमेरिका: दिखाया अपना आक्रामक रूप, ये है सबसे बड़ा खतरा

पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन दोनों देशों के बीच काफी दिनों से विवाद के चलते अमेरिका भी चीन पर आक्रामक रूप से हमला बोल रहा है। ऐसे में अमेरिका की तरफ से संदेश साफ है कि चीन के दुराचार को और नहीं सहा जाएगा

Newstrack
Published on: 8 July 2020 6:16 AM GMT
चीन पर टूटा अमेरिका: दिखाया अपना आक्रामक रूप, ये है सबसे बड़ा खतरा
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नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन दोनों देशों के बीच काफी दिनों से विवाद के चलते अमेरिका भी चीन पर आक्रामक रूप से हमला बोल रहा है। ऐसे में व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने बीते दिन यानी मंगलवार को कहा कि अमेरिका की तरफ से संदेश साफ है कि चीन के दुराचार को और नहीं सहा जाएगा। जीं हां यही कारण है कि अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में अपनी नौसेना को तैनात कर दिया है। अब अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) के डायरेक्टर ने चीन के खिलाफ अपना मोर्चा भी छेड़ दिया है।

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सुपरपावर बनने के लिए कोशिशें कर रहा

इसी मुद्दे पर अमेरिकी फैड्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (एफबीआई) के डायरेक्टर ने कहा है कि चीन की सरकार की जासूसी और चोरी जैसे कदम अमेरिकी भविष्य के लिए दूरगामी खतरा पैदा करते हैं। बता दें, वॉशिंगटन में हडसन इंस्टिट्यूट में एफबीआई डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे ने अपनी ये बातें सबके सामने कहीं।

आगे उन्होंने कहा कि चीन ने विदेशों में रह रहे चीनी नागरिकों को स्वदेश लौटने के लिए धमकाना शुरू कर दिया है। चीन अमेरिका की कोरोना वायरस रिसर्च को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। चीन किसी भी तरह से दुनिया का सुपरपावर बनने के लिए कोशिशें कर रहा है।

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चीन का खुलासा

बीते मंगलवार को हडसन इंस्टिट्यूट में लगभग एक घंटे के भाषण में एफबीआई डायरेक्टर ने अमेरिका की नीतियों को प्रभावित करने के लिए चीन द्वारा किए जा रहे हस्तक्षेेप, आर्थिक जासूसी, डेटा चोरी, गैर-कानूनी राजनीतिक गतिविधियां, घूस और ब्लैकमेलिंग जैसी तमाम बातों का विस्तार से बताते हुए चीन का खुलासा किया।

डायरेक्टर क्रिस्टोफर ने कहा, नौबत ये है कि हर 10 घंटे पर चीन से जुड़ा काउंटर-इंटेलिजेंस का मामला आ रहा है।अमेरिका में फिलहाल करीब 5000 काउंटर-इंटेलिजेंस के मामले हैं जिनमें से आधे चीन से ही जुड़े हैं।

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चीनी नागरिकों को टारगेट किया जा रहा

इसी सिलसिले में एफबीआई डायरेक्टर ने कहा, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने फॉक्स हंट नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया है जिसके तहत विदेशों में चीनी सरकार के लिए खतरा बने चीनी नागरिकों को टारगेट किया जा रहा है।

उन्होनें कहा- हम यहां मानवाधिकार हनन को लेकर चीन के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों और आलोचकों की बात कर रहे हैं। चीन की सरकार उन पर वापसी के लिए दबाव डालना चाहती है और इसके लिए चीन की चालबाजियां हैरान करने वाली हैं।

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चीन वापस आ जाए या आत्महत्या कर ले

इस पर अमेरिकी अधिकारी ने कहा, एक फॉक्स हंट टारगेट का पता नहीं लग पाने पर चीनी सरकार ने अमेरिका में उस शख्स के परिवार के पास एक प्रतिनिधि भेज दिया। उन्होंने उसके परिवार से कहा कि शख्स के पास दो विकल्प हैं या तो वह तुरंत चीन वापस आ जाए या आत्महत्या कर ले।

ऐसे में भारत अमेरिका समेत दुनिया तमाम देश चीन के खिलाफ है। चीन ने पहले ही दुनियाभर में कोरोना वायरस फैलाकर तबाही जैसी स्थिति बना दी है, और अब अपनी आर्थिक नीतियों के दम पर धोखेबाजी से दुनिया का शासक बनाने की कोशिश कर रहा है।

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