होम क्वारंटीन की बजाय खुलेआम घूम रहे प्रवासी, चुनाव की वजह से प्रधानों ने साधी चुप्पी

दूसरे प्रदेशों व जिलों से आने वाले लोगों को 21 दिन के लिए होम क्वारंटीन किए जाने के लिए बनाई गईं ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों की निगरानी समितियां फ्लॉप साबित हो रही हैं।

Ashiki
Published on: 15 May 2020 3:57 PM GMT
होम क्वारंटीन की बजाय खुलेआम घूम रहे प्रवासी, चुनाव की वजह से प्रधानों ने साधी चुप्पी
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कन्नौज: दूसरे प्रदेशों व जिलों से आने वाले लोगों को 21 दिन के लिए होम क्वारंटीन किए जाने के लिए बनाई गईं ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों की निगरानी समितियां फ्लॉप साबित हो रही हैं। आने वाले लोग भी नहीं मान रहे हैं। देश में हर रोज मिल रहे कोरोना पॉजिटिव मरीजों से भी ऐसे लोग सबक नहीं ले रहे हैं। नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए सैकड़ों ऐसे प्रवासी कामगार खुल्ला घूम रहे हैं। उनको अपने परिवार, समाज, गांव व जिले की चिंता नहीं है कि इस गलती व लापरवाही से महामारी बढ़ जाएगी।

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पंचायत चुनाव की वजह से प्रधानों को वोटों की चिंता

इस साल संभावित पंचायत चुनाव की वजह से प्रधानों ने भी चुप्पी साध रखी है। उनको अपने वोट बैंक की चिंता है, जिसकी वजह से वह गांव वालों से बैर नहीं मोल लेना चाहते हैं। नतीजा यह है कि घर पर ठहरने की बजाय लोग बाजारों में खरीदारी करते हैं। इधर-उधर भीड़ लगाते हैं। दूसरों को भी असुरक्षित कर रहे हैं। इससे आजिज लोगों ने गांव को सुरक्षित रखने के लिए कुछ ग्रामीणों ने खुद ही डंडा लेकर पहरेदारी शुरू कर दी है।

भयभीत हैं ग्रामीण

यूपी के कन्नौज जिला मुख्यालय से करीब 16 किमी दूर ब्लॉक जलालाबाद क्षेत्र के जसपुरापुर सरैया गांव में महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा और अहमदाबाद से बसों से भरकर काफी लोग आए हैं। इनसे गांव के लोग परेशान हैं, कारण आने वाले ज्यादातर लोग 21 दिन के होम क्वारंटीन का पालन करने की बजाय इधर-उधर घूमते हैं। क्षेत्र में बर्छज्जापुर, रैगावां, परसपुरपुरवा समेत कई गांव में सैकड़ों लोगों ने दस्तक दी है।

आरोप है कि बाहर से आने वाले यह लोग ठेके से शराब खरीदते हैं, फिर हंगामा करते हैं। सब्जी, फल व अन्य दुकानों से भी सामान खरीदते हैं। इसी के चलते गांव वालों ने बैरीकेडिंग कर दी है कि लोग इधर-उधर न घूमे। डंडा लेकर पहरेदारी भी होती है।

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यहां भी आए हैं खूब

दूसरे प्रदेशों से आए कई युवक होम क्वारंटीन नही हुए हैं, इससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा है। गांव में लोगों के बीच नाराजगी है। आरोप है कि प्रधान आने वाले पंचायत चुनाव की वजह से अपना नुकसान नहीं चाहते हैं, भले ही महामारी फैल जाए। जिसकी वजह से निगरानी समितियां निष्क्रिय हैं।

ज्यादातर प्रधान बाहर से आने वालों की सूचना प्रशासन को नहीं दे रहे हैं और न ही 21 दिन के लिए होम क्वारंटीन का नियम फॉलो किया जा रहा है। क्षेत्र के उदैतापुर, मियांगंज, मेहंदीपुर, मडहरपुर, नाहरघाटी, मोचीपुर, सैय्यदपुर सकरी आदि गांव में महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात व दिल्ली से काफी संख्या में लोग आए हैं।

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यहां के लोगों ने नहीं कराई जांच

कन्नौज क्षेत्र के जलालपुर सरवन, गुरौली, निस्तौली, रूरा, अहमदपुर रौनी आदि कई गांव में महाराष्ट्र से आने वालों की संख्या खूब है। इसके बाद भी लोग स्वास्थ्य की जांच कराने नहीं गए हैं। सम्बंधित जनप्रतिनिधियों ने भी इसकी सूचना जिला प्रशासन को नहीं दी है। जबकि डीएम राकेश मिश्र ने कहा है कि जो लोग बाहर से आ रहे हैं, उनको अपने घरों में ही रोका जाए। दूसरों के घरों पर जाने पर कार्रवाई हो सकती है। डीएम ने लोगों से अपील भी की है कि लोग अपने परिचितों, रिश्तेदारों को घरों पर न रोकें।

डीएम ने लिखी है चिट्ठी

डीएम राकेश मिश्र ने कई अधिकारियों को चिट्ठी लिखी है। आदेश दिए हैं कि जो भी लोग दूसरे प्रदेशों से अपने घरों को पैदल जा रहे हैं, उनको रोका जाए। बसों व अन्य साधनों से सम्बंधित जिलों को भेजा जाए। डीएम ने कहा है कि पलायन हो रहे मजदूरों को दिक्कत न हो।

आगरा-लखनऊ प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे से इन दिनों हर रोज हजारों की संख्या में लोग ट्रक, डीसीएम, बस, साइकिल व बाइक से अपने-अपने घरों में जा रहे हैं। भूख-प्यासे लोगों को सिर्फ घर पहुंचने की चिंता है। दिल्ली, नोयडा, पंजाब, हरियाणा, गुडगांव, गाजियाबाद, जयपुर आदि से आने वाले लोग बिहार, लखनऊ, गोरखपुर, उन्नाव व हरदोई की ओर जा रहे हैं।

रिपोर्ट: अजय मिश्रा

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