TRENDING TAGS :
Navratri Special: यूपी के इन मंदिरों की है खास महिमा, यहां भक्तों की लंबी कतारें
नवरात्र में नौ दिन माता के जयकारों से हर मन हर्षित हो उठता है। हर भक्त मां के दर्शन को उतावला रहता है। ऐसे में चलिए हम आपकों बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में मां के ऐसे मंदिरों के बारे में, जहां पर मां के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी लाइन लगती हैं।
लखनऊ। नवरात्र के दिनों में मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता है। भक्तों की लंबी कतारे ही मां के लिए उनकी श्रद्धा का एहसास दिला देती हैं। इस साल देश में फैली महामारी की वजह से मंदिरों का माहौल हर बार से इस बार काफी बदला हुआ रहेगा। भक्तों को काफी ध्यान से और महामारी से बचते हुए इस बार मांं की पूजा-अर्चना करनी है। और मां से ये प्रार्थना भी करनी है कि जल्द से जल्द इस महामारी को हमारे देश से दुनिया से भगा दें।
ये भी पढ़ें... पाकिस्तान ने रची बड़ी साजिश: भारतीय सेना ने ऐसे किया फेल, उल्टे पांव भागे आतंकी
माता के जयकारों से हर मन हर्षित हो उठता
नवरात्र में नौ दिन माता के जयकारों से हर मन हर्षित हो उठता है। हर भक्त मां के दर्शन को उतावला रहता है। ऐसे में चलिए हम आपकों बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में मां के ऐसे मंदिरों के बारे में, जहां पर मां के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी लाइन लगती हैं।
ये भी पढ़ें... खूंखार आतंकी ढेर: सेना का ताबड़तोड़ एनकाउंटर जारी, नहीं बचेगा कोई दुश्मन
मां शैलपुत्री का प्राचीन मंदिर
मां शैलपुत्री की पूजा नवरात्रि के पहले दिन की जाती है। वाराणसी के अलईपुर क्षेत्र में मां शैलपुत्री का प्राचीन मंदिर है। मां के इस मंदिर की मान्यता है कि नवरात्र के पहले दिन इनके दर्शन से भक्तों की हर मुराद पूरी होती है। मां के दर्शन मात्र से ही वैवाहिक कष्ट दूर हो जाते हैं।
मां पाटन देवी मंदिर
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के तुलसीपुर में मां पाटन देवी मंदिर है। यह मंदिर बलरामपुर से 29 किलोमीटर, गोंडा से 65 किलोमीटर, गोरखपुर से 150 किलोमीटर की दूरी पर है। ऐसा कहा जाता है कि पटेश्वरी माता अपने भक्तों की हर कामना को जरूर पूरा करती हैं।
तरकुलहा मंदिर
यूपी के गोरखपुर से 20 किलोमीटर दूर तरकुलहा मंदिर है। बताया जा है कि इस मंदिर का इतिहास भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा हुआ है। ये एकमात्र मंदिर है, जहां प्रसाद के रूप में मटन दिया जाता हैं। यहां पर बकरे की बलि चढ़ाई जाती है। इसके बाद बकरे के मांस को मिट्टी के बरतनों में पकाकर प्रसाद के रूप में बांटा जाता हैं।
ये भी पढ़ें...अभी नहीं खुलेंगे मंदिर: सरकार ने जारी की गाइडलाइन, इनसे हटी पाबंदी
मां ललिता देवी का प्रसिद्ध मंदिर
(फोटो: सोशल मीडिया)
राजधानी लखनऊ से 90 किलोमीटर दूर मां ललिता देवी का प्रसिद्ध मंदिर है। सीतापुर के मिश्रिख के पास नैमिषधाम स्थित मां ललिता देवी का भव्य मंदिर है। मान्यता है कि यहां मांगी गयी हर मुराद पूरी होती है।
ये भी पढ़ें... तेज बारिश का तांडव: हैदराबाद का प्रलय नहीं थमेगा अभी, हाई अलर्ट पर शहर
मां चन्द्रिका देवी का धाम
राजधानी लखनऊ में मां चन्द्रिका देवी का धाम है। यहां हर दिन हजारों भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं और नवरात्र के 9 दिनों तक भक्तों की अच्छी खासी भीड़ लगी रहती है। मनोकामना पूरी करने के लिए भक्त मां के दरबार में आकर मन्नत माँगते हैं, चुनरी की गांठ और मंदिर परिसर में घंटा बांधते हैं।
मां बारा देवी मंदिर
(फोटो: सोशल मीडिया)
यूपी के कानपुर में बारा देवी मंदिर यहां सालों से भक्तों का तांता लगता है। ऐसा कहा जाता है कि यहां स्थापित देवी मां की मूर्ति 1700 साल पुरानी है।
कालीबाड़ी मंदिर
बरेली में कालीबाड़ी मंदिर काफी पुराना है। यहां के शाहमतगंज इलाके में स्थित इस मंदिर में भक्तों का लंबी कतारें लगी रहती हैं। यहां हर सोमवार और शनिवार यहां भक्तों की काफी भीड़ होती है। लोगों की मनोकामना भी पूरी होती है।
ये भी पढ़ें...शारदीय नवरात्र: प्रशासन ने जारी की गाइडलाइंस, दिए गए निर्देशों का पालन जरुरी