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यहां न ICU, ना ही वेंटिलेटर आखिर कोरोना से कैसे लड़ेंगे जंग...
कोरोना के संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़ने की संभावना को देखते हुए सरकार पूरी तरह से एक्टिव मोड पर है। इसके लिए वह जिला अस्पताल को पूरी तरह तैयार करने के साथ ही आयुष्मान भारत योजना के तहत चयनित अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं का ब्योरा जुटाने में लग गई है।
अम्बेडकरनगरः कोरोना के संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़ने की संभावना को देखते हुए सरकार पूरी तरह से एक्टिव मोड पर है। इसके लिए वह जिला अस्पताल को पूरी तरह तैयार करने के साथ ही आयुष्मान भारत योजना के तहत चयनित अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं का ब्योरा जुटाने में लग गई है।
जिला अस्पताल के साथ ही निजी अस्पतालों में भी सुविधाओं का घोर अभाव
सोमवार को सरकार द्वारा ऐसे चिकित्सा संस्थानों को मेल भेज कर उनसे अस्पताल में उपलब्ध व्यवस्थाओं का ब्योरा मांगा गया है। सरकार द्वारा मांगे गये इस ब्योरे के बाद इन अस्पताल संचालकों के हाथ पांव फूल गये हैं।
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सरकार ने आयुष्मान भारत योजना में चयनित अस्पतालों से मांगा व्यवस्थाओं का ब्योरा
उल्लेखनीय है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत चयनित किये गये अस्पतालों में आईसीयू, डायलिसिस, वेंटीलेटर, डिफेब्रीलेटर की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग की कृपा से इस योजना के तहत चयनित चिकित्सालयों के संचालकों ने शपथ पत्र देकर अपने अस्पताल में निर्धारित अवधि के अन्दर इन सुविधाओं को उपलब्ध कराने को कहा था।
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सवाल, आखिर कब तक शपथ पत्र पर चलता रहेगा आयुष्मान योजना का अनुबंध
इन्हीं शर्तों के अधीन इन अस्पतालों को आयुष्मान भारत योजना के तहत चयनित किया गया था लेकिन यह चिकित्सालय अभी तक इन सुविधाओं को उपलब्ध करा पाने से कोसों दूर हैं। जिला मुख्यालय पर रामा हास्पिटल, कनक हास्पिटल, साकेत हास्पिटल को आयुष्मान भारत योजना के तहत चयनित किया गया है।
अस्पताल में सुविधायें नदारद
रामा हास्पिटल में डायलिसिस की सुविधा तो उपलब्ध है लेकिन अन्य सुविधायें नदारद हैं। अन्य दोनों अस्पतालों में इन सभी व्यवस्थाओं का अकाल है। ऐसी स्थिति में यदि सरकार ने इन अस्पतालों को अपने अधिकार क्षेत्र में लिया तो वहां कोरोना पीड़ितों का इलाज कैसे सम्भव हो सकेगा, यह एक बड़ा सवाल है।
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नही कर रहे अनुबंध समाप्त करने की पहल
हैरत इस बात को लेकर है कि जिले के स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी चयनित अस्पतालों की कारस्तानी से पूरी तरह भिज्ञ हैं लेकिन वे इसके बावजूद अपनी उपलब्धि को दिखाने के उद्देश्य से इनका अनुबंध समाप्त करने की पहल नही कर रहे हैं।
व्यवस्थाओं को उपलब्ध कराने के निर्देश
स्पष्ट है कि सरकार को गलत सूचनाएं प्रेषित कर व्यवस्थाओं के चाक चैबंद होने का दावा किया जा रहा है जबकि हकीकत इससे पूरी तरह जुदा है। इस सम्बन्ध में आयुष्मान भारत के नोडल अधिकारी डाॅ0 आशुतोष सिंह ने कहा कि योजना के तहत चयनित अस्पताल के संचालकों को सभी व्यवस्थाओं को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं। यदि ऐसा नही होता है तो उनका अनुबन्ध समाप्त कर दिया जायेगा।
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गौरतलब है जिला अस्पताल में डायलिसिस व वेंटीलेटर की सुविधा उपलब्ध नही है जबकि महामाया ऐलोपैथिक मेडिकल कालेज में वेंटीलेटर की सुविधा तो उपलब्ध है लेकिन वहां चिकित्सकों के अभाव में उसका संचालन न के बराबर हो रहा है।
स्टाफ के साथ अस्पताल भी देने का दिया प्रस्ताव
रामा हास्पिटल के संचालक डाॅ0 एसके वर्मा ने बताया कि उनके पास पांच बेड का आईसीयू है तथा मिनी वेंटीलेटर की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि डिफेब्रीलेटर की सुविधा अस्पताल में उपलब्ध नही है। इसके अलावा कनक हास्पिटल के संचालक डाॅ0 आलोक पाण्डेय ने भी कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए अपने अस्पताल को पूरे स्टाफ के साथ सरकार के सुपुर्द करने का प्रस्ताव दिया है।
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