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भाजपा और कांग्रेस करती हैं धर्म का राजनीतिक इस्तेमाल: मायावती

बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने विपक्षी दलों खासतौर पर भाजपा और कांग्रेस पर हमलावर होते हुए कहा है कि यह पार्टियां धर्म का राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करती है।

Harsh Pandey
Published on: 6 Nov 2019 4:55 PM GMT
भाजपा और कांग्रेस करती हैं धर्म का राजनीतिक इस्तेमाल: मायावती
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लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने विपक्षी दलों खासतौर पर भाजपा और कांग्रेस पर हमलावर होते हुए कहा है कि यह पार्टियां धर्म का राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करती है।

जबकि बसपा इस मामले में भी संविधान की सच्ची व सही मंशा के हिसाब से काम करके कभी भी धर्म का राजनीतिक इस्तेमाल नहीं करती है।

बसपा सुप्रीमो ने कहा...

मुस्लिम वोट बैंक को साधने के लिए मायावती ने मुनकाद अली को फिर से बसपा का प्रदेश अध्यक्ष और अमरोहा से बसपा सांसद दानिश अली को दोबारा बसपा लोकसभा संसदीय दल का नेता बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के मामले में धारा 370 को लेकर बसपा ने भाजपा के कहने पर नहीं बल्कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की सोच के आधार पर चलकर ही फिर देश व खासकर जम्मू-कश्मीर के हित में ही इस पर अपना सही फैसला लिया है जिसे लेकर भी मुसलमानों को गुमराह करने में लगे है।

इसके सात ही उन्होंने कहा है कि कभी धारा 370 तो कभी तीन तलाक आदि को लेकर ये लोग धर्म की आड़ में राजनीति करने में लगे हैं जिनसे इन्हें जरूर सावधान रखना है, जबकि सभी जानते है कि बसपा ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए कभी भी धर्म का गलत इस्तेमाल नहीं किया है।

विधानसभा उपचुनाव नतीजों की समीक्षा के दौरान बसपा सुप्रीमों ने कहा कि पूरा देश जानता है कि कांग्रेस सरकार में ही वोट की राजनीति की खातिर 22-23 दिसम्बर 1949 की रात को अयोध्या में बाबरी मस्जिद की गुम्बद के नीचे मूर्ति रखी गयी थी।

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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसी कांग्रेस सरकार ने वर्ष 1986 में बाबरी मस्जिद का दशकों से बंद पड़े गेट का ताला खुलवाकर वहां हिन्दुओं को अन्दर पूजा-पाठ करने की इजाजत दी थी और यह सब इसलिए किया गया था ताकि शाहबानों तलाक के मामले में वर्ष 1985 में सुप्रीम कोर्ट का खासकर गुजारे-भत्ते को लेकर, जो फैसला आया था तो उसे फिर केन्द्र की कांग्रेसी सरकार ने मुसलमानों को खुश करने के लिए।

उन्होंने कहा कि यह कहकर मानने से इन्कार कर दिया था कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का नहीं बल्कि शरीयत का अपना कानून ही लागू होगा।

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लेकिन फिर इससे नाराज हुये हिन्दू समाज के लोगों को खुश करने के लिए इसी कांग्रेस सरकार ने 9 नवम्बर 1989 को विश्व हिन्दू परिषद को वहां पर मन्दिर के लिए शिलान्यास समारोह करने की इजाजत दे दी थी।

भाजपा और आरएसएस...

मायावती ने कहा कि इतना ही नहीं बल्कि कांग्रेस की केन्द्र सरकार ने ही राजनीतिक षडयन्त्र के तहत् भाजपा और आरएसएस को 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में स्थित बाबरी मस्जिद व राम-मन्दिर विवादित स्थल को तोड़ने की भी छूट दे दी थी।

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हालांकी इसके पूर्व में मुलायम सिंह यादव की भी सरकार में, जो यह कहा गया था कि अयोध्या में परिन्दा भी पर नहीं मारेगा, लेकिन इनके इस दिये गये उत्तेजक बयानबाजी के कारण फिर पूरे उत्तर प्रदेश में दंगे-फसाद हुये, जिससे उस समय खासकर यहां मुसलमानों को बड़े-पैमाने पर जानी-माली नुकसान पहुंचा था और फिर इसके बाद इन सबका भाजपा ने राजनीतिक तौर पर काफी भरपूर फायदा उठाया है।

मायावती ने कहा कि यूपी विधानसभा उपचुनाव में बसपा के दलित-मुस्लिम गठजोड़ से घबरा कर सपा और सत्तारूढ़ भाजपा ने षड़यंत्र के तहत मिल कर बसपा को एक भी सीट नहीं जीतने दी।

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Harsh Pandey

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