×

जानें कौन है सुदीक्षा: चाय वाले की बेटी पहुंची US, ऐसे मिली 3 करोड़ की स्कॉलरशिप

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के गांव चरौरा मुस्तफाबाद के पास सोमवार सुबह हुए एक रोड एक्सीडेंट में अमेरिका में पढ़ने वाली एक होनहार छात्रा की मौत हो गई।

Shreya
Published on: 11 Aug 2020 1:18 PM IST
जानें कौन है सुदीक्षा: चाय वाले की बेटी पहुंची US, ऐसे मिली 3 करोड़ की स्कॉलरशिप
X
Sudeeksha Bhati Accident

बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के गांव चरौरा मुस्तफाबाद के पास सोमवार सुबह हुए एक रोड एक्सीडेंट में अमेरिका में पढ़ने वाली एक होनहार छात्रा की मौत हो गई। इस होनहार छात्रा का नाम था सुदीक्षा भाटी। सुदीक्षा अपने चाचा के साथ अपने रिश्तेदार के घर जा रही थी, तभी उनकी बाइक एक बुलेट से टकरा गई और छात्रा ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जबकि उसका भाई गंभीर रूप से घायल हो गया है। इस हादसे के पीछे वो मनचले युवक थे, जो छात्रा का पीछा कर रहे थे।

इस वजह से हुआ सुदीक्षा का एक्सीडेंट

परिवार का आरोप है कि जब बाइक से वह औरंगाबाद जा रहे थे तो बुलेट सवार दो मनचले उनकी बाइक का पीछा कर रहे थे। वो युवक सुदीक्षा की बाइक के आगे-पीछे घूम-घूमकर उसके साथ छेड़खानी कर रहे थे। वो सुदीक्षा पर कमेंट भी पास कर रहे थे। यही नहीं, ये युवक चलते-चलते स्टंट भी कर रहे थे। इसी दौरान उन सिरफिरों ने अचानक अपने बुलेट का ब्रेक लगा दिया, जिसके चलते सुदीक्षा की बाइक की टक्कर बुलेट से हो गई। इस हादसे में बाइक गिर गई और छात्रा घायल हो गईं। सुदीक्षा की मौके पर ही मौत हो गई।

यह भी पढ़ें: सुदीक्षा की मौत पर भड़की मायावती, उठाये सवाल, योगी सरकार से की बड़ी मांग

चाचा के साथ अपने मामा के घर जा रही थीं सुदीक्षा

गौतमबुद्ध नगर के दादरी की रहने वाली होनहार छात्रा सुदीक्षा भाटी स्कॉलरशिप पर अमेरिका के बॉब्सन में पढ़ाई कर रही थीं। हाल ही में छुट्टियां मनाने वो अपने घर पर आई हुई थीं। जब सुदीक्षा के साथ ये हादसा हुआ तो वो अपने चाचा के साथ अपने मामा के घर औरंगाबाद जा रही थीं। अपने शिक्षा के दम पर अमेरिका पढ़ाई के लिए पहुंची सुदीक्षा गांव और देश की अन्य लड़कियों को भी शिक्षित करना चाहती थी।

यह भी पढ़ें: मिल मालिकों को राहत देने की तैयारी, चीनी के दामों में हो सकती है इतने की बढ़ोतरी

बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रही थी सुदीक्षा

सुदीक्षा अमेरिका के मसाचुसेट्स स्थित बोस्टन यूनिवर्सिटी में करोड़ों की स्कॉलरशिप से बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रही थी। सुदीक्षा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूल से की है। यहां उन्होंने पांचवीं क्लास तक पढ़ाई की थी। सुदीक्षा ने कक्षा 12 में बुलंदशहर टॉप किया। सुदीक्षा ने 98 फीसदी अंक हासिल किए थे। इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए उसका चयन अमेरिका के एक कॉलेज में हुआ था।

यह भी पढ़ें: चीन होगा बर्बाद: रुला देगी तबाही, 100 सालों में नहीं देखा ऐसा मंजर, होगी ऐसी किल्लत

Girl Student Died In Road Accident

सरकार ने दी थी 3.80 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप

सुदीक्षा 12वीं में थी तो स्कूल में उच्च स्तर की पढ़ाई के लिए फॉर्म भरवाए गए थे। सुदीक्षा ने अमेरिकी सरकार से स्कॉलरशिप के लिए आवेदन किया था। वहां की सरकार ने सुदीक्षा को तीन करोड़ 80 लाख रुपये की स्कॉलरशिप दी थी। सुदीक्षा एक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता ढाबा चलाते हैं। ऐसे में स्कॉलरशिप हासिल कर अमेरिका जाकर उसने परिवार, क्षेत्र और समाज का नाम रोशन किया था। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने उनका सम्मान भी किया था।

यह भी पढ़ें: पाकिस्तान से आया फोन: बजी मौत की घंटी, BJP सांसद को मिली ये धमकी

20 अगस्त को अमेरिका लौटना था वापस

सुदीक्षा जुलाई, 2018 में पढ़ाई के लिए अमेरिका गई थी। बताया जा रहा है कि सुदीक्षा भाटी को 20 अगस्त को अमेरिका वापस लौटना था। लेकिन इससे पहले ही इस होनहार छात्रा की सांसे उन सिरफिरे युवक की वजह से छीन गई। गौतमबुद्ध नगर के दादरी की रहने वाली सुदीक्षा हाल ही में छुट्टियां मनाने अपने घर पर आई हुई थी। कोरोना वायरस के कारण सुदीक्षा 14 मार्च को अमेरिका से भारत वापस आई थीं।

यह भी पढ़ें: पायलट का बड़ा बयान: कांग्रेस में वापसी पर कही ये बात, मांगी ऐसी चीज

पिता की है परचून की दुकान

सुदीक्षा के पिता की चाय की दुकान थी। फिलहाल परचून की दुकान है। वहीं परिवार का पालन पोषण कर रहे थे। सुदीक्षा की तीन बहन और दो भाई हैं और वो अपने भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं। पूरे परिवार को उम्मीद थी कि पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद सुदीक्षा अपने घर की जिम्मेदारी संभालेंगी। तीन साल की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी, लेकिन सुदीक्षा की मौत ने परिवार के सपनों को तोड़ कर रख दिया।

गांव और देश की अन्य लड़कियों को शिक्षित करना था सपना

सुदीक्षा गांव और देश की अन्य लड़कियों को भी शिक्षित करना चाहती थीं। इसलिए वो अमेरिका से आने पर गांव की लड़कियों को पढ़ाती थीं। सुदीक्षा अपने परिवार वालों से कहती थी कि 20 साल की एक योजना बनाई है। उनकी चाह थी कि एनजीओ बनाकर गांव और देश की लड़कियों को शिक्षित करें। सुदीक्षा का मानना था कि अगर लड़कियां शिक्षित हो जाएंगी तो देश की कई समस्याओं का समाधान हो जाएगा।

यह भी पढ़ें: सबसे खतरनाक सांप ने दिया 33 बच्चों को जन्म, देखने के लिए लोगों में मची होड़

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Shreya

Shreya

Next Story