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कोरोना टेस्टिंग न होने के चलते बलिया में मजदूर बन रहे आफत

प्रवासी मजदूर बलिया जिले की सेहत के लिये खतरा बन गए हैं। सोमवार को कोरोना के 16 नये रोगी मिले, इसके साथ ही जिले में रोगियों की कुल संख्या 30 हो गई है।

Ashiki
Published on: 25 May 2020 9:24 PM IST
कोरोना टेस्टिंग न होने के चलते बलिया में मजदूर बन रहे आफत
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बलिया: प्रवासी मजदूर बलिया जिले की सेहत के लिये खतरा बन गए हैं। सोमवार को कोरोना के 16 नये रोगी मिले, इसके साथ ही जिले में रोगियों की कुल संख्या 30 हो गई है। जिलाधिकारी हरि प्रताप शाही ने बताया कि सोमवार को कोरोना के 16 नये रोगी मिले हैं। इनकी उम्र 10 से लेकर 45 वर्ष है।

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हिंदी के प्रख्यात समालोचक हजारी प्रसाद द्विवेदी का गांव दुबहर ब्लॉक के ओझवलिया के सर्वाधिक 4 रोगी मिले हैं । इसके साथ ही बांसडीह ब्लाक के केवरा ग्राम, नगरा ब्लॉक के डिहवा ग्राम व रेवती ब्लॉक के बिसौली ग्राम के दो-दो रोगी हैं। इसके अलावा छह रोगी अलग अलग ग्रामों के हैं।

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उन्होंने बताया कि जिले में 10 कंटेन्मेंट जोन अब और बन गए, इस तरह कुल जोन 18 हो गए हैं। उन्होंने बताया कि जिले में कोरोना रोगियों की अब कुल संख्या 30 हो गई है। उन्होंने बताया कि सभी नये रोगियों को आइसोलेट करने के साथ ही इनके संपर्क में रहने वाले लोगों की शिनाख्त की जा रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना के सभी रोगी प्रवासी हैं, जो हाल ही में बलिया आये हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को कोरोना हेल्थ बुलेटिन जारी किया है।

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बुलेटिन के अनुसार 24 मई को 6 नाबालिगों सहित कुल 73 नमूने लिये गये। 24 मई तक कुल सैम्पल की संख्या 1437 है, जिसमें 1064 सैम्पल की नेगेटिव रिपोर्ट प्राप्त हुई है। बात यह है कि अधिकांश रोगी बैरिया व पड़ोसी क्षेत्र के हैं। बैरिया के भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह दावा करते रहे हैं कि वह हल्दी व गो मूत्र के सेवन के जरिये कोरोना का उपचार कर सकते हैं।

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बलिया जिले की आबोहवा व सेहत के लिए प्रवासी कामगार खतरा हो गए हैं । जिले के नगरीय क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवासी कामगारों की रोजाना आवाजाही हो रही है। कामगारों के लिए चली विशेष ट्रेनों को चेनपुलिंग कर प्रवासी उतर कर घर पहुंच रहे हैं। इनका न तो स्वास्थ्य परीक्षण हो रहा है और न ही प्रशासन इनकी सूची तैयार कर पा रहा है। इनको लेकर गांव से लेकर शहर के मोहल्ले तक स्थिति विकट हो गई है। आये दिन झड़प की घटना हो रही है। निगरानी के लिए बनी समिति भी केवल कागजी खानापूर्ति तक सिमट कर रह गई है।

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प्रशासन द्वारा प्रवासी कामगारों को गृह एकांतवास रहने व क्वारन्टीन केंद्र में रहने का निर्देश दिया गया है, लेकिन निर्देश की धज्जियां उड़ाते हुए प्रवासी कामगार घूमते नजर आ रहे हैं। जिले के भीमपुरा क्षेत्र के उधरन केंद्र पर प्रवासी कामगारों द्वारा मुर्गा पार्टी आयोजित करने का मामला सुर्खियों में रहा है। बैरिया क्षेत्र में एक विद्यालय के केंद्र में एकांतवास में रखे गये प्रवासी नदी में स्नान करते मिले। जिले में प्रशासन लॉकडाउन का पालन कराने में भी असफल साबित हो रहा है। आम लोग लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाते दिखाई दे रहे हैं। वह न तो मास्क पहन रहे हैं और न सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहे हैं।

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रिपोर्ट: अनूप हेमकर

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