आज होगा चमत्कार: उल्का की बारिश से चमकेगा पूरा आसमां, अद्भत होगा नजारा

लॉकडाउन में सारी सेवाएं बंद है, सड़के सूनी पड़ी है, लोग घरों के अंदर है। तो इस लॉकडाउन का सबसे ज्यादा फायदा अगर किसी ने उठाया है तो वो है हमारा पर्यावरण। जीं हां अब पर्यावरण अपनी चाल से चल रहा है।

Vidushi Mishra
Published on: 22 April 2020 8:22 AM GMT
आज होगा चमत्कार: उल्का की बारिश से चमकेगा पूरा आसमां, अद्भत होगा नजारा
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आज होगा चमत्कार: उल्का की बारिश से चमकेगा पूरा आसमां, अद्भत होगा नजारा

लखनऊ। देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन लगा हुआ है, और अब कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए ये लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। ऐसे में सारी सेवाएं बंद है, सड़के सूनी पड़ी है, लोग घरों के अंदर है। तो इस लॉकडाउन का सबसे ज्यादा फायदा अगर किसी ने उठाया है तो वो है हमारा पर्यावरण। जीं हां अब पर्यावरण अपनी चाल से चल रहा है। पक्षी अपने मन के हिसाब से उड़ रहे हैं। और तो और इस लॉकडाउन के दौरान ऐसे भी कई पक्षियों को देखा गया जो बेहद खूबसूरत और इससे पहले यहां नहीं देखे गए। मानों ऐसा लग रहा है कि धरती को एक जीवन मिल गया है। लॉकडाउन से सिर्फ हवा ही नही बल्कि पानी भी साफ हो गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, लॉकडाउन जबसे लगा है तबसे प्रदूषण स्तर काफी गिर गया है।

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वायु प्रदूषण बहुत कम

बात करें अगर लखनऊ की, तो यहां का एक्यूआई 78 माइक्रोम प्रति घन मीटर हो गया है, जो अब तक अप्रैल माह में सबसे कम है। प्रदूषणवर्धक और हानिकारक नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसी गैसों में बहुत गिरावट आई है।

कार्बन डाइऑक्साइड जैसे वायु प्रदूषकों में 5 से 10 प्रतिशत की गिरावट हुई है। और ऐसे ही मीथेन उत्सर्जन में 35% गिरावट आई है। जिससे वायु प्रदूषण बहुत कम हुआ है।

आज होगी उल्का वर्षा

आज यानी बुधवार सूर्यास्त के बाद खगोलीय दुनिया की सबसे रोमांचक घटना का अद्भुत खूबसूरत नजारा देखने को मिलेगा। आज शाम आसमान में उल्काओं की झमाझम बारिश होगी।

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लखनऊ में इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला (यूपैक) के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह माह खगोलीय घटनाओं के लिए जाना जाएगा। इसी कड़ी में उल्का वर्षा भी महत्वपूर्ण है।

खगोलशास्त्री डॉ सुमित का कहना

अंदाजा लगाया जा रहा है कि 16 से 26 उल्काओं के दिखने की उम्मीद है लेकिन बुधवार की रात खास है। इस रात को उल्का वर्षा अपने अधिकतम पर होगी।

खगोलशास्त्री डॉ सुमित का कहना है कि ये उल्का वर्षा कोई भी इंसान बिना किसी यंत्र के असानी से देख सकता है। क्योंकि 23 को अमावस्या है। इसलिए 22 की रात आकाश में चंद्रमा बहुत देर से दिखेगा। ऐसे में उल्का वर्षा को आसानी से देखा जा सकेगा। वहीं, 28 अप्रैल को एक छोटी उल्का वर्षा 'स्कॉर्पिड्स' दिखाई देगी।

बेहद अद्भुत नजारा

ऐसा माना जा रहा है कि 20 से 25 उल्का दिख सकती हैं। इस उल्का वर्षा में प्रति घंटे 90 उल्का एक घंटे में दिखाई देने का पूर्व का रिकॉर्ड है। रात 9 बजे लीरिड्स उल्का वर्षा उत्तर पूर्व दिशा के क्षितिज उगेगी।

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इसे देखने का सबसे अच्छा समय 9:30 बजे रात से 4:30 बजे भोर तक है। 4:30 बजे सुबह में उल्का वर्षा ठीक सिर के ऊपर दिखाई देगी। 49 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति उल्काएं से पृथ्वी की ओर आएंगी।

ये अद्भुत नजारा बेहद खास है। पर्यावरण के प्रदूषित होने की वजह से ये दुर्लभ नजारा संभव ही था। जिसे आज हम खुद अपनी आंखों से देख सकेंगें।

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Vidushi Mishra

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