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जातीय व क्षेत्रीय संतुलन के साथ योगी ने किया अपना पहला मंत्रिमंडल विस्तार
प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव और वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपना पहला मंत्रिमंडल विस्तार किया। इस विस्तार में योगी ने 18 नये चेहरों और पूर्व के पांच राज्य मंत्रियों को प्रोन्नत कर काबीना मंत्री बनाया है।
लखनऊ: प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव और वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपना पहला मंत्रिमंडल विस्तार किया। इस विस्तार में योगी ने 18 नये चेहरों और पूर्व के पांच राज्य मंत्रियों को प्रोन्नत कर काबीना मंत्री बनाया है। इस विस्तार के जरिये जहां योगी ने क्षेत्रीय और जातिगत दोनों ही समीकरणों को साधने का भी प्रयास किया है। इसके साथ ही चार मंत्रियों अनुपमा जायसवाल, धर्मपाल सिंह, अर्चना पांडे और राजेश अग्रवाल का इस्तीफा लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति का संदेश देते हुये साफ कर दिया कि किसी भी तरह की कोई भी गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले मंत्रिमंडल विस्तार में प्रदेश के सभी क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व देकर क्षेत्रीय संतुलन बनाने का प्रयास किया है। जिसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आठ, मध्य उत्तर प्रदेश से चार, पूर्वी उत्तर प्रदेश से सात और बुंदेलखंड से एक विधायक को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है।
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इससे पहले योगी के पहले मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय आधार पर संतुलन नहीं था और कई क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हो सके थे। अपने पहले कैबिनेट विस्तार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे भी संतुलित करने की कोशिश की है।
इस विस्तार में पश्चिम यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के सदर से कपिलदेव अग्रवाल और चरथावल से विधायक विजय कश्यप, बुलंदशहर जिले की शिकारपुर विधानसभा सीट से विधायक अनिल शर्मा, आगरा जिले की आगरा कैंट से जीएस धर्मेश और फतेहपुर सीकरी से विधायक चैधरी उदयभान सिंह, मैनपुरी के भोंगाव से रामनरेश अग्निहोत्री को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
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इसी तरह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद स्वतंत्र देव के इस्तीफे दिये जाने से बुंदेलखंड का प्रतिनिधित्व बनाये रखने के लिए चित्रकूट से विधायक चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। कानपुर शहर की कल्याणपुर सीट से विधायक नीलिमा कटियार, घाटमपुर सीट से कमल रानी वरुण को और कानपुर देहात की सिकंदरा सीट से अजीत पाल सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश की बात करे तो योगी मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा स्थान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को मिला है। वाराणसी से तीन विधायकों को इस विस्तार में शामिल किया है। इसमे वाराणसी उत्तर सीट से विधायक रविन्द्र जायसवाल को नई इन्ट्री मिली है जबकि वाराणसी दक्षिण से विधायक नीलकंठ तिवारी और शिवपुर से विधायक अनिल राजभर को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार से प्रोन्नति देते हुये काबीना मंत्री बनाया गया है।
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बस्ती की इटवा सीट से सपा के बड़े नेता व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय को हराने वाले सतीश द्विवेदी को मंत्रिमंडल में जगह दी गयी है। इसी तरह संत कबीर नगर की घनघटा से विधायक श्री राम चैहान, बलिया सदर से आनन्द स्वरूप शुक्ला, मडिहान मिर्जापुर से रमा शंकर सिंह पटेल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी ने तीन विधान परिषद सदस्यों भूपेन्द्र सिंह चैधरी, डाॅ. महेन्द्र सिंह और अशोक कटारिया को भी अपने मंत्रिमंडल में स्थान दिया है। इनमे भूपेन्द्र सिंह चैधरी और डा. महेन्द्र सिंह योगी के पहले मंत्रिमंडल में स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री थे और अब इनका कद बढ़ा कर इन्हे काबीना मंत्री बनाया गया है।
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जातीय आधार पर देखें तो सबसे ज्यादा छह ब्राहम्णों को योगी मंत्रिमंडल में स्थान मिला है। जिसमें राम नरेश अग्निहोत्री, डाॅ. नीलकंठ तिवारी, सतीश द्विवेदी, अनिल शर्मा, आनन्द स्वरूप शुक्ला, चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय शामिल है। इसी तरह क्षत्रियों में डाॅ. महेंद्र सिंह, सुरेश राणा और चैधरी उदय भान सिंह, वैश्य में कपिलदेव अग्रवाल, रविन्द्र जायसवाल और महेश गुप्ता, पिछड़ा वर्ग से अनिल राजभर, विजय कश्यप, नीलिमा कटियार, रमाशंकर सिंह पटेल, अजित सिंह पाल, दलित वर्ग से कमला रानी वरूण, डाॅ. गिराज सिंह धर्मेश तथा श्री राम चैहान शामिल है। इसके अलावा जाट वर्ग से भूपेन्द्र सिंह चैधरी और गुर्जर वर्ग से अशोक कटारिया को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी ने युवा और वरिष्ठ चेहरों के बीच भी संतुलन बनाने की कोशिश की है। कुल मिला कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले मंत्रिमंडल विस्तार में पूर्व में हुये क्षेत्रीय असंतुलन को दुरूस्त किया है तो जातिगत आधार पर भी सभी जाति-बिरादरियों को मंत्रिमंडल में स्थान दे कर आगामी विधानसभा उपचुनाव और 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए अपनी नई टीम मैदान में उतार दी है।