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संकट में शिक्षाः सरकार को इस मामले में विद्यालय प्रबंधन ने बताया फेल

माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विद्यालयों में बिगड़ती शिक्षण की स्थिति से चिंतित होकर विभाग ने राजकीय, सहायता प्राप्त, अशासकीय व वित्त पोषित माध्यमिक विद्यालयों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है।

Ashiki
Published on: 15 Jun 2020 6:22 AM GMT
संकट में शिक्षाः सरकार को इस मामले में विद्यालय प्रबंधन ने बताया फेल
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बलिया: माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विद्यालयों में बिगड़ती शिक्षण की स्थिति से चिंतित होकर विभाग ने राजकीय, सहायता प्राप्त, अशासकीय व वित्त पोषित माध्यमिक विद्यालयों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। विभाग ने माध्यमिक विद्यालयों से पिछले दस वर्ष में उत्तीर्ण ऐसे छात्रों की सूची तलब किया है, जो विशिष्ट सेवाओं में योगदान दे रहे हैं।

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अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय प्रबंधक सभा ने प्रदेश शासन की इस कवायद को व्यर्थ करार देते हुए कहा है कि प्रदेश शासन विद्यालयों में शिक्षकों व कर्मचारियों को मुहैया कराने में फिसड्डी हो गया है।

विद्यालयों की स्थिति सुधारने के लिए सरकार ने शुरू की नई कवायद

माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षण स्थिति को लेकर योगी सरकार ने नई कवायद शुरू कर दी है। विद्यालय प्रबंधन के साथ ही शिक्षकों पर दबाव बनाने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने सहायता प्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों से विशिष्ट सेवा में योगदान दे रहे छात्रों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। शिक्षा निदेशक माध्यमिक विनय कुमार पांडेय ने गत 12 जून को सूबे के सभी संयुक्त शिक्षा निदेशक को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में सूबे के राजकीय, सहायता प्राप्त अशासकीय व वित्त पोषित माध्यमिक विद्यालयों से पिछले दस वर्ष में उत्तीर्ण ऐसे छात्रों की सूची 19 जून की शाम तक उपलब्ध कराने को कहा गया है, जो विद्यालयों से उत्तीर्ण होने के पश्चात प्रशासनिक, न्यायिक, चिकित्सा, अभियंत्रण व सैन्य आदि विशिष्ट सेवाओं में अपना योगदान दे रहे हैं।

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हाल के वर्षों में शिक्षण की स्थिति तेजी से बिगड़ी है

इस पत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि प्रदेश शासन के निर्देश पर यह सूचना मांगी जा रही है। इस पत्र में सूबे के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से निर्धारित प्रपत्र पर अपनी सूचना संयुक्त शिक्षा निदेशक को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। उल्लेखनीय है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित राजकीय, सहायता प्राप्त अशासकीय व वित्त पोषित माध्यमिक विद्यालयों में हाल के वर्षों में शिक्षण की स्थिति तेजी से बिगड़ी है। योगी सरकार ने इस स्थिति को देखते हुए माध्यमिक विद्यालयों में वायस रिकॉर्डर सहित सीसीटीवी के साथ ही बायोमेट्रिक मशीन लगवाया ताकि विद्यालय में शिक्षण व्यवस्था पर लगाम लगने के साथ ही शिक्षकों व कर्मचारियों की विद्यालय अवधि में उपस्थिति सुनिश्चित हो सके।

बहुतेरे माध्यमिक विद्यालयों में वायस रिकॉर्डर सहित सीसीटीवी के साथ ही बायोमेट्रिक मशीन लग तो गया है, लेकिन यह सफेद हाथी ही साबित हो रहा है। प्रदेश शासन ने विद्यालयों का समय-समय पर निरीक्षण करने का भी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है, लेकिन यह निर्देश भी कागजी खानापूरी तक सिमट कर रह गया है।

योगी सरकार की पूरी कवायद व्यर्थ

अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय प्रबंधक सभा का कहना है कि योगी सरकार की पूरी कवायद व्यर्थ है। अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय शिक्षकों व कर्मचारियों की कमी से बुरी तरह से प्रभावित हैं। विद्यालयों में शिक्षण कार्य करने के लिए न तो पर्याप्त शिक्षक हैं और न ही कर्मचारी। विद्यालयों में प्रमुख विषयों के अध्यापक ही नही हैं। बहुत से ऐसे विद्यालय हैं, जिसमें एक ही शिक्षक रह गया है। घंटा बजाने से लेकर साफ सफाई करने तथा चौकीदारी करने के लिए कर्मचारी ही नही हैं तो फिर सुदृढ़ शिक्षण व्यवस्था की उम्मीद करना ही बेमानी है।

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प्रबंधक सभा के जिलाध्यक्ष संजय कुमार सिंह कहते हैं कि प्रदेश शासन केवल फरमान जारी कर रहा है। वह कोई संशाधन उपलब्ध नही करा रहा। विद्यालयों की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है, लेकिन शासन की रुचि विद्यालयों में अध्यापकों व कर्मचारियों की नियुक्ति में है ही नहीं।

रिपोर्ट: अनूप कुमार हेमकर

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