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योगी की रक्षक बस: फंसे छात्रों ने कहा 'थैंक यू', सभी को भेजा गया घर

रविवार को जब कोटा से छात्रों को लेकर बस सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली पहुंची, तो सोनिया के संसदीय क्षेत्र मे राजस्थान की कांग्रेस सरकार की छात्रों ने पोल खोल डाली।

Vidushi Mishra
Published on: 19 April 2020 10:50 AM GMT
योगी की रक्षक बस: फंसे छात्रों ने कहा थैंक यू, सभी को भेजा गया घर
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योगी की रक्षक बस: फंसे छात्रों ने कहा 'थैंक यू', सभी को भेजा गया घर

रायबरेली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान चल रहे लाकडाउन मे राजस्थान के कोटा मे फंसे छात्रों को प्रदेश मे वापस लाने के लिए बसे रवाना की थी। रविवार को जब कोटा से छात्रों को लेकर बस सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली पहुंची, तो सोनिया के संसदीय क्षेत्र मे राजस्थान की कांग्रेस सरकार की छात्रों ने पोल खोल डाली। वही छात्रों ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को थैंक्स भी कहा है।

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यूपी 83 एटी 9962 से 32 छात्र लाए गए

गौरतलब हो कि शिकोहाबाद डिपो की बस संख्या यूपी 83 एटी 9962 से 32 छात्र लाए गए हैं। बस चालक सिपाही राम ने बताया कि शनिवार शाम 6 बजे वो कोटा से बस लेकर चला था।

रविवार सुबह उसने 6 बच्चों को उन्नाव मे उतारा है। जबकि 11 बच्चों को रायबरेली मे उतारा और 15 बच्चों को अमेठी मे उतारा जाएगा।

उधर छात्रों के यहां पहुंचते ही स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी एलर्ट हो गए, सबसे पहले सभी छात्रों को पानी आदि मुहैया कराया। उसके बाद सभी छात्रों को अस्पताल ले जाकर थर्मल स्कैनिंग कराया जा रहा है।

इस संदर्भ मे कोटा से आए मेडिकल के छात्र सूर्यकांत से बात की गई तो उसने बताया कि खाने पीने की व्यवस्था सही नही थी।

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बस मे आते समय बहुत राहत

वैसे मेडिकल छात्र की बात इसलिए भी सही साबित हो रही है कि वो जो बात कह रहा था वो चीज उसके चेहरे से साफ झलक रही थी। हां उसने ये अवश्य कहा कि बस मे आते समय बहुत राहत दी गई। सूर्यकांत ने बताया कि मै और मेरा भाई एक साथ वहां रहते थे।

आपको बता दें कि राजस्थान मे कांग्रेस की सरकार है, और सरकार वहां मजदूरो को 3 हजार रुपए देने का ऐलान कर चुकी है। लेकिन कोटा मे फंसे छात्र के बयान को अगर आधार माना जाए तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि जो सरकार छात्रों को राहत नही मुहैया करा पाई क्या वो राजस्थान के गरीबों तक वित्तीय मदद पहुंचा पा रही होगी।

थाना मिल एरिया के रतापुर का निवासी रविकांत कोटा मे रहकर मेडिकल की तैयारी कर रहा था। उसने कहा के अब हम दुबारा वहां नही जाएंगे। छात्र का कहना है के हम मौत के मुंह से निकल कर आए हैं। वहां एक कोरोना संदिग्ध छात्र पाया गया था, उसके बाद से हम लोगों को भय हो गया था। बाबाजी इसे हम लोगों की कोई केयर नही हो रही थी।

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लाखों ट्वीट हुए

छात्र गौरव कुमार ने बताया कि कोटा के स्टेशन के पास के एरीये मे काफी तेजी से बढ़ रहा था। उसको देखते हुए के कही कोटा के मेन एरीये मे जहां बच्चे रहते हैं वहां कही न फैल जाए इसके लिए ट्वीटर पर कई बच्चों ने गो बैक-गो बैक ट्रेंड चलाया था। जिस पर लाखों ट्वीट हुए थे।

जिसको देखकर सीएम साहब ने सभी बच्चों को घर लाने की योजना बनाई। अब यहां पहुंचे बच्चों को क्वारेंटाइन कर दिया गया है। सभी को रैन बसेरे में रखा गया है।

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Vidushi Mishra

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