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पाकिस्तान पर मंडरा रहा है बड़ा खतरा, अब हो जाएगा तबाह

अनुच्छेद 370 हटने के बाद से पाकिस्तान भारत के खिलाफ साजिश रचने में लगा है। लेकिन इस बीच पड़ोसी देश पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। पहले से ही बदहाली झेल रहे पाकिस्तान को अब तबाह होने से कोई नहीं बचा सकता है।

Dharmendra kumar
Published on: 22 Aug 2019 8:16 PM IST
पाकिस्तान पर मंडरा रहा है बड़ा खतरा, अब हो जाएगा तबाह
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नई दिल्ली: अनुच्छेद 370 हटने के बाद से पाकिस्तान भारत के खिलाफ साजिश रचने में लगा है। लेकिन इस बीच पड़ोसी देश पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। पहले से ही बदहाली झेल रहे पाकिस्तान को अब तबाह होने से कोई नहीं बचा सकता है।

एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डाले जाने के बाद अब पाकिस्तान पर एशिया पैसिसिफ समूह (एपीजी) से ब्लैकलिस्ट होने का खतरा मंडरा रहा है। आतंकी संगठनों की फंडिंग की निगरानी करने वाली वैश्विक संस्था को 'फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स' (एफएटीएफ) है।

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एशिया पैसेफिक ग्रुप (एपीजी) एफएटीएफ से संबद्ध नौ क्षेत्रीय संगठनों में से एक है। एपीजी की ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में बैठक होनी है जिसमें पाकिस्तान की आतंकवाद-निरोधी कार्रवाई का मूल्यांकन होगा।

पाकिस्तान ने बुधवार को एफएटीएफ के आतंकवाद-निरोध के लिए बने 27 सूत्रीय ऐक्शन प्लान पर अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है। एपीजी ने अपने शुरुआती मूल्यांकन में पाया कि पाकिस्तान की आतंक के खिलाफ कार्रवाई में बहुत सारी खामियां हैं।

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वैश्विक संस्था एपीजी ने पाया है कि मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी संगठनों को वित्तीय मदद को रोकने में पाकिस्तान की कोशिशें नाकाफी हैं। पाकिस्तान की करीब 50 मानकों पर खराब ग्रेडिंग है। वहीं, 11 अहम मानकों में से 10 में पाकिस्तान का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं पाया गया।

दुनिया का पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का जबरदस्त दबाव है। भारत के अलावा, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, यूके की कोशिशों के बाद एफएटीएफ ने जून 2018 से ही पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था। अब एपीजी की नकारात्मक रिपोर्ट के बाद पड़ोसी देश की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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अधिकारियों के मुताबिक एफएटीएफ के सारे सुझावों पर अमल करने में कम से कम दो साल का वक्त और लग जाएगा यानी तब तक पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में ही रहेगा। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान को एफएटीएफ के 27 सूत्रीय ऐक्शन प्लान की जगह एक नया प्लान भी मिल सकता है जिसमें करीब 150 से ज्यादा शर्तें शामिल होंगी।

पाकिस्तान के लिए अक्टूबर 2019 तक की डेडलाइन है, अगर पाकिस्तान इस वक्त तक वैश्विक संस्थाओं को आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई से आश्वस्त नहीं कर पाता है तो फिर वह ग्रे लिस्ट से ब्लैकलिस्ट में पहुंच जाएगा।

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ब्लैकलिस्ट होने के बाद पहले से आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के सामने कई चुनौतियां एक साथ खड़ी हो जाएंगी। पाकिस्तान की बदहाल अर्थव्यवस्था वैश्विक वित्तीय व्यवस्था से बिल्कुल कट जाएगी। इसके अलावा, पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मई में स्वीकृत हुए 6 अरब डॉलर के रेस्क्यू पैकेज पर भी खतरा मंडराएगा और उसकी अर्थव्यव्यवस्था की विश्वसनीयता खराब होने से निवेश भी गिर जाएगा।

पाकिस्तान में आईएमएफ प्रतिनिधि टेरेसा डबन एफएटीएफ की तरफ से आने वाले किसी भी नकारात्मक फैसले को लेकर पहले ही चेतावनी जारी कर चुकी हैं।



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Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

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