भयानक युद्ध: मिसाइलों से ताबड़तोड़ हमला, मार गिराया इनका फाइटर जेट

अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को आधिकारिक बयान जारी किया। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सेना ने आर्मीनिया के एक एसयू-27 लड़ाकू विमान को मार गिराया है। अर्मीनिया के यह लड़ाकू विमान उसके सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश कर रहा था।

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Published on: 2 Nov 2020 1:15 PM GMT
भयानक युद्ध: मिसाइलों से ताबड़तोड़ हमला, मार गिराया इनका फाइटर जेट
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अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को आधिकारिक बयान जारी किया है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सेना ने आर्मीनिया के एक एसयू-27 लड़ाकू विमान को मार गिराया है।

लखनऊ: अजरबैजान और अर्मीनिया के बीच भयानक जंग जारी है। दोनों देश एक दूसरे पर ताबड़तोड़ हमले कर रहे हैं। अजरबैजान की तरफ से अर्मीनिया पर विनाशक हथियारों से हमला किया जा रहा है। अब इस बीच अजरबैजान ने दावा किया है कि उसने आर्मीनिया के सुखोई एसयू-25 फाइटर जेट को हमले में मार गिराया है।

अजरबैजान ने पहले भी दावा किया था कि उसने अर्मीनिया के लड़ाकू विमान को मार गिराया। लेकिन आर्मीनिया ने अजरबैजान के इस दावे को फर्जी बताया था। इन दोनों देशों में नगोर्नो-काराबाख पर कब्जे के लिए जंग हो रही है। जानकारों का कहना है कि अजरबैजान की सेना ने तुर्की और इजरायली हथियारों के दम पर आर्मीनिया पर हमला कर रही है और उसको भारी नुकसान पहुंचा रही है।

बयान जारी कर किया दावा

अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को आधिकारिक बयान जारी किया है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सेना ने आर्मीनिया के एक एसयू-27 लड़ाकू विमान को मार गिराया है। अर्मीनिया के यह लड़ाकू विमान उसके सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश कर रहा था। अजरबैजान ने बताया कि हमारी सेना पहले से ही अलर्ट पर थी। आर्मीनिया के फाइटर जेट ने जैसे ही हमले को कोशिश की, वैसे ही उसे मार गिराया गया।

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Azerbaijan-Armenia War

अजरबैजान पर लगाए सनसनीखेज आरोप

आर्मीनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिनियन ने अजरबैजान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि सीरिया के भाड़े के सैनिकों की मदद से युद्ध लड़ रहा है। उन्होंने कहा हमारे पास इसके सबूत हैं। उन्होंने कहा कि अजरबैजान की तरफ से लड़ने के लिए तुर्की बड़ी संख्या में सीरिया के भाड़े के सैनिकों को भर्ती कर रहा है। तुर्की ने इन आरोपो को गलत बताया है।

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27 सितंबर से चल रहा है युद्ध

नगोर्नो-काराबाख क्षेत्र में आर्मीनियाई मूल के लोगों की संख्या अधिक है, लेकिन इस पर अजरबैजान अपना दावा ठोकता है। सोवियत संघ के विघटन के बाद से ही अजरबैजान इस क्षेत्र पर कब्जे की कोशिश कर रहा है। हालांकि अजरबैजान इसमें कभी भी कामयाबी नहीं हो पाया। बताया जा रहा है कि अजरबैजान की सेना ने अभी तक नगोर्नो-काराबाख के बड़े इलाके पर कब्जा कर लिया है।

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