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सऊदी अरब में बड़ा हमला! जान बचाने के लिए मची भगदड़, फ्रांस ने दिया ये बयान

फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रथम विश्‍व युद्ध की समाप्‍ति की याद में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी जेद्दा स्‍थित गैर मुस्‍लिम कब्रिस्‍तान में आयोजन हुआ था। इसमें कई राजनयिक मौजूद थे। इसी दौरान आईईडी धमाका किया गया।

Newstrack
Published on: 11 Nov 2020 10:55 PM IST
सऊदी अरब में बड़ा हमला! जान बचाने के लिए मची भगदड़, फ्रांस ने दिया ये बयान
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फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रथम विश्‍व युद्ध की समाप्‍ति की याद में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी जेद्दा स्‍थित गैर मुस्‍लिम कब्रिस्‍तान में आयोजन हुआ था।

लखनऊ: फ्रांस, इग्लैंड और आस्ट्रिया के बाद अब सऊदी अरब में हमला हुआ है। यह हमला एक गैर-मुस्लिम कब्रिस्तान में किया गया है। वहां पर सौ साल पहले प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति की वर्षगांठ पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में यूरोपीय राजनयिक मौजूद थे। यह आयोजन फ्रांस के दूतावास ने किया था। हमले के बाद लोग डर गए और इधर उधर भागने लगे। भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई।

फ्रांस की तरफ से हमले की जानकारी दी गई है। फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रथम विश्‍व युद्ध की समाप्‍ति की याद में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी जेद्दा स्‍थित गैर मुस्‍लिम कब्रिस्‍तान में आयोजन हुआ था। इसमें अनेकों राजनयिक मौजूद थे। फ्रांस की सरकार की तरफ से कहा गया है कि जेद्दा के एक कब्रिस्तान में धमाका हुआ है और इसमें कई लोग घायल हो गए हैं।

फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय ने बताया कि जेद्दा में एक गैर-मुस्लिम कब्रिस्तान में धमाका हुआ है। मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि वहां विश्व युद्ध के अंत की याद में वार्षिक समारोह का आयोजन किया गया था। इसमें कई वाणिज्य दूतावास के लोग थे। कब्रिस्‍तान पर आज सुबह आईईडी से हमला किया गया, जिसमें कई लोग घायल हो गए हैं। मंत्रालय ने कहा कि फ्रांस इस कायरतापूर्ण, अनुचित हमले की कड़ी निंदा करता है।

Blast in Saudi Arabia

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इससे पहले जेद्दा शहर में स्थित फ्रांस के दूतावास पर हमला किया गया था जिसमें तैनात एक गार्ड पर घायल हो गया था। अब इस हमले के बाद यह घटना हुई है। फ्रांस में एक शिक्षक ने कक्षा में पैंगबर का कार्टून दिखाया था। इसके बाद एक छात्र ने उनकी गर्दन काटकर हत्या कर दी थी। इसके बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इसे इस्लामिक आतंकवाद बताया था।

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इसके बाद अधिकतर मुस्लिम देश फ्रांस के खिलाफ हो गए। कई देशों में फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन हुए, तो कई देशों में फ्रांस के सामान का बहिष्कार का ऐलान कर दिया गया।

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