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चीन का अमेरिका पर हमला, फैलाया 'एलियन' वायरस, हो रहा भारी नुकसान

आक्रामक एलियन प्रजातियां एक देश से दूसरे देशों में अनाज, तेल, कार्गो या सामान के साथ चली जाती हैं। इसके बाद यहां तो विकसित होती हैं या फिर मौसम की वजह से मारी जाती है। लेकिन चीन ने अमेरिका पर आरोप लगाकर नया दांव चला है। मा फांगझोउ ने कहा कि चीन में राइस ग्रास प्रजाति एलियन प्रजाति में शामिल है।

SK Gautam
Published on: 9 Jun 2020 4:32 PM IST
चीन का अमेरिका पर हमला, फैलाया एलियन वायरस, हो रहा भारी नुकसान
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नई दिल्ली: चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस नें एक तरफ पूरे विश्व में महामारी फैलाई है। वहीं दूसरी तरफ इस वायरस के मुद्दे को लेकर अमेरिका और चीन के बीच अभी भी काफी तनाव है। अब चीन ने बताया है कि उसके देश में अमेरिका ने एलियन प्रजातियां भेज दी हैं। इन एलियन प्रजातियों की वजह से चीन का पर्यावरण, इकोलॉजी और जीव-जंतु खत्म हो रहे हैं।

चीन ने अमेरिका के खिलाफ उठाया मुद्दा

बता दें कि चीन का कहना है कि ये एलियन प्रजातियां वायरस की हैं, जो फसलों को खराब कर रही हैं। अब इस एलियन प्रजातियों को चीन ने मुद्दा बना लिया है। इस वजह से चीन को अमेरिका पर धावा बोलने का मौका मिल गया है। गौरतलब है कि कोरोनावायरस को लेकर दोनों देशों में लगातार तनावपूर्ण माहौल चल रहा है।

चीन ने खोजी 660 इन्वेसिव एलियन स्पीसीज

चीन के पर्यावरण मंत्रालय से संबद्ध नानजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ एनवॉयरॉनमेंटल साइंस के एसोसिएट रिसर्चर मा फांगझोउ ने कहा कि चीन में 660 इन्वेसिव एलियन स्पीसीज (Invasive Alien Species - IAS) यानी आक्रामक एलियन प्रजातियां खोजी गई हैं। इनमें से 71 तो बेहद खतरनाक हैं। इनकी वजह से चीन की घरेलू प्रजातियों को खतरा है।

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सबसे ज्यादा खतरनाक है पोपलर मोजैक वायरस

मा फांगझोउ ने कहा कि इन 660 इन्वेसिव एलियन प्रजातियों में से करीब 51 फीसदी अमेरिका से चीन में पहुंचे हैं। जिनकी वजह से चीन का पर्यावरण, इकोलॉजी और जीव-जंतु बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। मा फांगझोउ ने कहा कि चीन में ये प्रजातियां अंतरराष्ट्रीय मार्गों से होते हुए पहुंची हैं। इनमें से सबसे ज्यादा खतरनाक है पोपलर मोजैक वायरस (Poplar Mosaic Virus)। इसकी वजह से फसलें खराब हो रही हैं। यह वायरस अमेरिका से बीजों और पौधों की कंटिग्स के साथ चीन आया।

आक्रामक एलियन प्रजातियां एक देश से दूसरे देशों में अनाज, तेल, कार्गो या सामान के साथ चली जाती हैं। इसके बाद यहां तो विकसित होती हैं या फिर मौसम की वजह से मारी जाती है। लेकिन चीन ने अमेरिका पर आरोप लगाकर नया दांव चला है। मा फांगझोउ ने कहा कि चीन में राइस ग्रास प्रजाति एलियन प्रजाति में शामिल है। ये चीन के तटीय इलाकों में बहुत तेजी से फैल रही है। लेकिन इसका चीन से कोई लेना-देना नहीं है। ये अमेरिका से किसी तरह चीन में आ गई है।

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माइक्रोएल्गी और सी-बीन्स बहुत तेजी से फैल रहे हैं

फांगझोउ ने कहा कि IAS की वजह से घरेलू प्रजातियां, फसलें, जीव-जंतु और यहां तक की इंसानों पर भी असर पड़ता है। इसकी वजह से घरेलू पर्यावरण ज्यादा बुरी तरह से प्रभावित होता है। चीन के दक्षिण-पूर्व तटों पर बाहर से आई माइक्रोएल्गी और सी-बीन्स चीन के घरेलू मैनग्रूव्स हैलाफाइट को खत्म कर रहे हैं। माइक्रोएल्गी और सी-बीन्स बहुत तेजी से फैल रहे हैं। यहां तक कि मैनग्रूव्स की डीएनए तक में इन्होंने बदलाव कर डाला है। ये आपस में हाइब्रिड बना ले रहे हैं।

नेशनल नेचर रिजर्व के लिए ये बेहद खतरनाक

मा फांगझोउ ने बताया कि हमने जो सर्वे किया है उसमें यह बात साफ नजर आई है कि 215 इन्वेसिव एलियन प्रजातियां चीन के 67 नेशनल नेचर रिजर्व में फैल गई हैं। इनमें से 48 को IAS की इन्वेंटरी लिस्ट में डाला गया है। फांगझोउ ने कहा कि चीन के नेशनल नेचर रिजर्व के लिए ये बेहद खतरनाक स्थिति है। इसकी वजह से पूरे देश की पारस्थितिकी और पर्यावरण में बड़े बदलाव हो रहे हैं और आगे भी होंगे।

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