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भारत से बौखलाया चीन: अधिकारियों के दौरे पर कही ये बात, लगाए गंभीर आरोप
भारत के टॉप अधिकारी नेपाल और श्रीलंका के दौरे से चीन की बौखलाहट बढ़ गई है, जिसके बाद उसने उसके रक्षा मंत्री को भी नेपाल भेजने का ऐलान किया है। इस बीच भारत पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं।
नई दिल्ली: चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारत के टॉप अधिकारी नेपाल और श्रीलंका के दौरे पर हैं। अब नेपाल में इंडियन आर्मी चीफ जनरल एम मुकुंद नरवणे, भारत के विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला और RAW चीफ सामंत गोयल के दौरे के बाद चीन ने भी नेपाल में उसके रक्षा मंत्री वेई फेंघे को भेजने का ऐलान किया है। यही नहीं श्रीलंका पहुंचे भारतीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल के दौरे पर भी चीन की नजर टिकी हुई हैं।
अधिकारी के दौरे पर कही ये बात
NSA अजित डोभाल भारत, श्रीलंका और मालदीव के बीच तीनपक्षीय वार्ता के लिए श्रीलंका पहुंचे हैं। इन गतिविधियों पर चीन ने अपनी नजरें टिका रखी हैं और उसका दावा है कि चीन के साथ नेपाल और श्रीलंका की नजदीकियां बढ़ने से परेशान होकर भारत इतनी सक्रियता दिखा रहा है। इस बार में चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स (Global Times) ने लिखा है कि चीनी रक्षा मंत्रा के नेपाल दौरे के ऐलान के बाद भारत में इसके मायने को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।
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फोटो- ट्विटर
छोटे देशों को डरा रहा भारत- चीन
चीन और नेपाल के बीच रक्षा सहयोग को आम बात करार देते हुए अखबार आगे लिखता है कि इसके बाद भी इनके रिलेशन को स्पॉटलाइट में रखा जाता है। यही नहीं खुद पर लगे विस्तारवाद के आरोपों को खारिज करते हुए ग्लोबल टाइम्स ने यहां तक आरोप लगा दिया है कि भारत छोटे देशों को डरा रहा है। वहीं इंडियन आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवण के नेपाल दौरे को लेकर चीन का कहना है कि यह दौरा नेपाली पक्ष से दबाव कम करने के लिए था।
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(फोटो- सोशल मीडिया)
भारत पर चीन ने लगाए ये आरोप
चीन का दावा है कि चीन और नेपाल के बीच सैन्य सहयोग से भारत को परेशानी हो रही है, क्योंकि पहले हथियारों के लिए नेपाल की भारत से डील होती थी। 1980 के बाद चीन द्वारा यह जगह लेने पर भारत को गुस्सा आ गया। यही नहीं अखबार ने नरवणे और हर्ष श्रृंगला के बाद चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंघे के दौरे को इत्तेफाक करार देते हुए दावा किया है कि ऐसे दौरे पहले से ही तय किए जाते हैं। यहां तक उसने यह तक दावा किया है कि भारत ने चीनी रक्षा मंत्री के दौरे के बारे में जानकारी मिलने के बाद पहले ही अपने अधिकारी नेपाल भेज दिए।
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