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विस्फोट में फंसे हजारों: जोरदार धमाके से उठी तबाही, ऐसे बचाया जा रहा सबको
इंडोनेशिया के पूर्वी नूसा तेंगारा प्रांत के लेम्बाटा द्वीप पर ज्वालामुखी विस्फोट हुआ है। द्वीप पर माउंट इली लेवेतलो ज्वालामुखी रविवार को फूटा था। जिससे आसमान में 4000मीटर की ऊंचाई तक धुंए और राख के फुवारें देखे गए।
नई दिल्ली: दुनिया में फैली महामारी के बीच एक और आफत आई है। इंडोनेशिया के पूर्वी नूसा तेंगारा प्रांत के लेम्बाटा द्वीप पर ज्वालामुखी विस्फोट हुआ है। द्वीप पर माउंट इली लेवेतलो ज्वालामुखी रविवार को फूटा था। जिससे आसमान में 4000मीटर की ऊंचाई तक धुंए और राख के फुवारें देखे गए। हालाकिं इस बीच हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
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सुरक्षित ठिकानों की तलाश
ऐसे में एजेंसी फॉर वोल्कोलॉजी एंड जियोलॉजिकल मिटिगेशन के अनुसार, ज्वालामुखी में विस्फोट इंडोनेशिया के पूर्वी नुसा तेंगारा प्रांत में हुआ। यहां 28 गांवों के 2,700 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया गया है।
आगे विस्फोट को होते हुए देखने वाले 17 साल के मुहम्मद इलहान ने बताया, "स्थानीय लोग घबराए हुए हैं, उन्हें अब भी सुरक्षित ठिकानों की तलाश है। उन्हें पैसों की जरूरत है।"
इसके साथ ही डिजास्टर मिटिगेशन एजेंसी की प्रवक्ता रेडिटी जाति ने कहा, लेम्बाटा द्वीप पर स्थित माउंट इली लेवेतलो से हुए विस्फोट के चलते से कम से कम 28 गांवों के लगभग 2,800 लोगों को निकाला गया। विस्फोट से किसी की मौत या हताहत होने की कोई सूचना नहीं है।
फोटो-सोशल मीडिया
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स्थानीय हवाई अड्डे बंद
वहीं परिवहन मंत्रालय ने कहा कि विस्फोट के बाद विमानों को वहां से उड़ने से रोकने के लिए चेतावनी जारी की गई और द्वीप के कई इलाकों में राख फैल जाने के कारण एक स्थानीय हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया।
फिलहाल गांव वालों में ज्वालामुखी में विस्फोट के कारण अफरा-तफरी मच गई, पर किसी के मारे जाने या घायल होने की कोई खबर नहीं है।ऐसे में द्वीप पर राख गिरने के कारण स्थानीय हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया। हवाई अड्डे के कई हिस्सों में भी राख गिर रहा था।
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दूर रहने की चेतावनी
एजेंसी फॉर वोल्कोलॉजी एंड जियोलॉजिकल मिटिगेशन केंद्र ने क्षेत्र के लिए अलर्ट का स्तर तीन से बढ़ाकर चार कर दिया है। इसके साथ ही आंख और त्वचा को बचाने के लिए मास्क के इस्तेमाल की सलाह दी है।
वहीं लोगों से ज्वालामुखी के गड्ढे से चार किलोमीटर दूर रहने की चेतावनी दी गई क्योंकि क्षेत्र में "गर्म बादलों, लावा और जहरीली गैसों" का खतरा बना हुआ है। जोकि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
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