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चीन-पाकिस्तान हिले, भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीट मिलना तय

देश में कोरोना के चलते एक नई खबर सामने आ रही है। खबर ये है कि भारत को अगले साल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सीट मिलना तय है।

Vidushi Mishra
Published on: 26 April 2020 12:29 PM IST
चीन-पाकिस्तान हिले, भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीट मिलना तय
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चीन-पाकिस्तान हिले, भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीट मिलना तय

नई दिल्ली। देश में कोरोना के चलते एक नई खबर सामने आ रही है। खबर ये है कि भारत को अगले साल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सीट मिलना तय है, लेकिन महासभा के नेतृत्व करने वाले को अभी यह तय करना है कि वह जून में होने वाले चुनाव को कैसे कराएगा, क्योंकि सदस्य देशों के प्रतिनिधि महामारी के कारण से व्यक्तिगत रूप से वोटिंग नहीं कर सकते हैं।

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इस बारे में सदस्यों के विचारों को जाना

ऐसे में महासभा के अध्यक्ष तिजानी मुहम्मद-बंदे के प्रवक्ता रीमा अबाजा ने कहा कि चुनाव कराने को लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा, इस पर निर्णय इस महीने के अंत में लिया जाएगा, जब जून के चुनाव समारोह के बारे में निर्णय लिया जाएगा या इस बारे में सदस्यों के विचारों को जाना जाएगा।

वहीं देखते हुए अस्थायी सीट को क्षेत्रीय आधार पर बांटा जाता है और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों ने भारत को सर्वसम्मति से अपना समर्थन दिया हुआ है। इंडोनेशिया के दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद ये सीट खाली हुई है।

वोट देने की औपचारिकता

ऐसे में चीन और पाकिस्तान भी भारत को मिल रहे समर्थन के कारण से अन्य देशों के साथ खड़े हैं। इससे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का चुनाव निश्चित है, लेकिन नियमों के मुताबिक, सभी देशों के वोट देने की औपचारिकता भी जरूरी है।

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इन नियमों के चलते जरूरी मामलों के लिए, एक साइलेंट वोटिंग प्रणाली अपनाई की जाती है। जिसके तहत देशों को 72 घंटे के अंदर अपनी आपत्ति दर्ज कराने का टाइम दिया जाता है।

एक देश की भी आपत्ति

अगर कोई देश अपनी प्रतिक्रिया नहीं देता या कोई आपत्ति नहीं जताता है, तो प्रस्ताव को पारित मान लिया जाता है। लेकिन इस प्रक्रिया से सभी देशों को वीटो का अधिकार भी मिल जाता है और एक देश की भी आपत्ति, प्रस्ताव को मना कर सकती है। ऐसे में इस प्रक्रिया का प्रयोग काफी कम होता है।

साथ ही अबाजा ने कहा कि चुनाव की ई-वोटिंग प्रणाली पर विचार हो रहा है, ताकि कुछ आपत्ति के बाद भी बहुमत को प्रस्ताव मिल सके।

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