TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

अब ऐसे किया जाएगा टेस्ट, मिनटों में होगी कोरोना संक्रमितों की पहचान

कोरोना वायरस से बुरी तरह से पस्त हो चुके अमेरिका ने हाल ही में बड़े स्तर पर तेजी से लोगों के कोरोना टेस्ट के लिए एंटीजन टेस्ट को हरी झंडी दिखा दी है।

Shreya
Published on: 13 May 2020 10:08 AM IST
अब ऐसे किया जाएगा टेस्ट, मिनटों में होगी कोरोना संक्रमितों की पहचान
X

वॉशिंगटन: कोरोना वायरस से बुरी तरह से पस्त हो चुके अमेरिका ने हाल ही में बड़े स्तर पर तेजी से लोगों के कोरोना टेस्ट के लिए एंटीजन टेस्ट को हरी झंडी दिखा दी है। बताया जा रहा है कि यह टेस्ट काफी सस्ता है और इससे स्वास्थ्य कर्मियों को मास (बड़े पैमाने पर) स्क्रीनिंग में काफी आसानी होगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि लाखों कर्मचारियों की कामकाज पर वापसी कराने और स्कूल-कॉलेज दोबार शुरू करने के लिए यह टेस्ट बहुत आवश्यक है। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने टेस्ट एंटीजन टेस्ट को मंजूरी देने के बाद कहा कि यह नए तरह का परीक्षण है, जो संक्रमित मरीजों के इलाज में कारगर साबित होगा।

यह भी पढ़ें: चर्चित साधु शोभन सरकार का निधन, इस गांव में हजारों टन खजाना का किया था दावा

सेन डियागो के क्यूडेल कॉरपोरेशन ने एंटीजन टेस्ट को विकसित किया है। इस टेस्ट को लेकर कुछ विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि इस टेस्ट की सटीकता टेस्टिंग के आदर्श मापदंडों की तुलना में कम है। साथ ही इसका संचालन भी विशेष उपकरणों से ही होता है। तो चलिए आपको हम बताते हैं इस टेस्ट से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें-

टेस्ट कैसे करेगा काम?

यह टेस्ट नाक से स्वाब लेकर 15 मिनट के अंदर वायरस प्रोटीन के अंश का पता लगा देता है। स्वाब के नमूने को केमिकल्स के साथ मिलाकर टेस्ट ट्यूब में डाला जाता है। फिर इसे ई-रीडिंग डिवाइस में डाला जाता है और एंटीबॉडी युक्त परीक्षण पट्टिका से वायरस का पता लगाया जाता है।

यह भी पढ़ें: भूकंप के झटकों से थर्राया देश, घरों से निकल कर भागे लोग

क्या हैं टेस्ट के मायने?

हाल ही में हार्वर्ड के विशेषज्ञों ने कहा था कि हर रोज तकरीबन 9 लाख टेस्ट होने चाहिए। यह मौजूदा टेस्ट क्षमता से तीन गुना है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान की ओर से टेस्ट की सटीकता बढ़ाने और इसे आसान बनाने के लिए 1.5 अरब डॉलर खर्च किया जा रहा है। जिससे लोग खुद ही यह टेस्ट कर सकें।

80 फीसदी सटीक साबित होता है टेस्ट

फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने दावा किया है कि यह टेस्ट 80 फीसदी सटीक साबित होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस टेस्ट के जरिए संक्रमण लक्षणों वाले निगेटिव मरीजों की भी पुख्ता जांच की जा सकती है।

बता दें कि ओराश्योर टैक्नोलॉजी ने ट्रंप प्रशासन से 70 करोड़ डॉलर की डील पक्की की है। जो कि लार आधारित एंटीजन टेस्ट तैयार करने की दिशा में बढ़ रही है।

यह भी पढ़ें: लॉकडाउन बना आफत! रिसर्च में खुलासा, 50% ग्रामीणों को नहीं मिल रहा भरपेट खाना

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Shreya

Shreya

Next Story