TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

US और ईरान में युद्ध की आशंका के बीच जानिए क्यों तेल की कीमतों में लगेगी आग

ईरान द्वारा अमेरिकी सेना का एक ड्रोन मार गिराने और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका प्रबल हो गई है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ड्रोन गिराने की खबर आने के तुरंत बाद कच्चे तेल की कीमत तीन फीसदी से अधिक उछलकर प्रति बैरल 64 डॉलर पर पहुंच गई।

Dharmendra kumar
Published on: 20 Jun 2019 11:28 PM IST
US और ईरान में युद्ध की आशंका के बीच जानिए क्यों तेल की कीमतों में लगेगी आग
X

न्यूयॉर्क: ईरान द्वारा अमेरिकी सेना का एक ड्रोन मार गिराने और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका प्रबल हो गई है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ड्रोन गिराने की खबर आने के तुरंत बाद कच्चे तेल की कीमत तीन फीसदी से अधिक उछलकर प्रति बैरल 64 डॉलर पर पहुंच गई।

ईरान ने अमेरिका के एक जासूसी ड्रोन को मार गिराया। इसके बाद ट्रंप ने ट्वीट किया, ''ईरान ने बड़ी गलती कर दी है।'' इसे अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के तौर पर देखा गया और कच्चे तेल के बाजार में उछाल आ गया।

यह भी पढ़ें…16 प्रत्याशियों ने नहीं दिया चुनावी खर्च का अंतिम हिसाब, राजनाथ और पूनम भी हैं शामिल

कारोबार के दौरान वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 6.30 प्रतिशत उछलकर 57.13 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। इसी तरह लंदन में ब्रेंट क्रूड का वायदा 4.70 प्रतिशत उछलकर 64.69 डॉलर प्रति बैरल पर बोला गया।

गुरुवार सुबह ब्रेंट क्रूड की कीमत सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर 1.40 डॉलर प्रति बैरल बढ़कर 63.22 डॉलर पहुंच गई, इससे पहले यह 3.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 63.88 डॉलर पर पहुंची थी।

यह भी पढ़ें…दक्षिण कोरिया: इस मामले को लेकर न्यायाधीश को बर्खास्त करने की उठी मांग

अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए बुधवार को अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अपनी अगली बैठक में मुख्य ब्याज दर में कटौती का संकेत दिया है और यूएस क्रूड इनवेंट्री में गिरावट से भी तेल की कीमतों में बढ़ोतरी तय है। अमेरिका दुनिया में सर्वाधिक तेल खपत करने वाला देश है।

यह भी पढ़ें…सीएम योगी को लेकर हार्ड कौर ने फेसबुक पर लिखी ऐसी बात, राजद्रोह का केस दर्ज

ऑर्गनाइजेशन ऑफ द पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज और रूस सहित सहयोगी राष्ट्रों ने इस सप्ताह 1-2 जुलाई को बैठक की सहमति जताई है, जिसके साथ ही बैठक की टाइमिंग को लेकर एक महीने से जारी गतिरोध खत्म हो गया। ओपेक प्लस तेल उत्पादन में रोजाना 12 लाख बैरल की कटौती पर डील को आगे बढ़ा सकता है। यह डील जून में सप्ताह हो रही है।



\
Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story