×

7 ताकतवर यूनिफॉर्म्स: गोलियां बम सब बेकार इसके आगे, सिर्फ सेना पहनती है इसे

हड्डी कपांती ठंड में, दुश्मनों के वार से बचाने के लिए जवानों की वेशभूषा के अलग ही बंदोबस्त किये जाते हैं। आज हम आपको दुनिया की सबसे पावरफुल मिलिट्री यूनिफॉर्म्स के बारे में बताते हैं कि कौन-कौन सी यूनिफॉर्म को कब और किस तरह से इस्तेमाल किया जाता है।

Newstrack
Published on: 18 Dec 2020 10:24 AM GMT
7 ताकतवर यूनिफॉर्म्स: गोलियां बम सब बेकार इसके आगे, सिर्फ सेना पहनती है इसे
X
अमेरिका की फ्यूचर फोर्स वारियर की बात करते हैं। ये सैन्य उन्नत प्रौद्योगिकी प्रदर्शन परियोजना थी, जो फ्यूचर कॉम्बैट सिस्टम्स परियोजना का हिस्सा थी।

नई दिल्ली: देश की रक्षा के लिए कड़ाके की ठंड में सीमा पर तैनात सेना और सुरक्षाकर्मियों की वर्दी काफी अहम किरदार निभाती है। हड्डी कपांती ठंड में, दुश्मनों के वार से बचाने के लिए जवानों की वेशभूषा के अलग ही बंदोबस्त किये जाते हैं। आज हम आपको दुनिया की सबसे पावरफुल मिलिट्री यूनिफॉर्म्स के बारे में बताते हैं कि कौन-कौन सी यूनिफॉर्म को कब और किस तरह से इस्तेमाल किया जाता है, जिससे दुश्मनों को और बाधा बनती चीजों को दूर किया जा सके।

ये भी पढ़ें...LOC पर बम धमाका: सेना पर हुआ भयानक हमला, आतंकियों ने पार की हदें

जवानों के यूनिफॉर्म पर बेहद खास ध्यान

सबसे पहले अमेरिका की फ्यूचर फोर्स वारियर की बात करते हैं। ये सैन्य उन्नत प्रौद्योगिकी प्रदर्शन परियोजना थी, जो फ्यूचर कॉम्बैट सिस्टम्स परियोजना का हिस्सा थी। ऐसे में इस परियोजना के तहत जवानों के यूनिफॉर्म पर बेहद खास ध्यान रखा गया था।

ये यूनिफॉर्म एक गतिशील कवच के रूप में था। ये कवच महज 1 इंच मोटा रहा होगा मगर इसमें इस्तेमाल किया जाने वाला खास मटीरियल आज के समय के कवच के मुकाबले इसे और ज्यादा प्रभावी बनाता है।

दूसरे नंबर पर रूस का रैटनिक प्रोग्राम है। ये रैटनिक भविष्य की एक रूसी युद्ध प्रणाली है। जिसके चलते बेहतर कवच, हेल्मेट, आखों के लिए अलग-अलग प्रकार के मॉनिटर, संपर्क यंत्र और हेडफोन्स को बनाना है।

रूसी रैटनिक के तहत खास तरह की यूनिफॉर्म्स को डिजाइन किया जाता है। ये रूसी जवानों की यूनिफॉर्म को एक्सोस्केलिटन या बाहरी सख्त कवच के रूप में बनाया जाता है जिससे जवानों को किसी तहर की मुश्किल नहीं होती है।

army uniform फोटो-सोशल मीडिया

ये एक्सोस्केलिटन या ढांचा टाइटेनियम से बनता है जबकि इसके अंदर बिजली का एक इंजन लगा रहता है जो चार्जिंग के साथ पूरे एक दिन तक चल सकता है। ये यूनिफॉर्म 50 डिग्री सेल्सियस से -50 डिग्री सेल्सियस तक के वातावरण में काम कर सकता है। जिससे सैनिकों को ठंड का सामना करने में परेशानी नहीं होती है।

ये भी पढ़ें...2 पाकिस्तानी ढेर: अटारी बॉर्डर पर घुसपैठ की कोशिश, सेना ने ऐसे की नाकाम

युद्ध के लिए सर्वश्रेष्ठ चीजें

इसके बाद फ्यूचर इंटिग्रेटेड सोल्जर टेकनोलॉजी जोकि ब्रिटिश आर्मी का एक प्रोजेक्ट है। जिसका उद्देशय जवानों के युद्ध के तरीके को बेहतर करना और उन्हें युद्ध के लिए सर्वश्रेष्ठ चीजें उपलब्ध कराना है।

ये ब्रिटिश मिलिट्री के कवच को बनाने के लिए शक्ति से ज्यादा गतिशीलता को बढ़ावा दिया जाता है। ब्रिटिश डेवलपर्स ने ऐसे कपड़े का इस्तेमाल किया है जिसपर कंप्यूटर यंत्र भी लग जाता है जिससे कनेक्टिविटी बेहतर हो जाती है।

फिर स्पेनिश कवच को COMFUT (Combatiente Futuro) कहते हैं। यहां अपने जवानों के सूट में घुटनों और कोहनियों पर खास ध्यान दिया जाता है। इसके साथ ही फ्लेक्सिबल बुलेटप्रूफ जैकेट का भी इस्तेमाल होता है। इन यूनिफॉर्म्स में पसीना सोखने के लिए भी खास तरह के यंत्रों का उपयोग किया जाता है।

चीन अपने सैनिकों के लिए यूनिफॉर्म कवच नहीं बल्कि इंसान के दूसरे कंकाल या स्केलिटन जैसे ही लगते हैं। ये डिवाइस साधारण यूनिफॉर्म के ऊपर पहनी जाती है। चीनी कवच जवानों को 5 गुणा शक्तिशाली बना देते हैं।

ये भी पढ़ें...पाकिस्तान में मची तबाही: भारतीय सेना ने दिया तगड़ा जवाब, सालों रखेगा याद

Newstrack

Newstrack

Next Story