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बर्बाद हो जाएगा पाकिस्तान! अब गूगल, फेसबुक और ट्विटर ने दी ये बड़ी धमकी

पाकिस्तान के नए डिजिटल सेंसरशिप कानून के अनुसार नियम को तोड़ने पर 50 करोड़ रुपये के जुर्माना का प्रावधान है। नये नियम के मुताबिक इन कंपनियों को पाकिस्तान में अपना स्थायी ऑफिस खोलना होगा।

Newstrack
Published on: 21 Nov 2020 11:55 AM GMT
बर्बाद हो जाएगा पाकिस्तान! अब गूगल, फेसबुक और ट्विटर ने दी ये बड़ी धमकी
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डिजिटल सेंसरशिप कानून के मुताबिक सोशल मीडिया कंपनियों को पाकिस्तानी सरकार की ओर से चुनी गईं जांच एजेंसियों को यूजर्स का डिक्रिप्ट डाटा देना आवश्यक है।

इस्लामाबाद: भारत समेत दुनिया के कई बड़े देश पाकिस्तान को एक ऐसे मुल्क के तौर पर देखते हैं जो लगातार दहशतगर्दी को बढ़ावा देने का काम करता चला आ रहा है।

पाकिस्तान की इमरान सरकार अपनी नीतियों की वजह से विपक्ष के निशाने पर है। गरीबी, बढ़ती बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से पाकिस्तान के लोग आजीज आ चुके हैं।

कोरोना ने उनकी तकलीफ को और भी ज्यादा बढ़ाने का काम किया है। अब तो पाकिस्तान के अंदर कुछ शहरों में लोग सड़कों पर उतरकर इमरान सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा भी जाहिर करने लगे हैं।

Mobile Apps मोबाइल एप्लीकेशन (फोटो: सोशल मीडिया)

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गूगल, फेसबुक और ट्विटर जैसी बड़ी टेक कंपनियों ने इमरान सरकार की दी धमकी

चौतरफा हमलों से घिरी इमरान सरकार अभी इन सब परेशानियों से पार भी नहीं पा पाई थी कि गूगल, फेसबुक और ट्विटर जैसी बड़ी टेक कंपनियों ने इमरान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

इन कम्पनियों ने एक बार फिर से पाकिस्तान छोड़ने की धमकी दी है। एशिया इंटरनेट कोइलिशन ने पाकिस्तान सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि पाकिस्तान का मौजूदा डिजिटल सेंसरशिप अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधे तौर पर हमला है।

यहां पर ये भी बता दें कि एशिया इंटरनेट कोइलिशन संस्था एशिया के अंदर गूगल, फेसबुक और ट्विटर जैसी टेक कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती है।

एशिया इंटरनेट कोइलिशन का मानना है कि पाकिस्तान सरकार द्वारा अधिकारियों को डिजिटल कंटेंट सेंसर करने का अधिकार इस्लामिक राष्ट्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रोकने के उद्देश्य से दिया गया है।

बताते चलें कि इसी साल फरवरी में इन सोशल मीडिया कंपनियों ने कहा था कि यदि सरकार अपने नियमों में संशोधन नहीं करती है तो वे पाकिस्तान छोड़ देंगी। उन्होंने इस बाबत बकायदा लेटर भी लिखा है।

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Mobile Phone इन्टरनेट यूजर (फोटो सोशल मीडिया)

पाकिस्तान के डिजिटल सेंसरशिप कानून में क्या है?

दरअसल पाकिस्तान में जो डिजिटल सेंसरशिप कानून बनाया गया है उसके मुताबिक सोशल मीडिया कंपनियों को पाकिस्तानी सरकार की ओर से चुनी गईं जांच एजेंसियों को यूजर्स का डिक्रिप्ट डाटा देना आवश्यक है।

इतना ही नहीं उसमें आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर कोई पैमाना तय नहीं किया गया है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति किसी कंटेंट को आपत्तिजनक मान सकता है और उसे हटाने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों से अपील कर सकता है।

अपील के 24 घंटों के अंदर इन कंपनियों को कंटेंट को हटाना होगा, वहीं इमरजेंसी में यह सीमा 6 घंटे की होगी। इस सेंसरशिप के तहत सब्सक्राइबर, ट्रैफिक, कंटेंट और अकाउंट से जुड़ी जानकारी खुफिया एजेंसियों के साथ साझा करने का भी प्रावधान है।

आखिर किस बात से खफा हैं ये टेक कम्पनियां

दरअसल पाकिस्तान के नए डिजिटल सेंसरशिप कानून के अनुसार नियम को तोड़ने पर 50 करोड़ रुपये के जुर्माना का प्रावधान है। नये नियम के मुताबिक इन कंपनियों को पाकिस्तान में अपना स्थायी ऑफिस खोलना होगा। इसके अलावा लोकस सर्वर भी बनाना होगा। साथ ही पाकिस्तान से बाहर रह रहे पाकिस्तानी लोगों के अकाउंट पर नजर रखनी होगी।

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