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भीषण आतंकी हमला: जिससे कांप गई दुनिया, भयावह मंजर से मच गया था हाहाकार
अमेरिका पर 11 सितंबर 2001 में अलकायदा के आतंकवादियों ने आत्मघाती हमला किया था। इसमें लगभग 3000 लोग मारे गए और 8900 लोग घायल हुए थे। यह विश्व इतिहास का सबसे बड़ा और भयंकर आतंकवादी हमला माना जाता है।
नई दिल्ली: दुनिया आतंकियों से परेशान है आतंकियों ने पूरे विश्व को हिला रखा है। आज हम आपको दुनिया में हुए कुछ ऐसे हमलों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने समूचे विश्व में हाहाकार मचा दिया। इन हमलों में कहीं आतंकियों द्वारा स्कूली बच्चों को निशाना बनाया गया तो कई परिवार को बेघर कर दिया है। वहीं कुछ हमले ऐसे भी हुए है, जिसका दुष्ट प्रभाव आज भी लोगों को भुगतना पड़ रहा है। जिसे भविष्य में रोकने के लिए सभी प्रयास तो कर सकते हैं, पर इतिहास के धब्बों को कभी मिटाया नहीं जा सकता। तो आइए जानते हैं दुनिया के ऐसे पांच बड़े आतंकवादी हमलों के बारे में...
अमेरिका में (आतंकी हमला 9-11)हुआ-
अमेरिका पर 11 सितंबर 2001 में अलकायदा के आतंकवादियों ने आत्मघाती हमला किया था। इसमें लगभग 3000 लोग मारे गए और 8900 लोग घायल हुए थे। यह विश्व इतिहास का सबसे बड़ा और भयंकर आतंकवादी हमला माना जाता है। अलकायदा के आतंकवादियों ने चार यात्री जेट विमानों का अपहरण किया और उनमें से दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर(न्यूयॉर्क शहर के ट्विन टावर्स) के साथ टकरा दिया।
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बता दें कि इस हमले में विमानों में सवार सभी लोग, खुद आतंकवादी और ट्विन टावर्स में मौजूद अन्य लोग मारे गए। आतंकियों ने तीसरे विमान को वाशिंगटन डीसी के बाहर, आर्लिंगटन, वर्जीनिया में पेंटागन में टकरा दिया था। चौथा विमान कुछ यात्रियों और उड़ान चालक दल के विमान का नियंत्रण फिर से लेने के प्रयास में पेंसिल्वेनिया के ग्रामीण इलाके में शैंक्सविले के पास एक खेत में जा टकराया था। इनमें से किसी भी घटना में विमान में कोई जीवित नहीं बचा था।
मुंबई (आतंकी हमला26-11)-
यह भारत में हुआ अब तक का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला था। इसमें कुल 166 लोग मारे गए और 293 लोग घायल हुए। 26 नवंबर 2011 को 10 आत्मघाती हमलावर मुंबई में हथियारों से लैस होकर घुस गए थे। आतंकवादियों ने नरीमन हाउस, होटल ताज और होटल ओबेराय को कब्जे में ले लिया था।
आतंकियों ने छत्रपति शिवाजी टर्मिनलपर भी जमकर गोलीबारीकी थी। यह हमला 26 नवंबर की रात को शुरू हुआ, जो29 नवंबर को अजमल आमिर कसाब को छोड़कर बाकी सभी आतंकवादियों की मौत के साथ खत्म हुआ। एकमात्र आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को जिंदा पकड़ा जा सका। कसाब को पूरी कानूनी प्रक्रिया के बाद फांसी की सजा दे दी गई।
इराक: यजीदी समुदाय पर 2 टन विस्फोटक से हमला-
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हमला इराक में 14 अगस्त 2007 को हुआ। इसके लिए आतंकवादियों ने एक कार को इस्तेमाल किया था। कार में भारी मात्रा में विस्फोटक रखे गए थे। यहहमला विशेष रूप से यजीदी समुदाय के लोगों को निशाना बनाने के लिए किया गया था।
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आतंकवादियों ने तीन कारों में दो टन विस्फोटक भराऔर एक फ्यूल टैंकर को इमारत से टकरा दिया। इस हमले में करीब 756 लोगों की मौत हुई और 1,500 से ज्यादा लोग घायल हुए। इस हमले के पीछे कौन था, यह बात अब तक पूरी तरह साफ नहीं हो सकी है।
रुस : बेसलान स्कूल हत्याकांड-
सितंबर 2004 को रूस के बेसलान स्कूल में 1000 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया गया था। इसमें हमले में करीब 330 लोगों की जान गई थी, जिनमें सबसे ज्यादा संख्या बच्चों की थी। चेचेन के आतंकवादियों ने इसे अंजाम दिया था। नकाबपोश महिलाएं और पुरुष विस्फोटक बेल्ट पहनकरगोलियां चलाते हुए स्कूल में घुस गए थे। स्कूल में दाखिल होते ही आतंकियों ने वहां मौजूद गार्ड समेत सभी पुरुष शिक्षकों को मार दिया था।
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इसके बाद सभी को बंधक बनाकर स्पोर्ट्स हॉल में रखा और बास्केटबॉल कोर्ट में विस्फोटक लगा दिए। यह पूरा घटनाक्रम करीब तीन दिन चला। आतंकवादियों की मांग थी कि रूसी सरकार चेचेन्या से अपनी सेना हटा ले। वहीं रूस ने इससे साफ इनकार कर दिया था। आर्मी और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में सैकड़ों बच्चे मारे गए थे।
आतंकी हमला (एयर इंडिया की फ्लाइट-182)-
23 जून 1985 को एयर इंडिया की फ्लाइट कनिष्क-182 टोरंटो से उड़ान भरने के बाद लंदन होते हुएनई दिल्ली पहुंचने वाली थी। लेकिन सुबह होने से पहले यूरोप की सीमा में दाखिल होने के बाद 31000 फीट की ऊंचाई पर जोरदार धमाका हुआ। इससे विमान में सवार सभी 329 लोग मारे गए, इनमें 22 क्रू मेंबर थे। विमान का मलबा आयरलैंड की सीमा के पास अंटार्कटिक में बिखर गया।
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अंटार्कटिक का यह इलाका लाशों और विमान के टुकड़ों से भर गया था। इस घटना में पूरे 29 परिवार खत्म हो गए। मरने वालों में 268 केनेडियन नागरिक थे, जिनमें ज्यादातर भारतीय मूल के थे और 24 भारतीय नागरिक भी शामिल थे। जांच में यह बताया गया कि जहाज के कार्गो सेक्शन में बमसे भरा एक बैग रखा गया था और इसे रखने वाले ने फ्लाइट बोर्ड नहीं की थी।