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इंसान के शरीर में डाला जाएगा कोरोना वायरस, विश्व में पहली बार होगा ऐसा, ये है वजह

ब्रिटेन में कोविड चैलेंज ट्रायल के तहत जानबूझकर इंसानों के शरीर में कोरोना वायरस डाला जाएगा। ऐसा करने वाला ब्रिटेन दुनिया का पहला देश बन सकता है।

Newstrack
Published on: 24 Sep 2020 6:33 AM GMT
इंसान के शरीर में डाला जाएगा कोरोना वायरस, विश्व में पहली बार होगा ऐसा, ये है वजह
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ब्रिटेन में कोविड चैलेंज ट्रायल के तहत जानबूझकर इंसानों के शरीर में कोरोना वायरस डाला जाएगा। ऐसा करने वाला ब्रिटेन दुनिया का पहला देश बन सकता है।

नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इस जानलेवा महामारी की अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बन पाई है, हालांकि रूस ने वैक्सीन बना लेने का दावा किया है। दुनिया के कई देश कोरोना की वैक्सीन बनाने में लगे हैं।

अब इस बीच ब्रिटेन में कोविड चैलेंज ट्रायल के तहत जानबूझकर इंसानों के शरीर में कोरोना वायरस डाला जाएगा। ऐसा करने वाला ब्रिटेन दुनिया का पहला देश बन सकता है। यह ट्रायल वालंटियर्स पर किया जाएगा। इस ट्रायल का मकसद संभावित कोरोना वायरस वैक्‍सीन के प्रभाव की जांच करना है। मिली जानकारी के मुताबिक यह प्रयोग लंदन में किया जाएगा। ब्रिटेन की सरकार ने कहा कि वह ह्यूमन चैलेंज स्‍टडी के जरिए वैक्‍सीन बनाने पर विचार विमर्श कर रही है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अभी इस तरह के किसी समझौते पर हस्‍ताक्षर नहीं किया गया है। सरकार के एक प्रवक्‍ता ने बताया कि हम अपने सहयोगियों के साथ यह समझने के लिए काम कर रहे हैं कि ह्यूमन चैलेंज स्‍टडी के जरिए संभावित कोरोना वायरस वैक्‍सीन को लेकर कैसे सहयोग कर सकते हैं। उन्‍होंने बताया कि यह चर्चा हमारे कोरोना वायरस को रोकने, उसके इलाज के लिए किए जा रहे प्रयासों का एक हिस्‍सा है। इसके जरिए इस महामारी का जल्‍द से जल्‍द खात्‍मा किया जा सके।

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Coronavirus

कई देशों में बन रही कोरोना वैक्सीन

गौरतलब है कि दुनिया में कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए वैक्‍सीन बनाने का काम बहुत तेजी से किया जा रहा है। दुनियाभर में 36 कोरोना वायरस वैक्‍सीन का क्लिनिकल ट्रायल किया जा रहा है। इसमें ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका और चीन की वैक्‍सीन अपने आखिरी चरण में हैं। जबकि रूस ने दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्‍सीन बनाने का दावा किया है। लेकिन दुनिया के कई देशों ने रूस की इस वैक्सीन पर सवाल खड़ किए हैं।

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ह्यूमन चैलेंज स्‍टडी में शामिल होने वालों को खतरा

सबसे बड़ी बात है कि जहां एक तरफ लोग कोरोना वायरस से खौफ में हैं, तो वहीं ब्रिटिश सरकार के इस कोरोना चैलेंज ट्रायल में शामिल होने के लिए बड़ी संख्‍या में देश के युवा और स्‍वस्‍थ वॉलंटियर्स तैयार हैं। इस ट्रायल से तुरंत यह जानकारी सामने आ जाएगी कि क्‍या कोरोना वैक्‍सीन काम करती है या नहीं। इससे कोरोना के सबसे कारगर वैक्‍सीन का जल्‍दी से चुनाव किया जा सकेगा। ट्रायल में शामिल होने वालों लोगों की लंदन में 24 घंटे निगरानी होगी। माना जा रहा है कि यह प्रयोग जनवरी में शुरू किया जा सकता है।

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