×

पाकिस्तान की नापाक हरकतों का खुलासा, अल्पसंख्यकों पर ऐसे ढा रहा जुल्म

पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि 2019 में पाकिस्तान का रिकॉर्ड मानवाधिकार के मामलों में निराशाजनक रहा है।

Ashiki
Published on: 1 May 2020 11:26 PM IST
पाकिस्तान की नापाक हरकतों का खुलासा, अल्पसंख्यकों पर ऐसे ढा रहा जुल्म
X

पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि 2019 में पाकिस्तान का रिकॉर्ड मानवाधिकार के मामलों में निराशाजनक रहा है। राजनीतिक विरोध को लगाम लगाने के साथ मीडिया की आवाज भी दबाई गई। आयोग ने रिपोर्ट में कहा, 'कोरोना महामारी के कारण कमजोरों और धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति और नाजुक होगी। गुरुवार जारी रिपोर्ट में यह भी दर्शाया गया कि धार्मिक अल्पसंख्यक अपनी धार्मिक स्वतंत्रता या मान्यता का लाभ लेने में सक्षम नहीं हैं, जिसकी गारंटी संविधान में दर्ज है।

ये पढ़ें: लॉकडाउन में मसीहा बने दो दोस्त, रोज भर रहे बेजुबानों का पेट

अल्पसंख्यकों के हालातों का खुलासा

पिछले साल की 'मानवाधिकार की स्थिति' शीर्षक रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुत से समुदायों के लिए... उनके धर्मस्थल के साथ भेदभाव किेया जाता है। युवतियों का जबरन धर्मांतरण कराया जाता है। रोजगार तक पहुंच में भेदभाव होता है। पाकिस्तानी मानवाधिकार ने कहा कि व्यापक रूप से सामाजिक और आर्थिक हाशिये पर डाले जाने की वजह से समाज का सबसे कमजोर तबका अब लोगों को नहीं दिखता और उनकी आवाज भी दबाई जाती है।

ये पढ़ें: सूडान का ऐतिहासिक फैसला, अब महिलाओं के खतने पर होगी जेल, जानें इसके बारे में

एचआरसीपी के प्रवक्ता आई ए रहमान ने रिपोर्ट को जारी किए जाते समय 2019 में पाकिस्तान के मानवाधिकार रिकॉर्ड को 'बेहद चिंताजनक' बताया। उन्होंने कहा कि जारी वैश्विक महामारी के मानवाधिकारों पर लंबी छाया डालने की उम्मीद है। मानवाधिकार के महासचिव हारिस खालिक ने कहा कि बीते साल को राजनीतिक विरोध को व्यवस्थित तरीके से दबाने, मीडिया की आजादी को कम करने और आर्थिक-सामाजिक अधिकारों की गंभीरतम अनदेखी के लिए याद किया जाएगा। आयोग ने कहा, 'बलोचिस्तान में खदानों में बाल श्रमिकों के यौन शोषण की खबरें आईं, जबकि हर पखवाड़े बच्चों से दुष्कर्म और हत्या करने की खबरें आम हैं।

ये पढ़ें: LG लाया ढेरों ऑफर्स, स्मार्टफोन पर 5000 और TV पर 15000 तक डिस्काउंट, और भी…

अल्पसंख्यक समुदाय की नाबालिग लड़कियों का जबरन धर्मांतरण

रिपोर्ट में अहम की खातिर हत्या, अल्पसंख्यक समुदाय की नाबालिग लड़कियों का जबरन धर्मांतरण और ईशनिंदा कानून का लगातार इस्तेमाल लोगों को डराने, बदला लेने के लिए किए जाने का जिक्र किया गया है। सिख और हिंदू लड़कियों के जबरन विवाह से जुड़ी कई खबरें हाल में सामने आई हैं, जिसकी वजह से भारत को पाकिस्तान सरकार के सामने यह मामला उठाना पड़ा। प्रधानमंत्री इमरान खान ने चुनाव अभियान में कहा था कि उनकी पार्टी का एजेंडा है कि हर धार्मिक समूह आगे आए। हिंदू लड़कियों का जबरन विवाह रोकने के लिये प्रभावी कदम भी उठाए जाएंगे। हालांकि सरकार बनने के बाद उनके बावजूद भी शादी कर जबरन धर्मांतरण के मामले सामने आते रहे।

ये पढ़ें: कामगारों एवं श्रमिकों की वापसी के लिए योगी सरकार ने उठाये प्रभावी कदम

यहां हुआ राशन वितरण, कहीं लंबी लाइन तो कहीं दुकानों पर रहा सन्नाटा

कोरोना योद्धाओं के लिए जमीन-आसमान एक कर देंगी सेनाएं, 3 मई को करेंगी ये काम



Ashiki

Ashiki

Next Story