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Pakistan News: पाक आर्मी को दहशतगर्द बताना इमान मजारी को पड़ा भारी! आवाज उठाते ही हो गई ‘किडनैप‘
Pakistan News: पाकिस्तान में सेना के खिलाफ आवाज उठाने का मतलब है मौत को दावत देना। ऐसे में इमरान सरकार में मंत्री रहीं शिरीन मजारी की बेटी इमान मजारी ने पाकिस्तानी सेना को दहशतगर्द बता दिया। बयान के अगले दिन ही पुलिस उनके घर पहुंची और उन्हें अपने साथ लेकर चली गई।
Pakistan News: पाकिस्तान में सेना के खिलाफ आवाज उठाने का मतलब है मौत को दावत देना। वहां सेना की ही चलती है। चुनी हुई सरकारें भी सेना के ही इशारे पर काम करती हैं। पाकिस्तान में एक युवती ने सेना के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया तो उसे घर से उठा लिया गया। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के बीचोंबीच पश्तून तहफुच मूवमेंट (पीटीएम) जलसे का आयोजन किया जाता है। इस जलसे में सियासत, आर्थिक बदहाली और सेना के सताए हुए हजारों लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं और जमकर बयानबाजी होती है। इस बार भी जलसे का आयोजन हुआ। जिसमें पूर्व मानव अधिकार मंत्री की बेटी भाषण देने मंच पर पहुंचती है और आवेश में आकर सेना के खिलाफ नारे लगाने लगती है। वह कहती है कि ‘यह जो दहशतगर्दी है‘ और वहां मौजूद हजारों लोग एक साथ चिल्लाते हैं ‘इसके पीछे वर्दी है।‘
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अब तक लड़की का कोई अता-पता नहीं है-
फिर क्या था पाकिस्तान में सेना के खिलाफ उनका आवाज उठाना उनके लिए भारी पड़ गया। रैली के ठीक अगले दिन सिविल ड्रेस में पुलिस की एक टीम पूर्व मंत्री के घर पहुंच गई और उनकी लड़की को साथ ले कर चली गई। इस घटना को 24 घंटे हो चुके हैं, लेकिन अब तक लड़की का कोई अता-पता नहीं है।
सेना को बता दिया असली आतंकवादी-
जलसे में पाक सेना के खिलाफ नारे लगाने वाली लड़की इमरान खान सरकार में मंत्री रहीं शिरीन मजारी की बेटी इमान हाजिर मजारी है। 18 अगस्त को इस्लामाबाद में एक रैली (जलसे) का आयोजन किया गया। जलसा ठीक सुप्रीम कोर्ट के सामने हुआ। इसमें पश्तून समुदाय के कई नेताओं ने शिरकत की। जब इमान मजारी मंच पर पहुंची तो उन्होंने सेना को कोसना शुरू कर दिया। मजारी ने कहा कि पाकिस्तान में होने वाले आतंकी हमलों के लिए पाक अर्मी ही जिम्मेदार है। वही, असली आतंकवादी हैं। इमान ने मंच से सेना के खिलाफ ‘ये जो दहशतगर्दी है, इसके पीछे वर्दी है‘ जैसे नारे भी लगवाए।
सूरज निकलने से पहले पहुंची गई पुलिस-
पाकिस्तान के इमरान सरकार में मानव अधिकार मंत्री रहीं शिरीन का दावा है कि रैली के अगले दिन सूरज निकलने से पहले ही पुलिस उनके घर पहुंच गई और उनकी बेटी को किडनैप कर लिया गया है। सादी वर्दी में आई पुलिस टीम ने उनके घर का दरवाजा तोड़ दिया और घर में घुस कर घर की तलाशी लेने लगे। जब शिरीन ने उनसे पूछा कि वह क्यों आए हैं? तो कुछ पुलिसकर्मियों ने इमान को घर से बार निकाला और अपने साथ लेकर जाने लगे। इस दौरान इमान ने उनसे कहा कि उसने घर के कपड़े पहन रखे हैं, कम से कम उसे कपड़े तो बदल लेने दिए जाएं, लेकिन पुलिसकमिर्यों ने उसकी एक न सुनी और वे उसी हालत में उसे साथ ले गए।
उस समय घर में थीं केवल 2 महिलाएं-
शिरीन मजारी ने दावा किया कि पुलिसवाले अपने साथ उनके सीसीटीवी कैमरे और लैपटॉप भी उठा ले गए। जिस समय पुलिसवाले आए थे, उस दौरान घर में केवल 2 महिलाएं ही थीं। वहीं इस पूरी वारदात को सही ठहराते हुए पुलिस ने कहा है कि इमान देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रही थीं। उन पर धरना देने और विरोध प्रदर्शन करने का केस दर्ज किया गया है। बता दें पाकिस्तान में 9 मई को हुई हिंसा के बाद इमान की मां शिरीन मजारी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। शिरीन को उस घटना के बाद कई बार अरेस्ट किया गया, जिससे आहत होकर उन्होंने इमरान खान की पार्टी पीटीआई छोड़ दी।
कैमरे तोड़े, गेट पीटा-
शनिवार को हुई गिरफ्तारी से पहले, इमान ने खुद एक्स (ट्विटर) पर अपडेट हाल पोस्ट किया। इसमें उन्होंने बताया कि कैसे पुलिसकर्मियों ने उनके घर के कैमरे तोड़े, गेट पीटा और घर में आ गए। इस बीच, पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने इमान की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की और उनकी तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग की। गिरफ्तारी के बाद संगठन ने इस्लामाबाद पुलिस के कृत्य को ‘अस्वीकार्य‘ बताते हुए प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर कहा, जिस तरह से इस्लामाबाद पुलिस कथित तौर पर बिना किसी वारंट के उसके घर में घुस गई, वह अस्वीकार्य है।
जानिए कौन हैं इमान मजारी?
बता दें इमान मजारी पाकिस्तान की एक फेमस लायर और मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं। उनका जन्म इस्लामाबाद में हुआ था। उन्होंने स्कॉटलैंड की एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी से एलएलबी करने के बाद पाकिस्तान में अपना करियर शुरू किया था। इमान बलूच समुदाय से आती हैं। उनका एक भाई है, जिसका नाम सबील हाजरी है। पाकिस्तान के कल्चर के हिसाब से इमान मजारी काफी बोल्ड हैं। वह सोशल मीडिया पर बिंदास अंदाज वाली तस्वीरें शेयर करती रहती हैं। अपनी बेबाक पोस्ट के लिए भी इमान अक्सर चर्चा में रहती हैं।
क्या है पीटीएम?
रैली में जुटने वाले सभी नेता पश्तून तहफुच मूवमेंट (पीटीएम) में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद पहुंचे थे। पश्तून नेताओं ने पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट (पीटीएम) की रैली का आयोजन किया था। यह एक आंदोलन है, जो पिछले 5 सालों से बलूचिस्तान और पाकिस्तान के दूसरे पश्तून बहुल इलाकों में चलाया जा रहा है। 2018 में शुरू हुए इस आंदोलन का उद्देश्य पश्चूनों के मानव अधिकारों की रक्षा करना है।
8 छात्रों ने की थी शुरुआत-
कहा जाता है कि इस आंदोलन की शुरुआत 9 साल पहले ही हो गई थी। 2014 में खैबर पख्तूनख्वा के डेरा इस्माइल खान में स्थित गोमल विश्वविद्यालय में आठ छात्रों से इसकी शुरुआत की थी। लेकिन इस आंदोलन को रफ्तार पकड़ने में करीब 4 साल लग गए। इस आंदोलन ने उस समय गति पकड़ी, जब 13 जनवरी 2018 को मशहूर पश्तून नेता नकीबुल्लाह महसूद का कराची में एनकाउंटर कर दिया गया।
पश्तूनों को मिली पहचान-
नकीबुल्लाह महसूद को इंसाफ दिलाने की मांग करते हुए लोगों ने एक बड़े आंदोलन की शुरुआत की। तब महसूद पाकिस्तान के वजीरिस्तान की एक जनजाति का नाम था, लेकिन जब नकीबुल्लाह की मौत के बाद शुरू हुए इस आंदोलन को पश्तूनों के बीच एक नई पहचान मिल गई तो इस महसूद शब्द को हटाकर उसे पश्तून कर दिया गया। इस आंदोलन का मकसद पाकिस्तान की सरकार और सेना से कई मांगों को मनवाना था, जिसमें नकीबुल्लाह का एनकाउंटर करने वाले एसएसपी राव अनवर को सजा दिलाना भी शामिल था।