×

दिखावा आतंकियों पर कार्रवाई: पाकिस्तान की ये पुरानी चाल, इसलिए मजबूर हुए इमरान

भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी पाकिस्तान की इस कार्रवाई को गंभीरता से न लेते हुए पाकिस्तानी स्टंट बताया है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि महत्वपूर्ण बैठकों से पहले पाकिस्तान प्रायः ऐसी कार्रवाई करता रहा है।

Dharmendra kumar
Published on: 9 Jan 2021 7:48 AM GMT
दिखावा आतंकियों पर कार्रवाई: पाकिस्तान की ये पुरानी चाल, इसलिए मजबूर हुए इमरान
X

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: पाकिस्तान दुनिया का ऐसा देश है जिसके हर कदम के पीछे कोई न कोई चाल जरूर होती होती है। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी को 15 साल की सजा और आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर के खिलाफ जारी हुआ अरेस्ट वारंट भी पाकिस्तान की बड़ी चाल बताया जा रहा है।

दरअसल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इन दिनों देश में गहरी मुसीबत में फंसे हुए हैं। एक ओर जहां एकजुट विपक्ष ने इमरान की नाक में दम कर रखा है तो दूसरी ओर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ग्रेलिस्ट में बरकरार रखा है। इस कारण इमरान सरकार के लिए आईएमएफ जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से आर्थिक मदद लेना कठिन हो गया है। जानकारों का कहना है कि दुनिया को दिखाने के लिए पाकिस्तान ने एक बार फिर आतंकियों पर लगाम कसने की चाल चली है ताकि उसकी आर्थिक दिक्कतें दूर हो सकें।

भारत ने बताया पाकिस्तानी स्टंट

भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी पाकिस्तान की इस कार्रवाई को गंभीरता से न लेते हुए पाकिस्तानी स्टंट बताया है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि महत्वपूर्ण बैठकों से पहले पाकिस्तान प्रायः ऐसी कार्रवाई करता रहा है। मंत्रालय के मुताबिक एपीजेजी और एफएटीएफ की बैठक से पहले पाकिस्तान ने सोच समझकर यह चाल चली है ताकि वह दुनिया को यह दिखा सके कि वह आतंकियों पर लगाम कस रहा है।

ये भी पढ़ें...बाइडन के शपथग्रहण में नहीं जाएंगे डोनाल्ड ट्रंप, 152 साल में पहली बार होगा ऐसा

Terrorist

लश्कर आतंकी लखवी पर कार्रवाई

लाहौर की एंटी टेरर अदालत ने मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी जकीउर रहमान लखवी को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। आतंकी गतिविधियों को मदद देने और आतंकवाद को फंडिंग करने के मामले में लखवी को 15 साल की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही लखवी पर जुर्माना भी लगाया गया है। लखवी को हाल ही में गिरफ्तार किया गया था। लखवी ने हाफिज सईद के साथ मिलकर मुंबई हमले की साजिश रची थी। लखवी को 2008 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया था। इसके बावजूद वह पाकिस्तान में सक्रिय था और आतंकी गतिविधियों की साजिश रचने में जुटा हुआ था।

मसूद के लिए भी ढाल बना रहा पाक

इसी तरह पाकिस्तान दशकों तक अंतरराष्ट्रीय आतंकी मसूद अजहर के लिए भी ढाल की तरह काम करता रहा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में इस्लामाबाद के साथ ही चीन भी समय-समय पर अजहर मसूद का बचाव करता रहा है। अब मसूद अजहर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने और लखवी की गिरफ्तारी पर भारतीय अधिकारियों ने साफ तौर पर कहा है कि यह ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की पाकिस्तान की छटपटाहट का नतीजा है।

ये भी पढ़ें...चीन से फिर फैलेगा नया वायरस, भविष्यवक्ता ने दी चेतावनी, दुनिया में मची हलचल

FATF

पाक को मिल चुकी है चेतावनी

एफएटीएफ की पिछली बैठक में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी गई थी कि वह आतंकवाद को फंडिंग रोकने के लिए मजबूत कदम उठाए नहीं तो उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा। भारतीय अधिकारियों के मुताबिक अजहर के खिलाफ अरेस्ट वारंट और लखवी की गिरफ्तारी ऐसे कदम हैं जिनसे पीछे भी हटा जा सकता है। लखवी ने मुंबई हमले के बाद सलाखों के पीछे समय समय तो जरूर बताया, लेकिन उसे जेल में भी विलासिता के सारे साधन मिले हुए थे और उसी दौरान हुआ पिता भी बना। दबाव कम होने के बाद पाकिस्तान की हुकूमत ने उसे आजाद कर दिया।

दाऊद पर भी कार्रवाई का दबाव

भारतीय अफसरों का मानना है कि पाकिस्तान पर दाऊद इब्राहिम के खिलाफ भी कदम उठाने का दबाव बढ़ रहा है। 1993 में मुंबई बम धमाकों की साजिश रचने वाला दाऊद इब्राहिम बाद में भागकर पाकिस्तान चला गया था। दो दशक से ज्यादा समय से वह कराची में रहकर दक्षिण एशिया में अपने क्राइम सिंडिकेट का संचालन कर रहा है। भारत की ओर से कई बार दस्तावेजी साक्ष्य देने के बावजूद पाकिस्तान इस बात को स्वीकार करने से इनकार करता रहा है कि दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में रह रहा है। हालांकि दाऊद के खिलाफ कार्रवाई करने इमरान सरकार के पसीने भी छूट रहे हैं क्योंकि दाऊद पाकिस्तान के पावर सर्किट में अच्छी तरह काबिज है।

ये भी पढ़ें...राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ट्विटर अकाउंट बंद, कंपनी ने इसलिए लिया ये बड़ा फैसला

Imran Khan

अमेरिका की मदद चाहता है पाक

पाकिस्तान पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का मानना है इस्लामाबाद तालिबान से शांति वार्ता में अमेरिका की मदद के बदले नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन का एफएटीएफ की बैठक में समर्थन लेने में भी जुटा हुआ है। एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए इमरान सरकार पर गहरा दबाव है और यही कारण है कि इमरान सरकार दुनिया को आतंकियों पर लगाम कसने के लिए एक्शन करने की बात दिखाना चाहती है।

गहरे आर्थिक संकट में फंसा पाक

मौजूदा समय में पाकिस्तान गहरे आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और उसे अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से मदद की दरकार है मगर एफटीएफ की ग्रे लिस्ट में होने के कारण उसे आर्थिक मदद में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जानकारों के मुताबिक इसीलिए पाकिस्तान दिखावे की कार्रवाई करने में जुटा हुआ है।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story