चीन ने साजिश रचकर किया हमला, इस तरह पता की थी भारतीय जवानों की संख्या

भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष की घटना अचानक नहीं हुई थी। अब इस बात का खुलासा हुआ है कि चीन ने सुनियोजित साजिश रचकर इस घटना को अंजाम दिया।

Ashiki
Published on: 18 Jun 2020 3:29 AM GMT
चीन ने साजिश रचकर किया हमला, इस तरह पता की थी भारतीय जवानों की संख्या
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष की घटना अचानक नहीं हुई थी। अब इस बात का खुलासा हुआ है कि चीन ने सुनियोजित साजिश रचकर इस घटना को अंजाम दिया। इसके लिए बाकायदा चीनी सेना की ओर से तैयारी की गई थी और भारतीय सैन्य कर्मियों की सही संख्या की जानकारी पाने के लिए थर्मल इमेजिंग ड्रोन का सहारा लिया गया था। हमले की घटना को उस समय अंजाम दिया गया जिस समय चीनी सैनिकों की अपेक्षा भारतीय सैनिक कर्मियों की संख्या काफी कम थी।

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हमले के लिए जुटा रखे थे पत्थर

चीनी सैनिकों की साजिश का खुलासा इस बात से भी होता है कि भारतीय सैन्य कर्मियों पर हमला करने के लिए उन्होंने पहले से ही बाकायदा पत्थर जुटा रखे थे। चीनी सेना ने धोखेबाजी से भारत की छोटी टुकड़ी पर हमला किया जिसमें एक कर्नल संतोष बाबू सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए। हालांकि बाद में भारतीय सेना ने भी मुंहतोड़ जवाब देते हुए दुश्मन सेना के दांत खट्टे कर दिए। भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में 43 चीनी सैनिकों के मारे जाने की खबर है। हालांकि चीन की ओर से अभी तक इस बाबत कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है।

वादे के मुताबिक पीछे नहीं हटा चीन

चीनी सेना की ओर से भारतीय टुकड़ी पर उस समय हमला किया गया जब भारतीय टुकड़ी चीनी पक्ष से यह जानने गई थी कि अपने वादे के मुताबिक उनके सैनिक तय जगह से पीछे क्यों नहीं हटे हैं। कर्नल संतोष बाबू की अगुवाई में गई टीम ने देखा कि पीछे हटने की बात तो दूर चीन ने वहीं पर अभी तक अपने तंबू गाड़ रखे हैं। इसे लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हुई और उसके बाद चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर हमला बोल दिया। इसके लिए उन्होंने पहले से ही छड़, लाठी-डंडे और पत्थर जमा कर रखे थे। पास स्थित ऊंचे पहाड़ों से भी भारतीय सैन्य कर्मियों पर जमकर पथराव किया गया। कंटीले तारों वाली छड़ों और पथराव करके भारतीय पक्ष को निशाना बनाया गया।

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थर्मल इमेजिंग ड्रोन का लिया सहारा

भारतीय पक्ष को चीनी मंसूबों की जानकारी ही नहीं थी क्योंकि चीन ने भारतीय पक्ष पर हमले की सुनियोजित साजिश रच रखी थी। भारतीय सैन्य कर्मियों की सही संख्या की जानकारी पाने के लिए थर्मल इमेजिंग ड्रोन का सहारा लिया गया था। भारतीय पक्ष चीनी सेना से जानकारी करने इसलिए गया था क्योंकि इससे पहले दोनों पक्षों के बीच चीनी सैनिकों के मोर्चे से हटने पर सहमति बनी थी। हमले के दौरान चीनी सैनिकों की संख्या भारतीय सैनिकों से पांच गुना ज्यादा थी। भारतीय सेना को चीनी सैनिकों की साजिश और इस तरह के हमले के बारे में कोई पूर्वानुमान नहीं था। यही कारण था कि भारतीय सैनिकों की छोटी टुकड़ी ही मौके का मुआयना करने और चीनी पक्षों से बातचीत करने के लिए गई थी।

भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब

चीनी पक्ष की ओर से किए गए इस अचानक हमले के कारण भारतीय जवान बुरी तरह घिर गए। इसके बावजूद भारतीय सैन्य कर्मियों ने चीनी सैनिकों का जमकर प्रतिवाद किया और कई घंटे तक दोनों पक्षों की ओर से झड़प चली। बाद में भारतीय पक्ष की ओर से भी जवाबी कार्रवाई की गई जिसमें चीनी सेना को भी भारी नुकसान पहुंचा और करीब 43 चीनी सैन्य कर्मियों के मारे जाने की खबर है।

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अपने सैनिकों के बारे में साधी चुप्पी

भारतीय सेना और सरकार की ओर से 20 सैन्य कर्मियों के शहीद होने की अधिकारिक जानकारी दी गई है मगर चीन अभी तक अपनी सेना को हुए नुकसान के बारे में चुप्पी साधे हुए हैं। दोनों पक्षों के बीच हुई झड़प के बाद चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने चीनी सैनिकों को नुकसान पहुंचने की बात स्वीकारी थी मगर उसने भी हताहत चीनी सैनिकों की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। बाद में चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से भी बयान जारी किया गया मगर उसने भी इस बाबत कोई खुलासा नहीं किया। सूत्रों का कहना है कि चीन के मारे गए सैन्य कर्मियों में एक कमांडिंग अफसर भी शामिल है।

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