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ट्रंप को जिताएगा भारतवंशी: टेक्सास से लड़ रहा चुनाव, RSS से भी है नाता

अमेरिका में भारतवंशी अमेरिकी वोटरों को लुभाने के लिए इस बार ट्रंप की पार्टी भारतीयों के मुद्दों को चुनावी एजेंडा का हिस्सा बनाने के साथ-साथ भारतीय अमेरिकी लोगों को भी चुनाव प्रचार में जगह दे रही है।

Shreya
Published on: 16 Oct 2020 1:13 PM IST
ट्रंप को जिताएगा भारतवंशी: टेक्सास से लड़ रहा चुनाव, RSS से भी है नाता
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ट्रंप को जिताएगा भारतवंशी: टेक्सास से लड़ रहा चुनाव, RSS से भी है नाता

नई दिल्ली: अमेरिका में जल्द ही राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। जिसके लिए सभी पार्टियों ने कमर कस ली है। वहीं ट्रंप भी दोबारा राष्ट्रपति बनने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने ना केवल अपने देश के नागरिकों बल्कि भारतवंशी अमेरिकी वोटरों को लुभाने की कोशिश में भी लगे हुए हैं। भारतवंशी वोटरों को रिझाने के लिए ट्रंप की पार्टी डेमोक्रेट्स सारे दांव खेल रही है और इसलिए पार्टी ने भारतीय मूल के कुलकर्णी को चुनाव में खड़ा किया है।

ट्रंप की पार्टी की तरफ से चुनाव में खड़े हैं कुलकर्णी

बता दें कि पूर्व राजनयिक रह चुके भारतीय मूल के प्रेस्टन कुलकर्णी इरान और इजरायल जैसे देशों में भी तैनात रह चुके हैं। कुलकर्णी ट्रंप की पार्टी की तरफ से चुनाव में खड़े हैं। वो टेक्सास जैसे अहम राज्य से दावेदार हैं। ट्रंप की पार्टी ना केवल भारतीयों के मुद्दों को अपने चुनावी एजेंडा का हिस्सा बना रही है, बल्कि भारतीय अमेरिकी लोगों को भी चुनाव प्रचार में जगह दे रही है। साथ ही भारतीय मूल के प्रत्याशी भी पार्टी में नजर आ रहे हैं।

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अगर टेक्सास में जीतते हैं कुलकर्णी तो....

41 वर्षीय कुलकर्णी के बारे में दिलचस्प बात ये भी है कि इनका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS से भी नाता रहा है। कुलकर्णी रिपब्लिकन के ट्रॉय नेहल्स को टक्कर देंगे। वहीं अगर कुलकर्णी की टेक्सास में जीत हो जाती है तो वो इस राज्य में जीत पाने वाले पहले हिंदू प्रतिनिधि बन जाएंगे। तो चलिए आपको कुलकर्णी के बारे में कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं-

indian-origin Kulkarni (फोटो- ट्विटर)

कैसा है कुलकर्णी का परिवार

कुलकर्णी का जन्म 1978 में अमेरिका के लुसियाना हुआ था। उनके जन्म से पहले ही साल 1969 में उनका परिवार भारत से अमेरिका शिफ्ट हुआ था। कुलकर्णी के माता पिता की बात करें तो उनके पिता व्यंकटेश कुलकर्णी भारतीय उपन्यासकार और शिक्षाविद रहे, जबकि मां मार्गरेट प्रेस्टन कुलकर्णी वेस्ट वर्जिनिया से ताल्लुक रखती हैं। बता दें कि कुलकर्णी की मां मार्गेरट के पूर्वज 19वीं सदी में मेक्सिको से अमेरिका आए थे और उनका टेक्सास की राजनीति में अहम योगदान है। यही कारण है कि टेक्सास में उनकी अच्छी-खासी पकड़ है।

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पिता के कैंसर के चलते छुटी पढ़ाई

कुलकर्णी ने छोटे उम्र में कई सारी परेशानियों का भी सामना किया है। उन्हें पिता के कैंसर के चलते 18 साल की उम्र में ही अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी। वहीं पिता की मौत के बाद उन्होंने अपने तीन छोटे भाई बहनों की जिम्मेदारी ली। लेकिन उन्होंने बाद में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स डिग्री हासिल की। कुलकर्णी को उनकी कूटनीति और मजबूत इरादों के लिए जाना जाता है। उनकी लोकप्रियता की एक बड़ी वजह यह भी है कि वह अमेरिकी युवाओं के मुद्दों को उठाते हैं।



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कुलकर्णी का RSS से संबंध

कुलकर्णी का कहना है कि उन्होंने अपने किशोरावस्था में हिंसा और अपराध जैसी चीजों का सामना किया था। यहां तक कि उन्हें साल 1997 में कोकीन रखने के अपराध में गिरफ्तार भी किया गया था। बता दें कि कुलकर्णी का RSS से भी संबंध है। दरअसल, अमेरिका में ये संगठन हिंदू स्वयंसेवक संघ के नाम से है और वहां इसके वाइस-प्रेसिडेंट रमेश भूटाडा से कुलकर्णी का गहरा नाता है। वहीं ये भी बताया जा रहा है कि कुलकर्णी भाजपा के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन के भतीजे हैं। बता दें कि प्रमोद बीजेपी से जुड़ने से पहले RSS का हिस्सा थे।

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