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आलू से लाखों मौत: 10 लाख लोगों की ले चुका है जान, आज चुका रहें अपना फर्ज

कोरोना महामारी से बुरी तरह तबाह नेटिव अमेरिका की स्थिति बहुत खराब हो गई है। इन हालातों में नेटिव अमेरिका की आर्थिक रूप से मदद आयरलैंड कर रहा है। आयरलैंड में इस रूप के पीछे 173 साल पुरानी छोटी सी मदद छिपी हुई है।

Newstrack
Published on: 23 Aug 2020 12:24 PM GMT
आलू से लाखों मौत: 10 लाख लोगों की ले चुका है जान, आज चुका रहें अपना फर्ज
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आलू से लाखों मौत: 10 लाख लोगों की ले चुका है जान, आज चुका रहें अपना फर्ज

नई दिल्ली। कोरोना महामारी से बुरी तरह तबाह नेटिव अमेरिका की स्थिति बहुत खराब हो गई है। इन हालातों में नेटिव अमेरिका की आर्थिक रूप से मदद आयरलैंड कर रहा है। आयरलैंड में इस रूप के पीछे 173 साल पुरानी छोटी सी मदद छिपी हुई है। ये मदद अमेरिका ने आयरलैंड में एक समय आए आलू के अकाल के वक्त की थी। यहां पड़े इस अकाल में लाखों आयरिश लोगों की जान चली गई थी। चलिए हम आपको बताते हैं आयरलैंड में आए आलू के अकाल के बारे में बताएंगे, जिसकी शुरुआत साल 1845 में हुई थी। जिसने यहां के आयरिश लोगों का क्या हाल कर दिया था।

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10 लाख से ज्यादा आयरिश लोगों की मौत

बात हैं उस वक्त की, जब आयरलैंड में P. infestans नाम के एक बेहद खास फंगस ने आलू की फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया था। फंगस लगने का ये सिलसिला एक या दो साल नहीं बल्कि पूरे सात साल के बाद सन् 1852 में जाकर थमा।

इन सात सालों के दौरान भुखमरी और खराब आलू खाने से 10 लाख से ज्यादा आयरिश लोगों की मौत हो चुकी थी। वहीं लाखों लोग आयरलैंड छोड़कर दूसरे देशों में जा बसे थे। साथ ही ऐसा कहा जाता है कि आलू के अकाल के कारण आयरलैंड की आबादी 25 प्रतिशत तक कम हो गई थी।

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आयरलैंड में आलुओं में फंगस लगने के वजह से आयरिश नेताओं ने क्वीन विक्टोरिया को भुखमरी फैलने के बारे में बताया और लोगों की मदद के लिए अपील की। बता दें, उस समय आयरलैंड पर अंग्रेजी शासन था। मदद के तौर पर क्वीन विक्टोरिया ने कॉर्न लॉ वापस ले लिया। कॉर्न लॉ को वापस लेने की वजह से अनाज की कीमत अपेक्षाकृत कम हो गई, पर इसके बाद भी भुखमरी खत्म नहीं हो सकी।

उस समय यानी 19वीं सदी में आयरलैंड खेती-किसानी करने वाला देश था। लेकिन अकाल और महामारियों से जूझने की वजह से काफी गरीब हो गया था। जब आलू का अकाल पड़ा, तब आयरलैंड की 70 प्रतिशत आबादी आलू ही खाया करती थी।

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ब्रिटेन की सरकार का रवैया सख्त

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फंगस के चलते आयरलैंड में लाखों परिवार भुखमरी और कुपोषण से मरने लगे। लेकिन इसके बावजूद भी ब्रिटेन आयरलैंड से अनाज, पशुधन और मक्खन जैसी चीजें मंगवाता रहा। साल 1847 में आयरलैंड से बड़ी मात्रा में मटर, बीन्स, खरगोश, मछली और शहद जैसी चीजें ब्रिटेन के लिए निर्यात हुईं।

आयरलैंड में इतना बुरा दौर होने के बाद भी ब्रिटेन की सरकार का रवैया उसके लिए सख्त ही रहा। तभी परिणाम ये हुआ कि देश की लगभग 25 प्रतिशत आबादी या तो खत्म हो गई या फिर उत्तरी अमेरिका और ब्रिटेन चली गई।

उसी समय आयरलैंड में नेटिव अमेरिकन लोगों ने, जिन्हें Choctaw कहा जाता है, उनकी मदद करने की कोशिशें की। साल 1847 में जब नेटिव अमेरिकन लोगों को इस अकाल के बारे में पता चला, तो उन्होंने थोड़े-थोड़े पैसे जमा करके लगभग 170 डॉलर की मदद भेजी थी। जिसके बारे में वे अभी तक शुक्रिया अदा करते हैं।

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