TRENDING TAGS :
इधर ट्रंप का भारत दौरा, उधर PM का इस्तीफा, कश्मीर-CAA पर बोलना पड़ा भारी
मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। महातिर ने अपना इस्तीफा देश के राजा को सौंपा है। महातिर मोहम्मद 10 मई 2018 को प्रधानमंत्री बने थे। महातिर की पार्टी बेरास्तु ने साझा सरकार के गठबंधन को छोड़ दिया है।
नई दिल्ली: मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। महातिर ने अपना इस्तीफा देश के राजा को सौंपा है। महातिर मोहम्मद 10 मई 2018 को प्रधानमंत्री बने थे। महातिर की पार्टी बेरास्तु ने साझा सरकार के गठबंधन को छोड़ दिया है लिहाजा उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
बता दें कि हाल के दिनों में देखें तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और महातिर के बीच दोस्ती बढ़ गई थी। मलेशिया उन देशों में शामिल हो गया था जो कश्मीर और सीएए के खिलाफ भारत विरोधी बयान देते रहे हैं।
महातिर मोहम्मद ने कई बार कश्मीर और सीएए पर पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाया और उन्होंने भारत के खिलाफ बयानबाजी की। जिसके बाद ने मलेशिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की और रिफाइंड पाम ऑयल आयात पर रोक लगा दिया।
यह भी पढ़ें...ट्रंप का मिनट टू मिनट दौरा: यहां जानें कब-कहां-क्या करेंगे अमेरिकी राष्ट्रपति
विश्व के सबसे उम्रदराज नेता 94 वर्ष के महातिर ने उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा सरकार गिराने की कोशिशों के बाद ये फैसला किया। उनके कार्यालय ने एक बयान में कहा कि महातिर ने 'मलेशिया के प्रधानमंत्री के तौर पर अपना इस्तीफा भेज दिया है।
यह भी पढ़ें...मोदी सरकार को मिली बड़ी कामयाबी, सैकड़ों ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों ने लिया ये फैसला
जानकारी के मुताबिक एक हफ्ते से मलेशिया में राजनीतिक अस्थिरता चल रही थी। साल 2018 में महातिर और अनवर इब्राहिम ने मिलकर सरकार बनाई थी। उस समय कहा गया था कि 94 साल के महातिर कुछ साल के बाद अनवर को सत्ता सौंप देंगे, लेकिन रविवार को अनवर ने महातिर की पार्टी पर धोखेबाजी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि महातिर ने धोखा देते हुए यूनाइटेड मलायस नैशनल ऑर्गनाइजेशन (UMNO) के साथ हाथ मिला लिया।
यह भी पढ़ें...मेलानिया ऐसे बनीं दुनिया के सबसे ताकतवर शख्स की पत्नी, थीं इस देश की मॉडल
गौरतलब है कि महातिर का मलेशिया की राजनीति में मजबूत पकड़ रही है। साल 1981 से लेकर साल 2003 तक वो प्रधानमंत्री रहे थे। इसके बाद एक बार फिर से साल 2018 में उन्होंने सत्ता संभाली थी और साल 2018 में उन्होंने नजीब रजाक को हराया था। रजाक पर उस वक्त भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।