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चीन की आई शामत: टोक्यो में इन देशों की बड़ी बैठक, भारत भी होगा शामिल
टोक्यों में QUAD देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक होने वाली है। माना जा रहा है कि इस बैठक में चीन के विस्तारवाद और कोरोना के बाद के हालात पर चर्चा हो सकती है।
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच बीते छह महीने से तनाव जारी है। जिसे कम करने के लिए लगातार दोनों पक्षों के बीच वार्ताएं हो रही हैं। इस बीच आज यानी मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर टोक्यो में QUAD देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने वाले हैं। टोक्यों में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के विदेश मंत्री एक स्वतंत्र और खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र पर चर्चा करने के लिए बैठक करेंगे।
चीन के विस्तारवाद पर हो सकती है चर्चा
माना जा रहा है कि इस बैठक में चीन के विस्तारवाद और कोरोना के बाद के हालात पर चर्चा हो सकती है। जानकारी के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी के बाद आमने-सामने होने वाली विदेश मंत्रियों की इस पहली बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के अलावा अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने और जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी भी शामिल होने वाले हैं।
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QUAD देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक (फोटो- सोशल मीडिया)
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मुक्त और खुली व्यवस्था को बढ़ाने में मिलेगा मदद
वहीं माना जा रहा है कि भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ आने से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मुक्त और खुली व्यवस्था को बढ़ाने में सहायता मिल सकेगी। इसके अलावा चीन की बढ़ती आक्रामकता का मुकाबला भी करने में मदद मिलेगी। इस बैठक में शामिल होने से पहले अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि इस बैठक से कुछ खास उपलब्धि की उम्मीद है।
इन देशों के साथ ही जारी है चीन का विवाद
आपको बताते चलें कि पिछले कुछ सालों से चीन लगातार अपनी सैन्य और आर्थिक ताकत के दाम पर आक्रामकता दिखा रहा है। चीन अपनी विस्तारवादी नीति को सिर्फ भारत के खिलाफ ही नहीं, बल्कि अन्य देशों के खिलाफ भी अपनाता है।। ड्रैगन ने भारत के अक्साई चिन इलाके में कब्जा किया हुआ है। केवल इतना ही नहीं वो पूरे अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता रहा है। यहां तक की वो जापान के एक द्वीप पर भी अपना दावा जताता है। ड्रैगन का दावा है कि दक्षिण चीन सागर का दो तिहाई से अधिक हिस्सा उसका है।
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चीन की आक्रामकता से निपटने के लिए हुई QUAD की स्थापना (फोटो- सोशल मीडिया)
चीन की आक्रामकता से निपटने के लिए हुई QUAD की स्थापना
भारत के अलावा ताइवान, वियतनाम, फिलीपींस, मंगोलिया, इंडोनेशिया, मलेशिया समेत कई अन्य देशों से भी चीन का सीमा विवाद चल रहा है। वहीं भारत के साथ बीते छह महीनों से लगातार सीमा पर चीन का तनाव जारी है। दोनों देशों के सैनिकों में कई बार झड़पें भी हुई हैं। चीन का अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के साथ ट्रेड वॉर चल रहा है। उसकी इस आक्रामकता से निपटने के लिए भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने QUAD की स्थापना की है।
माना जा रहा है कि टोक्यों में होने वाली इस बैठक में 5G और 5G प्लस तकनीक पर सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है। वहीं चीन ने इस पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उसका कहना है कि QUAD देशों को तीसरे पक्ष को निशाना नहीं बनाना चाहिए।
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