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65 मस्जिदें ध्वस्त: एक के बाद एक गिरा दिए चीन ने, लगातार नष्ट कर रहा वजूद

चीन में मुसलमानों को लगातार मारा जा रहा है। उनकी मस्जिदों को ध्वस्त किया जा रहा है। पूरी दुनिया को तो यही पता है कि चीन औ पाकिस्तान एक-दूसरे के कितने अच्छे दोस्त हैं। लेकिन चीन का असली रंग तो मुसलमान बहुत अच्छे से जानते हैं।

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Published on: 4 Dec 2020 5:23 AM GMT
65 मस्जिदें ध्वस्त: एक के बाद एक गिरा दिए चीन ने, लगातार नष्ट कर रहा वजूद
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चीन में मुसलमानों को लगातार मारा जा रहा है। उनकी मस्जिदों को ध्वस्त किया जा रहा है। पूरी दुनिया को तो यही पता है कि चीन औ पाकिस्तान एक-दूसरे के कितने अच्छे दोस्त हैं। लेकिन चीन का असली रंग तो मुसलमान बहुत अच्छे से जानते हैं।

नई दिल्ली। चीन द्वारा मुस्लिमों पर किए जा रहे अत्याचार की बात किसी से छुपी नहीं है। चीन में मुसलमानों को लगातार मारा जा रहा है। उनकी मस्जिदों को ध्वस्त किया जा रहा है। पूरी दुनिया को तो यही पता है कि चीन औ पाकिस्तान एक-दूसरे के कितने अच्छे दोस्त हैं। लेकिन चीन का असली रंग तो मुसलमान बहुत अच्छे से जानते हैं। चीन के इन अत्याचारों के बाद भी पाकिस्तान इस पर चुप्पी साधे हुए है। अत्याचारों की कड़ी में चीन लगातार कई सालों से तेजी से बड़े शहरों, कस्बों और छोटे गांवों में सभी से मस्जिदों के गुंबदों को नष्ट कर दिया है।

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शहरों और प्रांतों में नष्ट कर रहा चीन

ऐसे में सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, चीन से करीब 65 प्रतिशत मस्जिदें नष्ट की जा चुकी हैं। और लगातार अलग अलग शहरों और प्रांतों में नष्ट करने में ही लगा हुआ है।

इस कड़ी में ऑस्ट्रेलियाई रणनीतिक नीति संस्थान ने खुलासा किया है कि 2017 के बाद चीन में मस्जिदों को नष्ट करने का काम तेजी से चल रहा है, जिसके तहत चीन ने 65 प्रतिशत मस्जिदों के साथ इस्लामिक स्थलों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। इसके साथ ही उइगर स्कॉलर्स भी 2017 के बाद गायब हो गए जिनका आज तक कुछ पता नहीं लग पाया है।

china फोटो-सोशल मीडिया

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चीनी मुस्लिमों के साथ क्या करते

इसके 2 साल बाद 2019 में अपने शिनजियांग दौरे के बारे में बात करते हुए जज्जी ने कहा, ब्रेनवाशिंग और जेल में डालने के अलावा हान चीनियों द्वारा बड़े पैमाने पर उइगर मुस्लिमों को अलग बसाया जा रहा है। इसका मकसद मुस्लिम बहुल प्रांत की जनसांख्यिकी को बदलना है। जब मैं शिनजियांग में था तो मैंने देखा कि चीनी मुस्लिमों के साथ क्या करते हैं।

आगे बताते हुए- मैंने उनसे कहा कि तालिबान, अल कायदा और उनमें कोई अंतर नहीं है। वे वही कर रहे हैं, जो यह संगठन गैर मुस्लिमों के साथ करते हैं। ओल्सी ने बताया कि चीनी सरकार की मंशा उइगर मुस्लिमों को कनफ्यूशीवाद और बौद्ध संस्कृति में परिवर्तित करना है। इस तरह से चीन मुसलमानों को पूरी तरह से अपने कब्जे में लेना चाहता है।

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