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जेलों पर बड़ा हमला: 2000 कैदी हो गए फरार, शहर में लगाया गया कर्फ्यू
नाइजारियाई गृह मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद मंगा ने कहा कि हथियारों से लैस भीड़ ने दो जेलों पर हमला बोल दिया। इसके बाद से 1993 कैदी लापता हो गए हैं। यह जानकारी नहीं मिली है कि हमले से पहले जेल में कुल कितने कैदी बंद थे।
लखनऊ: नाइजीरिया में करीब दो हजार कैदी जेल से भाग गए हैं। यहां भीड़ ने दो जेलों पर हमला बोल दिया जिसके बाद यह कैदी फरार हो गए। नाईजारिया के लागोस में पुलिस ने अशांति फैलने से रोकने के लिए 24 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया है। पुलिस की बर्बरता के खिलाफ लोग सड़क उतर आए हैं और दो हफ्ते से प्रदर्शन कर रहे हैं।
दंगा रोधी विभाग के पुलिस महानिरीक्षक ने नाइजीरिया की जेलों के आसपास सुरक्षा बढ़ाने के आदेश दिए हैं। पुलिस ने बयान जारी कर कहा है कि लोगों की जिंदगी और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए कानून की पूरी ताकत का इस्तेमाल किया जाएगा।
पुलिस की बर्बरता के खिलाफ प्रदर्शन
लागोस के राज्य के गवर्नर बाबाजीडे सानवो-ओल्यू ने बयान जारी कर कहा कि पुलिस की बर्बरता के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन हमारे समाज की सलामती के लिए खतरा बन रहे हैं। उनका दावा है कि अपराधियों ने लोगों के इन प्रदर्शनों पर कब्जा जमा लिया है।
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नाइजारियाई गृह मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद मंगा ने कहा कि हथियारों से लैस भीड़ ने दो जेलों पर हमला बोल दिया। इसके बाद से 1993 कैदी लापता हो गए हैं। यह जानकारी नहीं मिली है कि हमले से पहले जेल में कुल कितने कैदी बंद थे। प्रदर्शनकारियों ने शहर की अहम सड़कों को रोक दिया है। इसके साथ इंटरनेशनल एयरपोर्ट को जाने वाले रास्ते को भी बंद कर दिया है।
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15 लोगों की हुई मौत
तो वहीं दूसरी तरफ लोगों ने आरोप लगाया है कि पुलिस की बर्बरता के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों में अब तक 15 लोगों की जान चली गई है। नाइजीरिया में लोग विरोध प्रदर्शन स्पेशल ऐंटी-रॉबरी स्क्वॉड (SARS) के खिलाफ कर रहे हैं। पुलिस की इस यूनिट के खिलाफ लंबे वक्त से एक्सटॉर्शन, टॉर्चर और हत्या करने जैसे बड़े आरोप लग रहे हैं। प्रदर्शनों के बाद घोषणा की गई है कि SARS को खत्म किया जाएगा और उसकी जगह स्पेशल वेपन्स ऐंड टैक्टिक (SWAT) टीम बनाई जाएगी।
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लोगों को पुलिस पर भरोसा नहीं
लोगों को पुलिस के इस बयान पर विश्वास नहीं है। उनका कहना है कि यह नाटक है सिर्फ नाम बदला जा रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनसे किए गए वादे पूरे नहीं किए जाते तब तक सड़कों आंदोलन करते रहेंगे।
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