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नेपाल में ओली-प्रचंड के फार्मूले पर लगी मुहर, दोनों नेताओं में इन शर्तों पर रजामंदी

नेपाल में सत्तारूढ़ एनसीपी के दो बड़े नेताओं प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड के बीच जंग थमती दिख रही है।

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Published on: 24 Aug 2020 9:30 AM IST
नेपाल में ओली-प्रचंड के फार्मूले पर लगी मुहर, दोनों नेताओं में इन शर्तों पर रजामंदी
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नेपाल में ओली-प्रचंड के फार्मूले पर लगी मुहर

अंशुमान तिवारी

काठमांडू: नेपाल में सत्तारूढ़ एनसीपी के दो बड़े नेताओं प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड के बीच जंग थमती दिख रही है। दोनों नेताओं के बीच पार्टी के भीतर चल रही प्रभुत्व की जंग को खत्म करने के लिए नया फार्मूला तैयार किया गया है। पार्टी के विवाद को सुलझाने के लिए बनाए गए छह सदस्यीय पैनल ने इस फार्मूले पर मुहर लगा दी है।

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दोनों नेताओं के बीच प्रभुत्व की जंग

नेपाल में पीएम ओली और प्रचंड के बीच कई महीनों से खींचतान चल रही है। जानकारी सूत्रों का कहना है कि इसके पीछे पार्टी में अपना प्रभुत्व स्थापित करने की जंग है। पार्टी में विवाद और मतभेदों को खत्म करने के लिए इन दोनों नेताओं के बीच कई राउंड की बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकल सका था। आखिरकार गत 15 अगस्त को दोनों नेताओं की मुलाकात में एक फार्मूला तय किया गया था।

छह सदस्यीय पैनल ने लगाई मुहर

सत्तारूढ़ एनसीपी के अंदरूनी विवाद को खत्म करने के लिए पार्टी की तरफ से छह सदस्यीय पैनल का गठन किया गया था। अब इस पैनल ने दोनों नेताओं के बीच तय फार्मूले पर मुहर लगा दी है। एनसीपी की स्थायी समिति के सदस्य और वरिष्ठ नेता गणेश शाह ने इस बात की पुष्टि की है कि दोनों बड़े नेताओं के बीच फार्मूले पर रजामंदी बन गई है।

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कार्यकाल पूरा करेंगे पीएम ओली

दोनों नेताओं के बीच तय फार्मूले के मुताबिक ओली को पीएम के रूप में 5 साल पूरा करने का मौका मिलेगा। दूसरी ओर प्रचंड को पार्टी मामलों में अपनी सभी कार्यकारी शक्तियों के उपयोग की छूट रहेगी। पार्टी की ओर से गठित पैनल ने अपनी रिपोर्ट ओली और प्रचंड को सौंप दी है।

विवाद सुलझाने के लिए पैनल का गठन

एनसीपी के सर्वोच्च शक्तिशाली केंद्रीय सचिवालय ने 17 अगस्त को पार्टी विवादों को सुलझाने के लिए पैनल का गठन किया था। पार्टी महासचिव विष्णु पोदयाल को पैनल का अध्यक्ष बनाया गया है। पैनल में स्थायी समिति के सदस्य शंकर पोखरैल, जनार्दन शर्मा, भीम रावल, सुरेंद्र पांडे और पांफा भुसाल को शामिल किया गया है। वैसे अभी यह जानकारी सामने नहीं आ सकी है कि पैनल की रिपोर्ट में क्या बातें कही गई हैं।

पार्टी की स्थायी समिति देगी अंतिम मंजूरी

हालांकि अभी इस रिपोर्ट को अंतिम मंजूरी के लिए पार्टी की स्थायी समिति की बैठक में रखा जाएगा। वहां से इसके पारित होने के बाद ही इसे अंतिम रूप से मंजूरी मिलेगी। जानकार सूत्रों का कहना है कि पार्टी की स्थायी समिति की बैठक इसी सप्ताह संभावित है। ‌ सूत्रों का यह भी कहना है कि बैठक के बाद पीएम ओली अपनी कैबिनेट में फेरबदल करेंगे। ‌इस फेरबदल में प्रचंड से जुड़े हुए लोगों को भी शामिल कर सत्ता संतुलन बनाने का प्रयास किया जाएगा।

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एनसीपी में मतभेद कम होने के आसार

नेपाल के सियासी जानकारों का मानना है कि दो वरिष्ठ नेताओं के बीच बने फार्मूले के बाद निश्चित रूप से सत्तारूढ़ एनसीपी में पैदा हुए मतभेद कम होंगे। अभी तक दोनों गुटों के अड़ियल रुख के कारण संकट का समाधान नहीं हो पा रहा था। प्रचंड के साथ ही पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे पर अड़े हुए थे। दूसरी ओर ओली किसी भी सूरत में पद छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे।

पार्टी संबंधी फैसलों में प्रचंड की चलेगी

एनसीपी ने ढाई साल पहले 2018 में केपी शर्मा ओली की अगुवाई में सरकार का गठन किया था। ‌उस समय ओली और प्रचंड के बीच आधे-आधे समय के लिए सत्ता को बांटने का समझौता हुआ था मगर ओली के इस्तीफा देने से इनकार करने के बाद पार्टी में गंभीर मतभेद पैदा हो गए थे। जानकारों का कहना है कि अब तय फार्मूले के मुताबिक ‌ओली पीएम के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करेंगे जबकि पार्टी के फैसले प्रचंड की रजामंदी से लिए जाएंगे।

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