×

बड़ी खबर: अब स्वास्थ्य कर्मियों को खतरा नहीं, रोबोट करेगा कोरोना मरीजों की जांच

डेनमार्क में एक ऐसा तरीका खोज निकाला है जिससे स्वास्थ्य कर्मियों को टेस्टिंग के दौरान कोरोना से संक्रमित होने से रोका जा सकेगा।

Aradhya Tripathi
Published on: 29 May 2020 9:05 AM GMT
बड़ी खबर: अब स्वास्थ्य कर्मियों को खतरा नहीं, रोबोट करेगा कोरोना मरीजों की जांच
X

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: कोरोना मरीजों की टेस्टिंग के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों को इस वायरस की चपेट में आने से बचाने की दिशा में एक बड़ी कामयाबी मिली है। डेनमार्क में एक ऐसा तरीका खोज निकाला है जिससे स्वास्थ्य कर्मियों को टेस्टिंग के दौरान कोरोना से संक्रमित होने से रोका जा सकेगा। यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न डेनमार्क ने दुनिया का ऐसा पहला पूरी तरह ऑटोमेटिक रोबोट तैयार कर लिया है जो अकेले ही कोविड-19 की टेस्टिंग करने में सक्षम है।

स्वास्थ्य कर्मियों के लिए रहता है खतरा

इस रोबोट को बनाने वाले शोधकर्ताओं का कहना है कि रोबोट के जरिए जांच करने से सैंपल लेने वाले को संक्रमण से बचाया जा सकेगा। शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाने के लिए खून की जांच से लेकर स्वॉब टेस्टिंग तक की जाती है। मरीजों के स्वॉब टेस्टिंग के दौरान नाक या गले के अंदर स्वॉब डालकर सैंपल लिया जाता है।

ये भी पढ़ें- यूपी निकला आगे: 27 चीनी मिलों का शानदार काम, इतने सैनिटाइजर प्रतिदिन बनाए

टेस्टिंग की इस तकनीक को काफी कारगर माना जा रहा है क्योंकि इससे मिलने वाले नतीजे सटीक होते हैं। लेकिन इस जांच के दौरान टेस्टिंग करने वाले स्वास्थ्य कर्मी के भी कोरोना से संक्रमित होने का खतरा बना रहता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि उनके द्वारा बनाए गए रोबोट से इस संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है।

जून से शुरू होगी रोबोट के जरिए जांच

शोधकर्ताओं का कहना है कि जून से इस रोबोट के जरिए जांच शुरू करने की तैयारी है। शोधकर्ताओं ने रोबोट की खासियत बताते हुए कहा कि इसे 3D प्रिंटर की मदद से तैयार किया गया है। यह रोबोट भी इंसानों की तरह ही जांच की पूरी प्रक्रिया को अंजाम देने में सक्षम है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह रोबोट सामने बैठे मरीज का मुंह में स्वॉब डालकर सैंपल लेता है और फिर रोबोट ही स्वॉब को टेस्ट ट्यूब में डालकर उसका ढक्कन बंद कर देता है। दस शोधकर्ताओं की टीम ने मिलकर इस रोबोट को तैयार किया है।

ये भी पढ़ें- भारत-पाकिस्‍तान का युद्ध: ये खतरनाक हमला सालों से झेल रहा देश, अब कैसे निपटेगा

शोधकर्ताओं की टीम में शामिल थियूसिसिसु रजीत सवारीमुथु का कहना है कि इस रोबोट का पूरा परीक्षण किया गया है और रोबोट द्वारा पहले टेस्ट को देखकर उन्हें काफी खुशी मिली थी। उनका कहना है कि रोबोट ने टेस्टिंग की पूरी प्रक्रिया को बड़ी आसानी से पूरा किया। उन्होंने कहा कि इस रोबोट को मिली कामयाबी काफी बड़ी है क्योंकि इसकी मदद से आगे चलकर हम अपने स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण से बचा सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस रोबोट को बनाने में एक महीने का समय लगा है।

बढ़ जायेगी टेस्टिंग की संख्या

इस महामारी की शुरुआत से ही विश्व स्वास्थ संगठन पूरी दुनिया में ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग पर जोर दे रहा है। लेकिन टेस्टिंग की संख्या बढ़ने के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों पर खतरा भी बढ़ता जा रहा है। पूरी दुनिया में काफी संख्या में स्वास्थ्य कर्मियों के जांच के दौरान कोरोना वायरस की चपेट में आ जाने की खबरें हैं। ऐसे में इस रोबोट को बड़ी कामयाबी बताया जा रहा है। प्रोफ़ेसर रजीत का कहना है कि कोरोना के साथ ही भविष्य में दूसरी बीमारियों की जांच में भी इस रोबोट से मदद मिलेगी।

ये भी पढ़ें- भारत-पाकिस्‍तान का युद्ध: ये खतरनाक हमला सालों से झेल रहा देश, अब कैसे निपटेगा

रोबोट की मदद से कोरोना टेस्टिंग की संख्या भी बढ़ जाएगी क्योंकि यह बिना रुके घंटों तक काम कर सकने में सक्षम है। जानकारों का कहना है कि हवाई अड्डों पर इस तरह के रोबोट लगाए जा सकते हैं क्योंकि इसकी मदद से स्वास्थ्य कर्मियों पर कोई खतरा भी नहीं होगा और ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग की जा सकती है।

Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

Next Story