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पाकिस्तान ने फिर खेला नापाक खेल, मसूद अजहर को परिवार सहित बताया लापता
पाकिस्तान ने अपनी आदत के मुताबिक एक बार फिर नापाक खेल खेला है। पाकिस्तान हमेशा आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर के खिलाफ दिखावटी कार्रवाई करता है।
नई दिल्ली: पाकिस्तान ने अपनी आदत के मुताबिक एक बार फिर नापाक खेल खेला है। पाकिस्तान हमेशा आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर के खिलाफ दिखावटी कार्रवाई करता है। उसका मकसद अन्तरराष्ट्रीय बिरादरी को यह दिखाना होता है कि वह आतंकियों के खिलाफ है और आतंकवाद के खिलाफ उसकी ठोस नीतियां हैं ताकि वह तमाम प्रतिबंधों से बच सके। यह सबकुछ दिखाने के लिए ही होता है जबकि हकीकत यह होती है कि वह मसूद अजहर का पूरी तरह बचाव करता है। अजहर को लेकर पाकिस्तान ने एक बार फिर गंदा खेल खेला है।
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पाकिस्तान ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फॉर्स (एफएटीएफ) को जानकारी दी है कि मौलाना मसूद अजहर और उसका परिवार लापता हो गया है जबकि जानकार सूत्रों का कहना है कि मौलाना मसूद और उसका परिवार रावलपिंडी में ही है। अब तक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की सुरक्षा में आलीशान जिंदगी बिता रहे मसूद अजहर और उसके परिवार को लापता बताने के पीछे पाकिस्तान की बड़ी कूटनीतिक चाल छिपी हुई है। मसूद अजहर का संगठन जैश-ए-मोहम्मद भारत ही नहीं अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में भी अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे चुका है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मसूद अजहर को पिछले साल 1 मई को वैश्विक आतंकी घोषित किया था। वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के बावजूद मसूद अजहर पाकिस्तान की जमीन से अपनी साजिशों को अंजाम देने की कोशिश में जुटा हुआ है।
दुनिया को गुमराह करने की कोशिश
पिछले साल अक्टूबर में एफएटीएफ की समीक्षा बैठक में पाकिस्तान को बड़ी राहत देते हुए आतंकी समूहों पर कार्रवाई के लिए उसकी ओर से किए गए प्रयासों पर संतोष जताया गया था। साथ ही यह खुलासा हुआ था कि पाकिस्तान ने सुधार तो किया है, लेकिन आतंक के वित्त पोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के खात्मे के लिए उसे अतिरिक्त कदम उठाने होंगे। इसके बाद मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को पाकिस्तान की एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने 11 साल जेल की सजा सुना दी। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की कोशिश है कि हाफिज सईद की सजा और जैश सरगना मसूद अजहर को लापता बताकर भारत और पूरी दुनिया को गुमराह कर दिया जाए।
बचाव में पाक का ये है दावा
हालांकि पाकिस्तान ने अभी तक एफएटीएफ को यह नहीं बताया है कि वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के बाद भी उसने मसूद अजहर, 26/11 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकिउर रहमान लखवी या हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की। अपने बचाव में पाकिस्तान ने दावा किया है कि यूएन द्वारा आतंकी घोषित किए गए कुल 16 लोग उसकी सरजमीं पर थे। इसमें से 7 मर चुके हैं। बचे 9 में से 7 ने यूएन में गुजारिश लगाई हुई है कि उन पर लगे वित्त और यातायात संबंधी प्रतिबंधों को हटाया जाए। इसमें हाफिज सईद, हाजी मुहम्मद अशरफ, जफर इकबाल, हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टवी, याहया मोहम्मद मुजाहिद, आरिफ कासमानी और अलकायदा का फाइनेंसर अब्दुल रहमान शामिल है। फिलहाल इन लोगों के बैंक अकाउंट भी बंद किए जा चुके हैं।
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पाक ने इसलिए खेला खेल
आतंकियों को लेकर पाकिस्तान का ये सारा पैंतरा फेट से ब्लैक लिस्ट होने से बचने के लिए है। ब्लैक लिस्टेड होने पर आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को विश्व बैंक से कर्ज नहीं मिलेगा। एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला था। साथ ही चेतावनी थी कि वो आतंकी फंडिंग पर तुरंत रोक लगाए। पाकिस्तान तो अभी ब्लैक लिस्ट में आने से बचा हुआ है जबकि इस लिस्ट में मौजूदा समय में ईरान और नॉर्थ कोरिया हैं।
मसूद के बीमार होने की खबर
पिछले साल मीडिया में ऐसी खबर आई थी कि मसूद अजहर किडनी की बीमारी से जूझ रहा है। ऐसे में ज्यादातर वक्त वह अपने घर पर ही आराम करता है। बीमारी के चेलत वो जैश का कोई भी काम नहीं देख पा रहा है। उसका छोटा भाई ही उसका सारा कामकाज देख रहा है। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश के अभी दो प्रमुख ठिकाने हैं- मरकज उस्मान-ओ-अली और मरकज सुभान अल्लाह। यहां से सारे ऑपरेशंस को रऊफ ही हैंडल कर रहा है।
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कई बड़े हमले कर चुका है जैश
कंधार में 1999 में रिहा होने के बाद मौलाना मसूद अजहर ने जैश ए मोहम्मद के नाम से आतंकी संगठन खड़ा किया। इस संगठन ने अब तक भारत में कई आतंकी हमले किए हैं।
2001 जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला किया, जिसमें 38 लोगों की जान गई थी।
2001 में इस संगठन ने संसद भवन पर हमला किया था। संसद के सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई में सभी आतंकवादियों को मार दिया, लेकिन भारत के भी सात लोगों की जान इस हमले में चली गई थी।
2014-2015 में अफजल गुरु को फांसी होने के बाद जैश ए मोहम्मद कश्मीर में फिर सक्रिय हो गया। संगठन ने अफजल गुरु शहीद स्कवॉड बनाया जिसने कठुआ, सांबा, हंदवारा और पुलवामा के कई पुलिस स्टेशनों और सेना के शिविरों पर हमला किया। इसमें एक दर्जन से ज्यादा सुरक्षा कर्मी शहीद हुए।
2016 में अफजल गुरु स्क्वॉड के चार आतंकवादी 02 जनवरी को हथियारों से लैस होकर भारी सुरक्षा वाले पठानकोट के एयरफोर्स बेस में दाखिल हो गए। इस हमले में छह सुरक्षाकर्मी शहीद हुए।
2016 में 18 सितंबर को जैश ए मोहम्मद के चार आतंकवादियों ने भारतीय सेना ब्रिगेड के उरी मुख्यालय पर हमला कर दिया। ये जगह नियंत्रण रेखा के करीब है। इस हमले में सेना के 17 जवान शहीद हो गए।
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में इस आतंकी संगठन ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कर दिया। इसमें सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा जवान शहीद हुए।