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पाकिस्तान की नई साजिश: करतारपुर गुरुद्वारे पर लिया ये फैसला, जानकर आएगा गुस्सा
पाकिस्तान सरकार की तरफ करतारपुर गुरुद्वारे को लेकर आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के मुताबिक, गुरुद्वारे के जरिए व्यापार की योजना है। इस आदेश में प्रोजेक्ट बिजनेस प्लान का जिक्र किया गया है।
नई दिल्ली: भारत के खिलाफ साजिश रचने वाली पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने अब एक और चाल चली है। पाकिस्तान की सरकार ने करतारपुर गुरुद्वारे के रख-रखाव का काम पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से छिन लिया है। इसके साथ ही सरकार ने गुरुद्वारा दरबार साहिब का नियंत्रण मुस्लिम संस्था Evacuee Trust Property Board (ETPB) को दे दी है। इस संस्था के प्रमुख तारिक खान हैं और इसमें नौ लोग शामिल है, लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इनमें से एक भी सिख नहीं है।
पाकिस्तान सरकार की तरफ करतारपुर गुरुद्वारे को लेकर आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के मुताबिक, गुरुद्वारे के जरिए व्यापार की योजना है। इस आदेश में प्रोजेक्ट बिजनेस प्लान का जिक्र किया गया है। इसका मतलब गुरुद्वारे से अब इमरान खान सरकार पैसा कमाने की तैयारी कर रही है।
भारत ने पाकिस्तानी सरकार के इस फैसले पर विरोध जताया है और कड़ी निंदा की है। भारतीय विदेश मत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान का यह एकतरफा फैसला है जो करतारपुर साहिब कॉरिडोर और बड़े पैमाने पर सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है। मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि ऐसी कार्रवाई पाकिस्तानी सरकार उसके नेतृ्त्व की सच्चाई को सामने लाती है जो अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों और कल्याण के संरक्षण के लंबे दावे करते हैं।
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भारत ने कहा- फैसला बदले पाकिस्तान
भारत ने पाकिस्तान से इस मनमाने फैसले को बदलने की मांग की है। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान सरकार फैसले में बदलाव करे जो सिख समुदाय को पवित्र गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के मामलों का प्रबंधन करने के अधिकार से वंचित करता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बयान जारी कर कहा कि करतारपुर का प्रबंधन सिख समुदाय से लेना एक गलत फैसला है। हम मांग करते हैं कि पाकिस्तान करतारपुर साहिब के लिए इस फैसले को तुंरत वापस ले।
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जानिए करतारपुर गुरुद्वारे का इतिहास
गुरुद्वारा करतारपुर साहिब पाकिस्तान के नारोवाल जिले में है जिसका इतिहास लगभग 500 साल से भी पुराना है। मान जाता है कि 1522 में सिखों के गुरु नानक देव ने इसकी स्थापना की थी। गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 साल यहीं बिताए थे। भारत के गुरदासपुर सीमा से करतारपुर साहिब की दूरी लगभग 7 किलोमीटर है। भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने आपसी सहमति से गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक और करतारपुर गुरुद्वारे को जोड़ने के लिए कॉरिडोर बनाया है। गुरुनानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर 9 नवंबर 2019 को इसका उद्घाटन किया गया था।
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