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बांग्लादेश से आज बंगाल को साधेंगे मोदी, भाजपा को मिल सकता है सियासी फायदा

पीएम मोदी शनिवार को बांग्लादेश के ओराकांडी में मतुआ समुदाय के मंदिर में दर्शन पूजन के लिए जाएंगे। मंदिर में पूजा करने के बाद पीएम मोदी मतुआ समुदाय के प्रमुख लोगों से भी मुलाकात करेंगे

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Published on: 27 March 2021 5:28 AM GMT
बांग्लादेश से आज बंगाल को साधेंगे मोदी, भाजपा को मिल सकता है सियासी फायदा
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पीएम मोदी शनिवार को बांग्लादेश के ओराकांडी में मतुआ समुदाय के मंदिर में दर्शन पूजन के लिए जाएंगे। मंदिर में पूजा करने के बाद पीएम मोदी मतुआ समुदाय के प्रमुख लोगों से भी मुलाकात करेंगे।

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल और असम में पहले चरण के मतदान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश के दौरे पर हैं। बांग्लादेश के दौरे के दूसरे दिन पीएम मोदी का मंदिरों के दौरे का खास कार्यक्रम में है। पीएम के इस दौरे का बंगाल के चुनाव से सियासी कनेक्शन जोड़ा जा रहा है। पीएम मोदी शनिवार को मतुआ समुदाय की आस्था का केंद्र माने जाने वाले मंदिर का दौरा करने वाले हैं। पश्चिम बंगाल की 70 विधानसभा सीटों पर मतुआ समुदाय का असर है और इसलिए पीएम मोदी का दूसरे दिन का बांग्लादेश दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

पीएम मोदी शनिवार को बांग्लादेश के ओराकांडी में मतुआ समुदाय के मंदिर में दर्शन पूजन के लिए जाएंगे। मंदिर में पूजा करने के बाद पीएम मोदी मतुआ समुदाय के प्रमुख लोगों से भी मुलाकात करेंगे। मतुआ समुदाय के लिए मंदिर को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह हरिचंद ठाकुर का मंदिर है जिन्हें मतुआ समुदाय के लोग भगवान का दर्जा देते हैं।

बंगाल में मतुआ समुदाय बड़ी ताकत

शुद्र जाति से ताल्लुक रखने वाले हरिचंद ठाकुर ने ओरकांडी में 1860 में धार्मिक आंदोलन की शुरुआत की थी। उनके इस आंदोलन के बाद ही बांग्लादेश में मतुआ समुदाय बना था। मतुआ समुदाय के लोगों की हरिचंद ठाकुर में गहरी आस्था है।

Narendra Modi

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1947 में देश में विभाजन के दौरान बांग्लादेश से काफी संख्या में मतुआ समुदाय के लोग पश्चिम बंगाल पहुंचे और फिर उन्होंने यहीं ठिकाना बना लिया। 2011 की मतगणना के मुताबिक मौजूदा समय में पश्चिम बंगाल में मतुआ समुदाय के लोगों की संख्या करीब 2 करोड़ है।

हालांकि कई जानकारों का मानना है कि इनकी संख्या मौजूदा समय में बढ़ाकर तीन करोड़ तक पहुंच गई है। इस समुदाय से जुड़े हुए लोग पश्चिम बंगाल के कई जिलों में फैले हुए हैं और करीब 70 विधानसभा सीटों पर इनका असर माना जाता है।

बदलती रही है राजनीतिक निष्ठा

मतुआ समुदाय के लोग अलग-अलग समय में अलग-अलग राजनीतिक दलों का समर्थन करते रहे हैं। 2009 के चुनाव से पहले वाम दलों के गठबंधन को मतुआ समुदाय का समर्थन मिलता रहा है मगर उसके बाद तृणमूल कांग्रेस ने इसमें सेंध लगा दी। इस समुदाय से जुड़े लोगों ने तृणमूल कांग्रेस को जमकर समर्थन दिया जिससे ममता बनर्जी को काफी सियासी ताकत मिली। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 18 लोकसभा सीटों पर विजय हासिल की थी और जानकारों का मानना है कि इस चुनाव के दौरान मतुआ समुदाय के लोगों ने भाजपा को व्यापक समर्थन दिया था।

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Narendra Modi in Bangladesh

सियासी नजरिए से महत्वपूर्ण दौरा

पीएम मोदी की बांग्लादेश यात्रा का दूसरा दिन सियासी नजरिए से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री अपने दौरे के दूसरे दिन जशोरेश्वरी काली मंदिर में श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे। हिंदू समाज में इस मंदिर को काफी अहम माना जाता है और उसे 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। मतुआ समुदाय के मंदिर में दर्शन पूजन के बाद पीएम मोदी का मतुआ समुदाय के लोगों से बातचीत का भी कार्यक्रम है।

भाजपा को मिल सकती है ताकत

सियासी जानकारों का मानना है कि इस दौरे के जरिए पीएम मोदी पश्चिम बंगाल में हो रहे विधानसभा चुनाव के समीकरण भी साधेंगे। उनके इस दौरे से भाजपा को मतुआ समुदाय को रिझाने की दिशा में बड़ी कामयाबी मिल सकती है। भाजपा पहले से ही इस समुदाय पर डोरे डालने की कोशिश में जुटी हुई है।

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पश्चिम बंगाल के 70 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर मतुआ समुदाय की मजबूत पकड़ मानी जाती है और 21 विधानसभा सीटों पर तो यह समुदाय किंगमेकर की भूमिका में माना जाता है। यही कारण है कि पीएम मोदी के बांग्लादेश दौरे का सियासी कनेक्शन भी माना जा रहा है।

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