TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

नेपाल में सियासी संकट बरकरार, प्रचंड के कड़े रुख से PM ओली का हटना लगभग तय

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं और कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है।

Newstrack
Published on: 9 July 2020 10:34 PM IST
नेपाल में सियासी संकट बरकरार, प्रचंड के कड़े रुख से PM ओली का हटना लगभग तय
X

अंशुमान तिवारी

काठमांडू: चीनी राजदूत की तमाम कोशिशों के बावजूद नेपाल के सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी में पैदा हुआ संकट दूर नहीं हो पाया है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं और कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। पिछले एक हफ्ते के दौरान दोनों नेताओं के बीच छह मुलाकातों के बावजूद दोनों का मतभेद दूर नहीं हो सका है। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति की बैठक कल शुक्रवार को होने वाली है। माना जा रहा है कि इस बैठक में ओली के राजनीतिक भाग्य का फैसला हो जाएगा। जानकार सूत्रों का कहना है कि पार्टी की स्थायी समिति के अधिकांश सदस्यों की मांग को देखते हुए ओली का जाना लगभग तय है।

दो गुटों में बंटी सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी

सूत्रों के मुताबिक पार्टी पूरी तरह दो गुटों में बंट चुकी है और कोई भी गुट पीछे हटने को तैयार नहीं है। देश में कई स्थानों पर ओली तो कई स्थानों पर प्रचंड के समर्थन में रैलियों का आयोजन किया गया। पार्टी में एकजुटता दिखाने के लिए पहले यह सहमति बनी थी कि कोई सड़कों पर नहीं उतरेगा मगर दोनों नेताओं के समर्थक सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। ओली का संकट इसलिए बढ़ गया है क्योंकि उनसे प्रचंड ही नहीं बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल और झाला नाथ खनल जैसे वरिष्ठ नेता भी काफी नाराज हैं। इन नेताओं की नाराजगी का कारण ओली की लगातार भारत विरोधी टिप्पणियां मानी जा रही हैं।

यह भी पढ़ें...मिशेल ओबामा के साथ इस खास इवेंट में शामिल होंगी प्रियंका, पोस्ट शेयर कर बताया

चीनी राजदूत की कोशिशें विफल

इस बीच नेपाल में चीन की राजधानी होऊ यांगी सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का संकट दूर करने की भरपूर कोशिश कर रही हैं। गुरुवार को उन्होंने वरिष्ठ नेता प्रचंड से उनके निवास पर मुलाकात की और 50 मिनट तक उनके साथ पार्टी का संकट दूर करने पर मंथन किया। यांगी संकट को दूर करने के लिए राष्ट्रपति विद्या भंडारी, पीएम ओली, माधव कुमार नेपाल और झाला नाथ खनल से भी मुलाकात कर चुकी हैं। हालांकि उनकी तमाम कोशिशों के बावजूद अभी तक संकट दूर नहीं हो सका है।

नहीं दूर हो सके प्रचंड व ओली के मतभेद

सत्तारूढ़ पार्टी के प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ठ का कहना है कि कुछ भी हो मगर पार्टी नहीं टूटनी चाहिए क्योंकि यह जनादेश के साथ धोखा होगा। प्रचंड के प्रेस समन्वयक विष्णु सपकोटा ने बताया कि बुधवार को भी प्रचंड और ओली के बीच दो घंटे तक बैठक चली मगर इस बैठक में भी मतभेद दूर नहीं हो सके। दोनों नेता अपने रुख पर अड़े हुए हैं और इस कारण संकट का समाधान नहीं हो रहा है।

यह भी पढ़ें...यूपी बंद: योगी सरकार का फैसला, कल से इतने दिनों का लॉकडाउन

पद छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं ओली

ओली का कहना है कि उन्हें जनादेश मिला है और इसलिए वह प्रधानमंत्री का पद छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। वे पार्टी का अध्यक्ष पद भी अपने पास ही रखना चाहते हैं क्योंकि उनका कहना है कि वह निर्वाचित अध्यक्ष हैं। उन्होंने पिछले दिनों यह आरोप लगाया था कि प्रचंड गुट भारत की मदद से उन्हें कुर्सी से हटाने की साजिश रच रहा है। उनके इस आरोप के बाद सत्तारूढ़ पार्टी का संकट और गहरा गया है।

प्रचंड का ओली पर बड़ा हमला

प्रचंड ओली से काफी नाराज बताए जा रहे हैं और उन्होंने पिछले दिनों पार्टी की स्थायी समिति की बैठक में ओली पर कुर्सी बचाने के लिए किसी भी हद तक जाने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि अपनी कुर्सी बचाने के लिए ओली नेपाली सेना का सहारा ले रहे हैं। उनका आरोप है कि कुर्सी बचाने के लिए ओली पाकिस्तानी मॉडल को अपनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि नेपाल में ऐसे प्रयास सफल नहीं होंगे। पीएम ओली की सेना प्रमुख जनरल पूर्णचंद्र थापा से मुलाकात के बाद सेना की मदद से सत्ता चलाने की अटकलें भी सुनी जा रही हैं।

यह भी पढ़ें...पूर्व CM की पत्नी का कारनामा: आधिकारिक कागजों पर लिखा ऐसा, हो गईं ट्रोल

ओली पर एक पद चुनने का दबाव

प्रचंड के साथ ही स्थायी समिति के कुछ सदस्यों का भी मानना है कि सरकार और पार्टी के बीच में समन्वय का पूरी तरह अभाव है। प्रचंड ने भी कहा था कि ओली को पार्टी के अध्यक्ष पद और प्रधानमंत्री पद में से कोई एक पद चुनना होगा। ओली के कोविड-19 संकट से निपटने के तरीकों पर भी दोनों नेताओं के बीच गंभीर मतभेद है। माना जा रहा है कि कल होने वाली पार्टी की स्थायी समिति की बैठक में ओली के राजनीतिक भविष्य पर मुहर लगेगी।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story