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बड़ी खबर: कैदियों पर कोरोना वैक्सीन का प्रयोग, इस नेता ने दिया प्रस्ताव
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का समर्थन करने वाले देश के एक प्रमुख नेता ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन का प्रयोग कैदियों के ऊपर किया जाना चाहिए।
नई दिल्ली: चीन से फैले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है। दुनियाभर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। अन्य देशों की तरह रूस में भी तेजी से कोरोना वायरस के केस सामने आ रहे हैं। अब तक रूस में कोरोना संक्रमितों की संख्या ने मामले 3 लाख 53 हजार का आंकड़ा पार कर लिया है। जबकि 3633 लोगों की इस घातक बीमारी से जान जा चुकी है।
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कैदियों के ऊपर किया जाना चाहिए वैक्सीन का टेस्ट
कोरोना की रोकथाम के लिए तमाम देश के वैज्ञानिक वैक्सीन खोजने में लगे हुए हैं। इस बीच अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का समर्थन करने वाले देश के एक प्रमुख नेता ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन का प्रयोग कैदियों के ऊपर किया जाना चाहिए।
बदले में कैदियों की सजा कर दी जाए आधी
रूस के प्रमुख नेताओं में शामिल व्लादिमीर झिरिनोवस्की का कहना है कि वैक्सीन के काम में तेजी लाने के लिए कोरोना वैक्सीन का प्रयोग कैदियों के ऊपर किया जाना चाहिए। साथ ही झिरिनोवस्की ने यह भी कहा है कि वैक्सीन के प्रयोग के बदले में जेल में बंद कैदियों की सजा आधी कर दी जाए।
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ऐसा करने से कैदी खुशी से हो जाएंगे तैयार
व्लादिमीर झिरिनोवस्की ने कहा कि हमें वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण तेज करना होगा। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि जेल में बंद कैदी, उनकी सजा आधी कर देने से, खुशी से वैक्सीन के टेस्ट के लिए तैयार हो जाएंगे।
लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता हैं झिरिनोवस्की
डेली मेल की एक रिपोर्ट में Rossiya-24 के हवाले से लिखा गया है कि, व्लादिमीर झिरिनोवस्की ने कहा कि उनकी सजा आधी करने से हजारों कैदी वैक्सीन के परीक्षण में खुशी से शामिल हो जाएंगे। बता दें कि झिरिनोवस्की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता हैं। जो रूसी संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है।
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झिरिनोवस्की के प्रस्ताव का किया जा रहा विरोध
वहीं व्लादिमीर झिरिनोवस्की के प्रस्ताव का विरोध भी किया जा रहा है। झिरिनोवस्की के प्रस्ताव पर कैदियों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था Rossiya Sidyashchaya का कहना है कि रूस में दोषियों को मवेशियों की तरह इस्तेमाल करने का चलन सामान्य है।
दोषी गिनी पिग्स नहीं
संस्था के वकील एलेक्सी फेडयारोव ने कहा कि यह बिल्कुल उसी तरह है, जैसे सोवियत यूनियन ने अपने ही लोगों को न्यूक्लियर टेस्ट से एक्सपोज कर दिया था। वहीं रूसी राष्ट्रपति के मानवाधिकार परिषद के सदस्य एलेक्जैंडर ब्रौड ने पुतिन से अपील की कि वो झिरिनोवस्की की योजना पर अमल ना करें। उन्होंने कहा कि दोषी गिनी पिग्स नहीं हैं।
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