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मचेगी तबाहीः अगर रूस और अमेरिका में छिड़ा अंतरिक्ष में स्टार वार

हॉलीवुड की सुपरहिट फिल्‍म 'स्‍टार वॉर' की तरह दुनिया भी अब स्पेस में वॉर की ओर बढ़ रही है। इस जंग की शुरुआत रूस ने अपने एक सैटेलाइट से दूसरे सैटेलाइट पर मिसाइल हमला करके की है।

Shreya
Published on: 24 July 2020 11:57 AM GMT
मचेगी तबाहीः अगर रूस और अमेरिका में छिड़ा अंतरिक्ष में स्टार वार
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Russia launches anti satellite

नई दिल्ली: हॉलीवुड की सुपरहिट फिल्‍म 'स्‍टार वॉर' की तरह दुनिया भी अब स्पेस में वॉर की ओर बढ़ रही है। इस जंग की शुरुआत रूस ने अपने एक सैटेलाइट से दूसरे सैटेलाइट पर मिसाइल हमला करके की है। वहीं अमेरिकी सेना के स्‍पेस कमान के एक शीर्ष जनरल जॉन 'जय' रेमंड ने कहा कि 15 जुलाई को स्पेस में चक्कर लगा रहे रूस के सैटेलाइट कॉसमॉस 2542 उसके अपने ही सैटेलाइट कॉसमॉस 2543 ने हमला कर दिया।

यूएस इंटेलिजेंस एक्सपर्ट रख रहे हैं रूसी सैटेलाइट पर नजर

अमेरिकी सेना के स्‍पेस कमान ने टाइम मैगजीन से बात करते हुए कहा कि यूएस इंटेलिजेंस एक्सपर्ट रूस के जोड़े सैटलाइट कॉसमॉस 2542 और 2543 पर नजर रख रहे हैं। एक्सपर्ट इसे 26 नवंबर 2019 को सोयूज रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में छोड़े जाने के बाद से ही इस पर नजर बनाए हुए हैं। 'जय' रेमंड ने कहा कि सैटेलाइट लॉन्‍चिंग के 11 दिन बाद दो पार्ट में बंट गया और एक नए सैटेलाइट को जन्‍म दिया।

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अमेरिका के जासूसी उपग्रह के पास आया रूस का कॉसमॉस

मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि अमेरिकी सेना तब से ही इस सैटेलाइट से खुश नहीं थी। इस साल जनवरी के मध्य में दोनों रूसी सैटेलाइट अमेरिका सेना के सबसे ताकतवर जासूसी सैटेलाइट KH-11 के पास आ गए थे। इस घटना को लेकर अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि रूसी सैटेलाइट अमेरिका को धमकाने की कोशिश कर रहा था या फिर उसकी निगरानी कर रहा था।

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अमेरिका ने जताई थी रूस से आपत्ति

अमेरिका रूसी उपग्रहों को देखकर हैरत में आ गया था। इसके बाद अमेरिका ने राजनयिक माध्‍यम से रूस से आपत्ति जताई थी। जिसके बाद Russia Satellite अमेरिकी Satellite से दूर चले गए और पृथ्‍वी के चक्‍कर लगाने लगे।

15 जुलाई को कॉसमॉस 2543 ने एक मिसाइल से किया हमला

अमेरिकी सेना के स्‍पेस कमान ने बताया कि अमेरिका इंटेलिजेंस एक्सपर्ट लगातार रूसी उपग्रहों की निगरानी कर रहे थे। इस बीच 15 जुलाई को रूस के सैटेलाइट कॉसमॉस 2543 ने अंतरिक्ष के बाहरी इलाके में एक मिसाइल से हमला किया। 'जय' रेमंड के मुताबिक, इसके चलते अमेरिका और उसके सहयोगियों के अंतरिक्ष में मौजूद उपग्रहों पर खतरा मंडरा रहा है। अमेरिकी सेना ने पहली बार रूस पर अंतरिक्ष में एंटी सैटलाइट वेपन के परीक्षण का आरोप लगाया है।

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स्पेस में पैदा हुआ वॉर का खतरा

वहीं रूस की ओर से मिसाइल दागने के बाद अब स्पेस में वॉर का खतरा पैदा हो गया है। अमेरिकी सेना कमान और स्‍पेस फोर्स के अन्‍य समर्थकों का कहना है कि रूस अंतरिक्ष में हथियारों से लैस सैटलाइट भेज रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी अंतरिक्ष आधारित प्रणाली का शोषण करने के मकसद से रूस अंतरिक्ष में कक्षा के अंदर अपनी क्षमताएं विकसित करने में जुटा हुआ है।

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ब्रिटेन और जापान की बढ़ी चिंता

वहीं दूसरी ओर रूस के इस कदम ने ब्रिटेन और जापान की चिंता बढ़ा दी हैं। अमेरिका और ब्रिटेन का कहना है कि यह अंतरिक्ष की शांति के लिए खतरा है। ब्रिटेन के एक सूत्र का कहना है कि यह सैटलाइट को स्‍पेस में हथियार के तौर पर इस्‍तेमाल करने के जैसा है। यह अंतरिक्ष को युद्ध के मोर्चे के रूप में बदलने की तरफ एक और कदम है। बता दें कि इससे पहले रूस ने अंतरिक्ष में Anti Satellite Weapon का परीक्षण अंतरिक्ष में किया था, लेकिन वह इतना बड़ा नहीं था।

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अमेरिका समेत इन देशों पर मंडरा रहा है खतरा

बता दें कि अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देश अपने रोजमर्रा की जरूरतों और यहां तक की अत्यंत गोपनीय जरूरतों के लिए भी पूरी तरह से स्पेस पर निर्भर है। अमेरिका के ही एक हजार सैटेलाइट अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहे हैं। अमेरिका में रोजाना तकरीबन छह लाख 50 हजार इमरजेंसी फोन किए जाते हैं, जो कि सैटेलाइट पर ही निर्भर है। इसके अलावा चीन भी तेजी से स्पेस वॉर की तैयार में है। अब चीन और रूस चीन की संयुक्‍त चुनौती से अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए खतरा पैदा हो गया है। संभावना जताई जा रही है कि इससे स्पेस में वेपन की रेस शुरू हो सकती है।

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