×

तेल ठिकानों पर अटैक: सऊदी अरब में तबाही, ईरान पर हमला करेगा अमेरिका!

सऊदी अरब के तेल ठिकानों पर हमले के बाद खाड़ी में संकट खड़ा हो गया है। इसके साथ ही अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ गया है। हमले के बाद तेल उत्पादन क्षमता आधी रह गई है।

Dharmendra kumar
Published on: 5 May 2023 2:58 PM IST
तेल ठिकानों पर अटैक: सऊदी अरब में तबाही, ईरान पर हमला करेगा अमेरिका!
X

नई दिल्ली: सऊदी अरब के तेल ठिकानों पर हमले के बाद खाड़ी में संकट खड़ा हो गया है। इसके साथ ही अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ गया है। हमले के बाद तेल उत्पादन क्षमता आधी रह गई है।

इन हमलों की जिम्मेदारी यमन स्थित शिया हूती विद्रोहियों ने ली है, तो वहीं सऊदी का करीबी सहयोगी अमेरिका ने ड्रोन अटैक के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन ईरान ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। ईरानी सेना के एक सीनियर कमांडर ने तो कहा कि उनका देश अमेरिका के खिलाफ 'पूर्ण युद्ध' के लिए तैयार है।

ट्रंप ने ईरान पर आरोपों के पीछे अमेरिकी इंटेलिजेंस का हवाला दिया है। उन्होंने ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की चेतावनी जारी की है।

यह भी पढ़ें…कश्मीर: SC का बड़ा फैसला, तो इसलिए हिरासत में फारुक अबदुल्ला

ट्रंप ने एक ट्वीट में कहा, सऊदी अरब की तेल आपूर्ति पर हमला किया गया। हमें हमले के दोषी की जानकारी है, लेकिन हम सऊदी से इसकी पुष्टि होने का इंतजार कर रहे हैं। हमारी सेना पूरी तरह से तैयार है।

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने दुनिया की सबसे बड़ी तेल आपूर्ति कंपनी पर हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि इसका कोई सबूत नहीं है, कि हमला यमन से किया गया। माइक पोम्पियो और सऊदी अरब ने सीधे तौर पर ईरान का नाम नहीं लिया।

अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते और आर्थिक प्रतिबंधों को लेकर पहले से ही तनाव है। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि अगर ईरान ने ही इस हमले को अंजाम दिया तो उसने जानबूझकर इतना बड़ा जोखिम क्यों लिया और अब अमेरिका इसका जवाब कैसे देगा?

इस साल जब ईरान ने अमेरिकी सर्विलांस ड्रोन को मार गिराया था तो उस वक्त भी ट्रंप ने सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी थी।

यह भी पढ़ें…सऊदी में हमला: US से ईरान बोला, जंग के लिए तैयार, तेल की कीमतों में लगेगी आग!

अमेरिका फिलहाल ईरान के खिलाफ सबूत जुटा रहा है। रविवार को सेटेलाइट तस्वीरों से यह साफ नहीं हो सका है कि हमला ईरान या इराक की दिशा से हुआ।

अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि सऊदी तेल संयंत्र की तरफ करीब 17 हथियार तैनात किए गए थे, लेकिन सभी अपने लक्ष्य को भेद नहीं सके। बरामद हुए हथियारों की फॉरेंसिक रिपोर्ट से कई सवालों के जवाब मिल जाएंगे जैसे कि इन हथियारों को किसने बनाया और उन्हें किसने लॉन्च किया।

ईरान ने अमेरिका पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह तेहरान के खिलाफ कार्रवाई को उचित ठहराने के लिए यह झूठ बोल रहा है। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मूसावी ने कहा है कि ऐसे निराधार और बिना सोचे-समझे लगाए गए आरोप एवं टिप्पणियां निरर्थक और समझ से परे हैं।’

यह भी पढ़ें…सऊदी अरब के तेल कुओं पर अटैक, 100 साल में पहली बार खड़ा हुआ ये बड़ा संकट

मूसावी के बयान के मुताबिक सऊदी अरब के पूर्वी प्रांत के अब्कैक और खुरैस पर हुए हमलों को लेकर लगाए जा रहे आरोप, ईरान के खिलाफ कार्रवाई को उचित ठहराने के लिए हैं। उन्होंने कहा, ‘ऐसी टिप्पणियां… किसी देश की छवि खराब करने के लिए खुफिया संगठनों का कुचक्र रचने और भविष्य के कदमों की रूपरेखा तैयार करने के लिए की गईं ज्यादा लगती हैं।’

तेल बिक्री को लेकर अमेरिकी प्रतिबंधों से परेशान ईरान, खाड़ी में अमेरिका के सहयोगियों के लिए एक खतरा बन गया है। इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप में ईरान प्रोजेक्ट के अध्यक्ष अली वैज ने कहा, ईरान दिखाना चाहता है कि हार-जीत के मुकाबले को वह पूरी दुनिया के लिए हार में तब्दील कर सकता है।

ईरान रिवॉल्यूशनरी गार्ड के पॉलिटिकल ब्यूरो के पूर्व सदस्य नस्त्र इमानी का कहना है कि ट्रंप प्रशासन और उनके सहयोगी देशों को इसे एक चेतावनी की तरह लेना चाहिए। अगर कुछ हूती विद्रोही इस हद तक तबाही मचा सकते हैं, तो सोचिए कि सैन्य संघर्ष की स्थिति में ईरान क्या कर सकता है।

यह भी पढ़ें…ड्रोन हमले के बाद तेल की कीमत में हाहाकार

मीडिया रिपोर्ट में ईरान रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के सैन्य रणनीतिकार ने नाम ना बताने की शर्त पर सवाल खड़े किए कि क्या हूती ईरान की मदद के बिना अकेले इतना बड़ा हमला कर सकते हैं? ईरानी रणनीतिकार ने कहा, हमला चाहे जिसने भी किया हो लेकिन पश्चिमी देशों और उसके सहयोगियों को संदेश एक ही है- अगर यूएस ईरान पर हमला करता है तो खाड़ी में युद्ध की आग में सब कुछ जलकर खाक हो जाएगा।

ईरानी सेना रेवलूशनरी गार्ड्स के एक सीनियर कमांडर ने अमेरिका को कड़ी चेतावनी दी है। उसने कहा कि इस्लामिक रिपब्लिक ‘पूर्ण युद्ध’ के लिए तैयार है।

ईरान की न्यूज एजेंसी के मुताबिक कमांडर अमीरली हाजीजादेह ने कहा, ‘हर किसी को जानना चाहिए कि अमेरिका के सभी सैन्य अड्डे और एयरक्राफ्ट कैरियर ईरान से 2,000 किलोमीटर के दायरे में हैं जो हमारी मिसाइलों की जद में हैं।’



Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story