ट्रंप की ये सुरंगें: बहुत सारे राज जो नहीं जानते आप, खतरनाक हथियार भी फेल हैं इस पर

व्हाइट हाउस के बाहर हालात बिगड़ने के बाद सुरक्षा अधिकारी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक खुफिर अंडरग्राउंड बंकर में लेकर चले गए। ट्रंप को वहां करीब एक घंटे तक रखा गया। इस बंकर के अलावा भी व्हाइट हाउस में कई सुरंगें हैं, जहां से इमरजेंसी में प्रेसिडेंस और उनकी फैमिली को बाहर निकाला जा सकता है।

Shreya
Published on: 2 Jun 2020 9:09 AM GMT
ट्रंप की ये सुरंगें: बहुत सारे राज जो नहीं जानते आप, खतरनाक हथियार भी फेल हैं इस पर
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वॉशिगंटन: अमेरिका में 46 वर्षीय अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के बाद प्रदर्शनकारियों ने कई शहरों में जमकर हिंसा की। अमेरिका के 30 शहर हिंसा की आग में झुलस गए। इसकी आंच 29 मई को व्हाइट हाउस तक भी पहुंच गई। 29 मई को हजारों की भीड़ में प्रदर्शनकारी व्हाइट हाउस के सामने जमा हो गए। जहां पर उन्होंने उग्र प्रदर्शन किया।

बंकर के अलावा व्हाइट हाउस में कई सुरंगें

व्हाइट हाउस के बाहर हालात बिगड़ने के बाद सुरक्षा अधिकारी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक खुफिर अंडरग्राउंड बंकर में लेकर चले गए। ट्रंप को वहां करीब एक घंटे तक रखा गया। इस बंकर के अलावा भी व्हाइट हाउस में कई सुरंगें हैं, जहां से इमरजेंसी में प्रेसिडेंस और उनकी फैमिली को बाहर निकाला जा सकता है।

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1941 में पर्ल हार्बर अटैक के बाद बनी सुरंगें

अमेरिकी मीडिया में सुरंगों के बनने से पहले ही इसे लेकर अफवाहें उड़ाई जाने लगी थीं। लेकिन साल 1941 में पर्ल हार्बर अटैक के बाद वास्तव में इसे बनाए जाने की जरूरत महसूस की गई और इसका निर्माण शुरू कर दिया गया। साल 1950 में तत्कालीन प्रेसिडेंट हैरी एस ट्रूमैन कार्यकाल में सुरंगों का बनना शुरू हुआ था।

नए सिरे से शुरू हुआ व्हाइट हाउस का निर्माण कार्य

इससे डेढ़ सौ साल पहले बने इस राष्ट्रपति आवास की हालत खस्ता होने लगी थी और उसकी दीवारों पर जगह-जगह दरारें पड़ने लगीं। ये देखते हुए तय किया गया कि इस आवास को दोबारा बनाए जाने की आवश्यकता है। भवन निर्माण के दौरान प्रेसिडेंट ट्रूमैन पास के ही ब्लेयर हाउस में शिफ्ट हो गए। वो वहां पर करीब तीन सालों तक रहें।

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सुरक्षा के लिए एक टनल भी किया गया तैयार

इस दौरान व्हाइट हाउस का निर्माण नए सिरे से शुरू हुआ। इसी बीच सुरक्षा को देखते हुए एक टनल भी तैयार किया गया, जो ईस्ट विंग को वेस्ट विंग से जोड़ती थी। इसके माध्यम से खुफिया बंकर तक पहुंचा जा सकता था।

आतंकी धमकियां बढ़ने के बाद बनाई गईं एक और सुरंग

उसके बाद साल 1987 में दूसरी खुफिया सुरंग तैयार की गई। उस समय Ronald Reagan अमेरिका के राष्ट्रपति हुआ करते थे। Ronald Reagan के कार्यकाल में आतंकी हमलों की धमकियां बढ़ने के बाद ये खुफिया सुरंग तैयार की गई थी।

व्हाइट हाउस की वेबसाइट के मुताबिक, इस सुरंग के जरिए राष्ट्रपति एक खुफिया सीढ़ी तक पहुंच सकते हैं। जो ओवल ऑफिस के पास है, यहां पर एक बटन दबाने से सीक्रेट दरवाजा खुल जाता है। हालांकि ये दरवाजा कहां ले जाता है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।

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राष्ट्रपति फ्रैंकलिन के कार्यकाल में भी बनी थी एक सुरंग

इसके अलावा भी एक सुरंग है, जिसके बारे में काफी लोग परिचित हैं। ये खुफिया सुरंग ईस्ट विंग के बेसमेंट से होते हुए ट्रेजरी बिल्डिंग तक ले जाती है। इसे अमेरिका के 33वें राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट ने बनवाया था। इस खुफिया सुरंग को इस तरह से तैयार किया गया है कि इस पर हवाई हमलों का कोई असर ना हो।

ओल्ड एग्जीक्यूटिव ऑफिस बिल्डिंग से जोड़ती है ये सुरंग

एक और सुरंग है जो व्हाइट हाउस को ओल्ड एग्जीक्यूटिव ऑफिस बिल्डिंग से जोड़ती है। हालांकि इसके बारे में कहा जाता है कि ये टनल बहुत सी जगहों पर खुलती है, जहां से बाहर कई सुरक्षित जगहों पर पहुंचा जा सकता है, जो अज्ञात है। हालांकि इस बात का कोई लिखित प्रमाण नहीं है।

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GSA ने तैयार की हैं खुफिया बंकर और सुरंगें

सरकारी इमारतों की सुरक्षा तय करने वाली संस्था GSA ने President's Emergency Operations Center के तहत खुफिया बंकर और सुरंगें तैयार की हैं। एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, इसके निर्माण कार्य को पूरी तरह से गुप्त रखा गया है। सीक्रेट बंकर की दीवार मोटे कंक्रीट की बनी होने की वजह से उस पर परमाणु बम या किसी भी रिडेएशन का असर नहीं हो सकता है।

साथ ही ऐसी व्यवस्था भी की गई है कि जमीन के अंदर होने के बावजूद भी बंकर और सुरंगों में पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती रहती है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिर, बंकर और सुरंगों के भीतर इतना खाना हमेशा रखा रहता है कि आपात हालातों में कई महीने चल सकता है।

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