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कोरोना का कोहराम: इस मुस्लिम देश के प्रमुख नेता की वायरस से हुई मौत

ईरान के सर्वोच्च नेता का चुनाव करने वाले शीर्ष धार्मिक संगठन के 78 वर्षीय सदस्य आयतुल्ला हाशीम बाथेई की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हो गई।

Aradhya Tripathi
Published on: 16 March 2020 12:09 PM GMT
कोरोना का कोहराम: इस मुस्लिम देश के प्रमुख नेता की वायरस से हुई मौत
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कोरोना वायरस का कहर अब पूरी दुनिया में फैल चुका है। दुनिया का लगभग हर देश अब इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ चुका है। अब नया मामला ईरान का है।

ईरान के सर्वोच्च नेता का चुनाव करने वाले शीर्ष धार्मिक संगठन के 78 वर्षीय सदस्य की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हो गई। ईरानी समाचार एजेंसियों की रिपोर्टों के अनुसार 'मजिलसे खबरगाने रहबरी' के सदस्य आयतुल्ला हाशीम बाथेई की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हो गई है।

इस मजलिस को देश के शीर्ष नेता का चुनाव करने और उसे हटाने का अधिकार प्राप्त है। यही नेता देश की सभी महत्वपूर्ण नीतियों पर अंतिम फैसला लेती है।

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24 घंटे में 129 मौतें

समाचार एजेंसियों ने सोमवार को बताया कि ईरान के कई शीर्ष अधिकारी इस वायरस से संक्रमित हैं। जिनमें से कई की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। ईरान में बीते 24 घंटों में कोरोना वायरस से 129 और लोगों की मौत हो गयी है। जिसके बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 853 हो गयी है जबकि 14000 से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में हैं।

अमेरिका पर लगाए आरोप

रविवार को ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने ईरान में कोरोना से हो रही मौतों के लिए अमेरिका के लगाए आर्थिक प्रतिबंधों को जिम्मेदार बताया था। जावेद ने कहा था- राष्ट्रपति हसन रूहानी ने दुनिया भर के अपने समकक्षों को एक ख़त लिखकर बताया है कि ईरान ने कैसे कोरोना से लड़ने का काम किया है।

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हालांकि अमेरिका के लगाए आर्थिक प्रतिबंध इन अभियान की राह में लगातार रोड़ा बन रहे हैं। ये अमानवीय है कि किसी की धौंस के चलते निर्दोष लोगों की जान जा रही है। ये वायरस राजनीति और भूगोल नहीं समझता है, और ऐसे वक़्त पर हमें भी ये सब नहीं देखना चाहिए।

मरने वालों में अधिकतर 50 वर्ष से उपर

सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने इस महामारी के खिलाफ अभियान का नेतृत्व कर रहे अली रेजा ज़ली के हवाले से कहा, यदि यही प्रवृत्ति जारी रहती है, तो संसाधन पर्याप्त नहीं होंगे।

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ऐसा माना जाता है कि ईरान में लगभग 110,000 अस्पताल बिस्तर हैं जिसमें से 30,000 तो राजधानी तेहरान में हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मारे गये लोगों में 55 प्रतिशत लोग 60 साल के आसपास जबकि 15 प्रतिशत 40 वर्ष से अधिक उम्र के थे।

Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

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