TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

सिर्फ 38 सौ की है यह टेस्टिंग किट, इतनी जल्दी मिल जाएगा कोरोना की जांच का नतीजा

दुनिया भर में कोरोना से जंग लड़ने के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में इजरायल के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी टेस्टिंग किट बनाने में कामयाबी हासिल की है जो मात्र एक मिनट में रिजल्ट बता देती है।

Ashiki
Published on: 29 May 2020 10:04 AM IST
सिर्फ 38 सौ की है यह टेस्टिंग किट, इतनी जल्दी मिल जाएगा कोरोना की जांच का नतीजा
X

नई दिल्ली: दुनिया भर में कोरोना से जंग लड़ने के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में इजरायल के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी टेस्टिंग किट बनाने में कामयाबी हासिल की है जो मात्र एक मिनट में रिजल्ट बता देती है। इस टेस्टिंग किट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसकी कीमत मात्र 3800 रुपए है और इस टेस्ट के लिए किसी लैब की भी जरूरत नहीं है। कोरोना का पता लगाने के लिए इसमें नाक, गले और फूंक से सैंपल लिया जाता है।

ये भी पढ़ें: भगवान पी रहे कोल्ड ड्रिंक: मंदिर का बदला नजारा, गर्मी से शिवजी को ऐसे मिली राहत

90 फीसदी तक सटीक परिणाम

इजरायल की बेन गुरियन यूनीवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस टेस्टिंग किट को बनाने में कामयाबी हासिल की है। इस इलेक्ट्रो ऑप्टिकल कोरोना टेस्टिंग किट के जरिए एक मिनट में ही इस बात का पता लग जाता है कि कौन कोरोना पॉजिटिव है और कौन बिना लक्षण के ही इस वायरस से संक्रमित है। नाक, गले और फूंक से सैंपलन लेने के बाद यह किट काफी सटीक नतीजे बताती है। शोधकर्ताओं का दावा है कि यह टेस्टिंग किट 90 फ़ीसदी तक सटीक परिणाम देने में सक्षम है। इस किट की कीमत मात्र 3800 रुपए होने के कारण ज्यादा से ज्यादा लोग इसकी मदद से वायरस की पहचान कर सकते हैं। किट की कीमत दूसरे पीसीआर टेस्ट से कम है।

ये भी पढ़ें: देश में जल्द लागू होगी नई शिक्षा नीति, जानिए कैसे होगी स्कूलों में पढ़ाई

सेंसर की मदद से काम करती है किट

शोधकर्ताओं का कहना है कि इस किट को खास तरह के सेंसर की मदद से बनाया गया है। यह सेंसर कोरोना वायरस को पहचानने का काम करता है। जब कोई मरीज इस टेस्टिंग किट में हवा फूंकता है तो ड्रॉपलेट्स के जरिए वायरस सेंसर तक पहुंच जाते हैं। इस सेंसर से एक क्लाउड सिस्टम जुड़ा रहता है। सेंसर सिस्टम का विश्लेषण करने के बाद मरीज के पॉजिटिव या निगेटिव होने के बारे में बताता है।

जांच के लिए लैब की जरूरत नहीं

शोधकर्ताओं का कहना है कि दुनिया के तमाम देश टेस्टिंग लैब की दिक्कतों से जूझ रहे हैं। ऐसे में यह टेस्टिंग किट काफी मददगार साबित होगी क्योंकि इसके लिए लैब की जरूरत नहीं है। टेस्ट किसी भी स्थान पर किया जा सकता है और इस रूप में एयरपोर्ट, स्टेडियम, रेलवे स्टेशनों आदि स्थानों पर यह जांच किट काफी मददगार साबित होगी क्योंकि ऐसी जगहों पर रैपिड टेस्ट की जरूरत होती है।

ये भी पढ़ें: कश्मीर में माहौल बिगाड़ने की पाक की बड़ी साजिश, आतंकी संगठनों की कर रहा मदद

इतनी जल्दी बता देती है नतीजा

शोधकर्ता प्रोफेसर सारुसि का कहना है कि इस टेस्टिंग किट की मदद से एक मिनट में ही नतीजे का पता लग जाता है। कोरोना वायरस के कण नैनो पार्टिकल की तरह होते हैं। उनका आकार 100 से 140 नैनोमीटर होता है। उनका कहना है कि पीसीआर किट वायरस के आरएनए और डीएनए को पहचान कर रिपोर्ट देती है। इस कारण इस प्रक्रिया में कई घंटे का समय लग जाता है जबकि इस किट के जरिए सिर्फ एक मिनट में मरीज के कोरोना पॉजिटिव या निगेटिव होने के बारे में जानकारी मिल जाती है।

अब एफडीए का अप्रूवल लेने की तैयारी

प्रोफ़ेसर सारुसि का कहना है कि इस टेस्टिंग किट की मदद से कम समय में ही अधिक मरीजों की जांच की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस टेस्टिंग किट के शुरुआती ट्रायल से ही काफी अच्छे नतीजे मिले हैं। शोधकर्ता अब इस टेस्टिंग किट के लिए फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) से मंजूरी लेने की तैयारी कर रहे हैं ताकि इसे जल्द ही अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सके।

ये भी पढ़ें: एशिया में भारत कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित, एक्टिव केसों के मामले में इस नंबर पर पहुंचा



\
Ashiki

Ashiki

Next Story