×

अफगानिस्तान पर ट्रंप का बड़ा ऐलान, अमेरिका ने लिया ये फैसला, कांपा पाकिस्तान

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी लोगों को यह आशा करनी चाहिए कि 25 दिसंबर तक अफगानिस्‍तान में बाकी बचे सैनिक वापस लौट आएंगे।

Newstrack
Published on: 8 Oct 2020 7:11 AM GMT
अफगानिस्तान पर ट्रंप का बड़ा ऐलान, अमेरिका ने लिया ये फैसला, कांपा पाकिस्तान
X
अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी लोगों को यह आशा करनी चाहिए कि 25 दिसंबर तक अफगानिस्‍तान में बाकी बचे सैनिक वापस लौट आएंगे।

वॉशिंगटन: अफगानिस्तान को लेकर अमेरिका ने बड़ा ऐलान किया है। अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने घोषणा की है कि अफगानिस्‍तान में बचे हुए अमेकिरी सैनिकों को क्र‍िसमस तक घर आ जाना चाहिए। अफगानिस्‍तान में अमेरिका के हमले के 19 साल पूरे होने पर ट्रंप ने यह बयान दिया है।

25 दिसंबर तक अमेरिकी सैनिकों की वापसी

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी लोगों को यह आशा करनी चाहिए कि 25 दिसंबर तक अफगानिस्‍तान में बाकी बचे सैनिक वापस लौट आएंगे। इससे पहले बुधवार को व्हाइट हाउस के नेशनल सिक्‍यॉरिटी एडवाइजर रॉबर्ट ओ ब्रायन ने दावा किया था कि साल 2021 की शुरुआत तक अफगानिस्‍तान से संतोषजनक संख्‍या में सैनिकों में कर दी जाएगी।

जब ट्रप बने थे राष्ट्रपति तब 10 हजार अमेरिकी सैनिक तैनात थे

उन्‍होंने कहा कि जब राष्‍ट्रपति ट्रंप ने कार्यभार संभाला था तब अफगानिस्‍तान में 10 हजार अमेरिकी सैनिक तैनात थे। वर्तमान समय में सैनिकों की संख्‍या 5 हजार है। अगले साल की शुरुआत तक यह संख्‍या घटकर 2500 तक पहुंच जाएगी।

US Army

ये भी पढ़ें...अभी-अभी बड़ा हादसा: हर तरफ मच गई गई चीख-पुकार, 14 लोग बुरी तरह से झुलसे

तो वहीं अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री डेविड हेल्‍वे का विश्‍वास है कि मई 2021 तक सभी सैनिक अफगानिस्‍तान से वापस लौट जाएंगे। ब्रायन ने इस बात पर जोर देकर कहा था अमेर‍िकी सैनिकों के घर लौटने की आवश्यकता है। उन्‍होंने बताया कि अफगान लोगों और तालिबान के बीच एक शांति समझौते पर बातचीत हो रही है। ब्रायन के दावे के उलट ही अफगानिस्‍तान में आम नागरिकों पर हमले जारी हैं।

ये भी पढ़ें...रेल यात्रियों पर बड़ी खबर: अमेजन से भी बुक होगा ट्रेन का टिकट, मिलेंगे ये सभी फायदे

ट्रंप को डेट की घोषणा नहीं करना चाहिए थी

विश्‍लेषकों का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप को तारीख की घोषणा नहीं करना चाहिए थी। इस कारण तालिबान के साथ बातचीत के मेज पर अमेरिका कमजोर पड़ गया है। विश्‍लेषकों के मुताबिक यही नहीं तालिबान के अंदर एक बड़ा धड़ा है जो यह मानता है कि वह अफगानिस्‍तान के अधिकतर इलाकों पर फिर से कब्‍जा कर सकता है। तालिबान का मानना है कि शांति समझौता सिर्फ देश में मौजूद बड़ी शक्तियों के लिए केवल एक छूट है।

कुछ भी हो अमेरिका के इस फैसले के बाद पाकिस्तान को डर सत रहा है।

ये भी पढ़ें...15 अक्टूबर से स्कूलः छात्र हो जाएं तैयार, यहां से होने जा आ रही शुरुआत

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story